मधेपुरा/बिहार : जिला अभिलेखागार में कर्मचारियों की मनमानी, फोटो स्टेट मशीन खराब होने, कागज के लिए चाय दुकान पर पैसों के खेल की लगातार शिकायत मिलने के बाद वाम छात्र संगठन एआईएसएफ और युवा संगठन एआईवाईएफ के तीन सदस्यीय शिष्टमंडल ने सम्बन्धित विभाग के वर्तमान प्रभारी डीआरडीए के निदेशक को आवेदन देकर मामले की शिकायत की और अविलंब पहल की मांग की।
सौंपे मांगपत्र में एआईएसएफ राष्ट्रीय परिषद् सदस्य सह एआईवाईएफ जिलाध्यक्ष हर्ष वर्धन सिंह राठौर ने कहा कि दो महीने से अधिक समय से जिले के विभिन्न प्रखंडों के किसान विभिन्न प्रकार के जमीनी कागज के नकल के लिए चक्कर काट रहे हैं क्योंकि सर्वे का काम तेजी से हो रहा है। लेकिन विभाग फोटो स्टेट मशीन खराब होने की बात कह उन्हें महीनों से दौरा रहा है। हर दो चार दिन के बाद आने पर यही बात दोहराई जाती है। जब किसान थक हार जाते हैं तब उनसे पैसों का डिमांड किया जाता है और पैसों का खेल समाहरणालय के सामने चाय दुकान पर किया जाता है।
ज्ञातव्य हो कि अभी जमीन के सर्वे का काम तेजी से चल रहा है, जिसमें जमीनी कागजों की बहुत जरूरत होती है। ऐसे में डेढ़ महीने से अधिक से खराब मशीन का ठीक नहीं करवाना अथवा नया मशीन नहीं लेने पर राठौर ने सवाल खड़ा करते हुए इसे लचर व्यवस्था की पराकाष्ठा बताया।
जिले के सिंघेश्वर प्रखंड के बैहरी पंचायत के किसान तेज प्रताप सिंह, मुरलीगंज के किसान राम गोपाल प्रसाद, मानपुर के रूपेश, कमर गमा के रूपेश कहते हैं दो महीनों से लगातार दौड़ रहे हैं, लेकिन समय व पैसा के इतने खर्च के बाद भी अभी तक कागज नहीं मिला, हर बार दो चार दिन बाद आने को कहा जाता है। कार्यालय में दलाल हमेशा हावी रहते हैं, पैसा लेकर भी काम नहीं करते हैं, अब हिम्मत भी जवाब देने लगी है। एआईवाईएफ राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य शम्भु क्रांति ने वार्ता के क्रम में कहा कि यह बहुत दुखद है कि डीएम साहब के कान के नीचे इतनी कुव्यवस्था है, दूर दराज के क्षेत्रों की हालत क्या होगी, इसका अंदाजा लगाया जा सकता है। इस गम्भीर मामले की शिकायत मिलने पर जब एआईएसएफ और एआईवाईएफ ने तहकीकात की तो सारे आरोप साक्ष्य सहित सही साबित हुए हैं। इसलिए इस कुव्यवस्था को अविलंब दूर किया जाए। फोटो स्टेट मशीन खराब नहीं, बल्कि धीरे काम करता है, यह एडीएम ने स्वीकार किया था, इससे साफ है कि कर्मचारी झूठ बोल रहे हैं।
एआईवाईएफ जिला सचिव सौरव कुमार ने कहा कि अविलंब इस कुव्यवस्था को दूर किया जाए और ऑफिस अवधि में कर्मचारियों के चाय दुकान की बैठकी पर रोक लगाई जाए, जिससे घूसखोरी पर लगाम लगे।इस दौरान संगठन के सदस्यों ने ऑफिस अवधि में कर्मचारियों कार्यालय से फरार रहने के साक्ष्य भी दिए। विभिन्न प्रखंडों से दर्जनों की संख्या में आए किसानों ने कहा कि अभी सर्वे का काम चल रहा है, जिसमें कागजों की ही जरूरत है, जिसका नाजायज फायदा विभाग उठा रहा है।
वार्ता के क्रम में डीआरडीए निदेशक ने कहा कि वो इस मामले को गम्भीरता से देखेंगे और अतिशीघ्र समस्याओं को सुलझाया जाएगा। छात्र युवा नेताओं ने संयुक्त रूप से कहा कि अविलंब अगर पहल नहीं होती है तो प्रशासनिक मनमानी व घूसखोरी को लेकर आंदोलन शुरू किया जाएगा, लगातार एक महीने के मेहनत के बाद संगठन के पास सम्बन्धित सारे साक्ष्य जमा हो चुके हैं।