नीतीश कुमार विकास पुरुष, क्षत्रिय समाज का उनसे बड़ा कोई हितैषी नहीं, इतिहास उठाकर देख लीजिए : जदयू एमएलसी संजय सिंह

Spread the news

पटना/बिहार : जदयू के वरिष्ठ नेता व एमएलसी संजय सिंह का कहना है कि नीतीश कुमार राजपूतों के विरोधी नहीं है कुछ लोग हैं जो नीतीश की छवि को राजपूत विरोधी बताने में लगे रहते हैं नीतीश कुमार ने अपनी राजनीति के शुरुआती दौर से ही राजपूत नेताओं को मान सम्मान दिया, राजनीति में कोई स्थाई मित्र या स्थाई दुश्मन नहीं होता है लोगों की विचारधाराएं बदलती हैं और लोग दूसरे रास्ते पर चले जाते हैं। यहां मतभेद होता है मन भेद नहीं होता। आज अपने आवास पर एक विशेष बातचीत पर जदयू एमएलसी संजय सिंह ने बिहार में राजपूत पॉलिटिक्स को लेकर कई बड़े खुलासे किए उन्होंने कहा कि पूर्व सांसद प्रभुनाथ बाबू उमाशंकर सिंह स्वर्गीय अजीत सिंह दिग्विजय सिंह पप्पू बाबू स्वर्गीय नरेंद्र सिंह जी आनंद मोहन नीतीश कुमार जी के शुरुआती दौर के सहयोगी साथी रहे, उचित मौके पर सब को उचित मान-सम्मान भी मिला। राजपूत समाज से ही आने वाले वरिष्ठ पत्रकार हरिवंश जी को पार्टी ने लगातार दूसरी बार राज्यसभा भेजा राज्यसभा में उपसभापति के पद पर हैं। अभिभावक वशिष्ठ नारायण सिंह पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष रहे राज्यसभा के सांसद रहे एन के सिंह जी राज्यसभा के सांसद रहे जदयू में वर्तमान समय में भी राजपूतों को उचित मान सम्मान मिला है। राजपूत कोटे से दो लोग बिहार में मंत्री हैं।

पूर्व सांसद आनंद मोहन के रिहाई के सवाल पर उन्होंने कहा कि वे लगातार इस मुद्दे को मुख्यमंत्री के समक्ष उठाते रहे उन्होंने कहा कि पूर्व सांसद आनंद मोहन उनके संबंधी भी हैं, पुत्री के विवाह में उनके पैरोल पर बाहर आने की सूचना खुद मुख्यमंत्री ने उन्हें दी और उन्होंने पूर्व सांसद लवली आनंद को फोन करके इसकी सूचना दी। एक सवाल के जवाब में संजय सिंह ने कहा कि आनंद मोहन जिस मामले में सजा काट रहे हैं वह उनके साथ अन्याय हुआ है पर न्यायालय के किसी निर्णय पर कोई टीका टिप्पणी नहीं की जा सकती है। राज्य सरकार के स्तर से जो कुछ पूर्व सांसद आनंद मोहन के रिहाई के लिए संभव है उसके लिए वह सदैव हर स्तर पर हर मंच पर सवाल उठाते रहे हैं तथा उचित फोरम पर अपनी बातों को रखते भी हैं इन दिनों वह पूरे बिहार में राजपूत समुदाय को एकजुट करने के लिए दौरे पर निकले हैं, लगातार बिहार के विभिन्न जिलों में जा रहे हैं जिस तरह से समाज के लोग पूरी एकजुटता के साथ उनकी सभाओं में आ रहे हैं सीधे अपने मन की बात कह रहे हैं इससे तो एक बात जरूर साफ है कि कुछ लोग राजपूत समाज को दिग्भ्रमित करने की कोशिश में लगे हैं उन्हें बताना चाहिए कि जिस समाज का इतिहास है जिस समाज ने समय-समय पर कुर्बानियां देकर देश की रक्षा की है उसे अन्य पार्टियों ने कितना सम्मान दिया है।

