मधेपुरा/बिहार (प्रेस विज्ञप्ति) : दर्शन परिषद्, बिहार का 43वां अधिवेशन लतित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय, दरभंगा में 6-8 नवंबर, 2022 तक सुनिश्चित है। इसमें बीएनएमयू के पूर्व कुलपति डॉ. ज्ञानंजय द्विवेदी सहित शिक्षक एवं शोधार्थी भाग लेंगे।
इस आशय की जानकारी आज ठाकुर प्रसाद महाविद्यालय मधेपुरा, के दर्शनशास्त्र विभागाध्यक्ष डॉ. सुधांशु शेखर ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर दी है, उन्होंने बताया कि डॉ. द्विवेदी को सम्मेलन में सिया देवी, माधवपुर (खगड़िया) व्याख्यान के मुख्य वक्ता के रूप में विशेष रूप से आमंत्रित किया गया है। यह व्याख्यान डॉ. शेखर ने अपनी देशभक्त नानी स्वतंत्रता सेनानी सिया देवी की स्मृति में शुरू कराई है, जिन्होंने अपने हाथ में ‘जय हिंद’ गुदवाया था। डॉ. शेखर को भी एक व्याख्यान के लिए आमंत्रित किया गया है, जो वहां ‘बुजुर्ग विमर्श’ पर अपनी बात रखेंगे। सम्मेलन में बीएनएमयू के रमेश झा महिला महाविद्यालय, सहरसा के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. प्रत्यक्षा राज को श्री अरविंद दर्शन के विविध आयाम विषयक संगोष्ठी और एच. एस कालेज, निर्मली के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. रणधीर कुमार को मिथिला की दार्शनिक विरासत विषयक संगोष्ठी में आमंत्रित किया गया है। विश्वविद्यालय के कई शोधार्थी भी सम्मेलन में तत्त्वमीमांसा, ज्ञान मीमांसा, धर्म दर्शन, समाज दर्शन, नीति दर्शन एवं तर्क एवं वैज्ञानिक विधि आदि विभागों में शोध पत्र प्रस्तुत करेंगे।
डॉ. शेखर ने बताया कि यह सम्मेलन शिक्षकों एवं शोधार्थियों के लिए एक बहुत ही बड़ा अवसर है। इसमें देश के बड़े-बडे़ दार्शनिकों के विचारों को सुनने का अवसर मिलेगा। इनमें पद्मश्री प्रो. (डॉ.) रामजी सिंह, प्रो. (डॉ.) सोहन राज तातेड़ (जोधपुर), प्रो. (डॉ.) सभाजीत मिश्र (गोरखपुर), प्रो. (डॉ.) आई. एन. सिन्हा (पटना), प्रो. (डॉ.) आर. सी. सिन्हा (पटना), प्रो. (डॉ.) राजकुमारी सिन्हा (रांची), प्रो. (डॉ.) जटाशंकर (प्रयागराज) एवं सामान्य अध्यक्ष प्रो. (डॉ.) निर्मला झा (मुजफ्फरपुर) के नाम शामिल हैं। परिषद् की अध्यक्षा प्रो. (डॉ.) पुनम सिंह एवं महिसचिव डॉ. श्यामल किशोर के मार्गदर्शन में आयोजन सचिव डॉ. राजीव कुमार तैयारियों को अंतिम रूप देने में लगे हैं।