मधेपुरा (बिहार) : जिला प्रशासन के द्वारा जिला मुख्यालय स्थित कला भवन में शनिवार को फरोग-ए-उर्दू सेमिनार एवं मुशायरा का आयोजन किया गया. जिसका उदघाटन जिला पदाधिकारी श्याम बिहारी मीणा, अपर समाहर्ता रविंद्र नाथ प्रसाद सिंह, जिला प्रोग्राम पदाधिकारी मो कबीर, जिला कार्यक्रम पदाधिकारी राशिद नवाज, समाजसेवी डा भूपेंद्र नारायण यादव मधेपुरी ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्जवलित कर किया. कार्यक्रम को संबोधित करते हुये जिला पदाधिकारी श्याम बिहारी मीणा ने कहा कि ‘हर एक बात पे तुम कहते हो कि तू क्या है, तुम्ही बताओ कि ये अंदाज-ए-गुफ्तगू क्या है’. साथ ही साथ जिला पदाधिकारी श्याम बिहारी मीणा ने कहा कि मोहब्बत की जुबान और प्यार का एहसास उर्दू है. 15 वीं एवं 17 वीं शताब्दी में पली-बढ़ी उर्दू भाषा एक समय में पूरे भारत वर्ष की भाषा बन गई है.
उर्दू को आधुनिक तकनीकी का इस्तेमाल कर बढ़ायें आगे :
जिला पदाधिकारी ने कहा कि उर्दू के शेर एवं लफ्ज लोगों के दिलों में छा गये हैं. मेहदी हसन, गुलाम अली एवं जगजीत सिंह के सुरीली नगमे हर किसी को प्रभावित करने लगे हैं. यही वजह है कि उर्दु के अल्फाज को हिंदी साहित्य में भी जगह मिली और सुंदर लगने लगे. उन्होंने उर्दू भाषियों से अनुरोध किया कि उर्दू को आधुनिक तकनीकी का इस्तेमाल कर आगे बढ़ायें. अपर समाहर्ता रविंद्र नाथ प्रसाद सिंह ने कहा कि उर्दू एवं हिंदी दोनों भाई बहन जैसा है. देश के प्रगति में उर्दू का महत्वपूर्ण योगदान है. जिला प्रोग्राम पदाधिकारी मो कबीर के कहा कि उर्दू के विकास के लिए उर्दू भाषियों के लिए ऑनलाइन प्रशिक्षण दिया जा रहा है. साथ कि उन्होंने बच्चों को उर्दू सीखने पर विशेष जोर दिया.
डेलीगेट्स एवं शायरों के प्रतोयोगिता का आयोजन : कार्यक्रम को महाप्रबंधक कृष्णा भारती, समाजसेवी डा भूपेंद्र नारायण यादव मधेपुरी, शौकत अली ने भी संबोधित किया. कार्यक्रम में आलेख पाठकों, डेलीगेट्स एवं शायरों के प्रतोयोगिता का भी आयोजन किया गया. कार्यक्रम में जिला खनन पदाधिकारी मो इमरान अंसारी, कार्यपालक अभियंता नेहाल अहमद, मो सफी अख्तर, बाल विकास परियोजना पदाधिकारी अहमद रजा खान, इजहार आलम, मो अनवारुल हक, मो फुरकान, मो मुर्तजा अली, अब्दुल आहत, मो इमरान आलम, जिला समन्वयक अंशु कुमारी, टोनी कुमारी, जिला कार्यक्रम सहायक राजेश कुमार सहित सैकड़ों लोग उपस्थित थे.