Sark International School

 संजय सिंह ने सीधे भाजपा पर बड़ा हमला बोलते हुए कहा कि वह बताएं उनके दल में राजपूतों को कितना सम्मान मिला है। पूर्व कृषि मंत्री स्वर्गीय नरेंद्र सिंह की चर्चा करते हुए संजय सिंह ने कहा कि वे उनके आदरणीय रहे हैं उनके पुत्र और छोटे भाई सरीखे निर्दलीय विधायक सुमित कुमार सिंह लगातार एनडीए गठबंधन सरकार में और महा गठबंधन सरकार में मंत्री है। एनडीए सरकार के समय सुमित सिंह ने नीतीश सरकार को समर्थन दिया था लेकिन महा गठबंधन सरकार में पूर्ण बहुमत की सरकार होने के बावजूद नीतीश कुमार ने सुमित कुमार सिंह को मंत्री बनाया है जो मुख्यमंत्री का राजपूतों के प्रति प्रेम को दर्शाता है। खुद के मंत्री बनने के सवाल पर संजय सिंह ने कहा कि वे कभी भी मंत्री नहीं बनना चाहते हैं सबसे उनका बेहतर संबंध है और जब कार्यकर्ता उनके पास आते हैं तो वे उनकी हर संभव मदद की कोशिश करते हैं पटना में महाराणा प्रताप की प्रतिमा लगाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि खुद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी ने टाइम्स ऑफ इंडिया गोलंबर( स्वामीनाथन गोलंबर) को महाराणा प्रताप की प्रतिमा लगाने के लिए चिन्हित किया है जल्द ही वहां प्रतिमा लगेगा और भव्य कार्यक्रम का आयोजन होगा।

 संजय सिंह ने कहा की राजनीति उन्हें विरासत में नहीं मिली है बैंक की नौकरी करते थे अच्छे संपन्न परिवार से आते हैं उन्होंने लोजपा से अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की जहां रहे पूरी ईमानदारी से रहे उन्हें नीतीश कुमार ने बिहार का भविष्य नजर आया बिहार का विकास नजर आया और वे उनकी नीतियों से प्रभावित होकर जदयू में आ गए वे खुद को जदयू का कार्यकर्ता मानते हैं पार्टी जिस स्तर पर जिस रूप में उन्हें जो जिम्मेवारी सौंपी है उसे पूरी ईमानदारी से पूरा करने की कोशिश करते हैं। 2021 में मधुबनी में हुए नरसंहार की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि कुछ चीजों पर राजनीति नहीं होनी चाहिए आप पता कर लीजिए जो उस परिवार का घायल व्यक्ति पटना के पारस हॉस्पिटल में एडमिट था वह ठीक है उसके इलाज में जो कुछ संभव हुआ मैंने अपने स्तर से हरसंभव कोशिश की प्रतिवर्ष समाज के 20 बेटियों की शादी करवाता हूं पर ढिढोरा नहीं पीटता जितना कुछ संभव होता है लोगों की मदद करता हूं, सार्वजनिक जीवन में हूं इसलिए सुचिता का भी पूरा पालन करता हु। संजय सिंह ने कहा कि वह भगवान के पास अर्जी देने नहीं गए थे कि उनका जन्म क्षत्रिय कुल में हो पर उनका जन्म में कैसे कुल में हुआ है जो त्याग समर्पण और राष्ट्र सेवा के लिए जाना जाता है यह उनके लिए भी गौरव की बात है। संजय सिंह ने कहा कि वे जाति से राजपूत हैं इस कारण से जरूर राजपूतों के सवाल पर मुखर होते हैं पर राजनीति में है तो सर्व समाज की स्थापना के लिए सदैव प्रयासरत रहते हैं।

रिपोर्ट :- अनूप नारायण सिंह


Spread the news