मधेपुरा/बिहार : भूपेंद्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय में विश्वविद्यालय प्रशासन एवं विभाग पर पैट-2020 के रिजल्ट में धांधली का आरोप लगाकर आमरण अनशन पर बैठे सनोज कुमार का अनशन शनिवार को तीसरे दिन भी जारी रहा. सनोज की हालत तीसरे दिन बिगड़ गई. जिसके बाद अनशनकारी सनोज को जबरन विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने सदर अस्पताल भिजवा दिया. हालांकि बाद में पुन: सनोज सदर अस्पताल से भागकर विश्वविद्यालय पहुंच गया.
ज्ञात हो कि गुरुवार से ही पैट-2020 के रिजल्ट में गड़बड़ी को लेकर तीन अभ्यर्थियों द्वारा विश्वविद्यालय परिसर में आमरण अनशन शुरू किया था. जिसमें से पहले दिन एक महिला लक्ष्मी जायसवाल एवं दूसरे दिन एक दूसरा अभ्यर्थी रमेश राम आमरण अनशन समाप्त कर घर चला गया, लेकिन तीसरा अभ्यर्थी सनोज कुमार नामांकन होने तक आमरण अनशन पर डटे हुये हैं.
पीजी में कम अंक वाले को इंटरव्यू में अधिक अंक देकर किया गया चयनसूची में शामिल : अनशन कर रहे सहरसा जिले के सौर बाजार थाना क्षेत्र के बरसम निवासी सनोज कुमार ने बताया कि उन्होंने इतिहास विषय में पैट-2020 में शामिल हुए थे. लिखित परीक्षा में वे क्वालीफाइड हैं. निर्धारित तिथि को वे इंटरव्यू में शामिल हुये थे. जहां एक्सपर्ट के द्वारा पूछे गये सभी पांच सवालाें का उत्तर दिया था, लेकिन नामांकन के लिए जारी चयनसूची में उनकाे में शामिल नहीं किया गया है. उन्होंने कहा कि विभागाध्यक्ष अपने चहेते एवं पैरवी पुत्रों का नाम ही अंतिम चयनसूची में शामिल किया. जिसके कारण मेधावी छात्रों का नामांकन नहीं हो पाया है. उन्होंने कहा कि स्नातकोत्तर में उनसे कम वाले छात्र को इंटरव्यू में अधिक अंक देकर चयनसूची में शामिल कर लिया गया है.
मंत्री, सांसद एवं विधायक से पैरवी कराने वाले छात्रों का होता है नामांकन : सनोज कुमार ने बताया कि शुक्रवार की देर शाम कुछ छात्र नेता व विश्वविद्यालय के अधिकारी अनशन स्थल पर पहुंच अनशन को समाप्त करवाने की कोशिश की. इस दौरान एक छात्र रमेश राम को जबरन जूस पिलाकर अनशन समाप्त करवा दिया गया. जबकि सनोज के साथ भी जबरन अनशन समाप्त कराने की कोशिश की गई, लेकिन वह नहीं माना. सनोज ने बताया कि जब तक विश्वविद्यालय प्रशासन उनका नामांकन नहीं लेता है, तब तक वे अनशन करते रहेंगे. उन्होंने बताया कि यहां मंत्री, सांसद एवं विधायक से पैरवी कराने वाले छात्रों का नामांकन होता है. उन्होंने बताया कि इंटरव्यू के समय विभाग में वीडियो रिकॉर्डिंग भी नहीं कराई गई थी. नामांकन के लिए जारी सूची में आरक्षण रोस्टर का भी पालन नहीं किया गया है. यह सरासर गरीब व कमजोर छात्रों के साथ अन्याय है.
विश्वविद्यालय प्रशासन बलपूर्वक तुड़वाना चाहता है अनशन, दे देंगे जान : सनोज कुमार को शनिवार की दोपहर में विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने जबरन एबुलेंस बुलाकर सदर अस्पताल पहुंचा दिया. इस दौरान खींचातानी में छात्र सनोज का शर्ट भी फट गया. सदर अस्पताल पहुंचने पर उन्होंने कोई भी दवा लेने से साफ मना कर दिया एवं वापस विश्वविद्यालय पहुंच गया. उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन बलपूर्वक अनशन तुड़वाना चाहता है, लेकिन इन धमकियों से वे डरने वाले नहीं हैं. उन्होंने कहा कि दोषी विभागाध्यक्ष पर कार्रवाई हो एवं उनका नामांकन पीएचडी कोर्स वर्क में लिया जाये, अन्यथा वे विश्वविद्यालय कैंपस में ही अपनी जान दे देंगे. विश्वविद्यालय के प्रॉक्टर डा बीएन बिवेका ने बताया कि अपनी मांगों को लेकर दो छात्र अनशन पर बैठा था. शुक्रवार की शाम एक छात्र अनशन समाप्त कर दिया. जबकि दूसरे छात्र को चिकित्सकों की टीम के द्वारा सदर अस्पताल ले जाया गया.