अभाविप ने तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन का पुतला फूंका

Sark International School
Spread the news

मधेपुरा/बिहार : मंगलवार को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के जिला इकाई द्वारा तमिलनाडु में स्कूली छात्रा लावण्या की हत्या की सीबीआई जांच को तमिलनाडु सरकार के द्वारा प्रभावित करने के खिलाफ तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन का पुतला दहन किया गया.

मौके पर उपस्थित अभाविप नेताओं ने बताया कि तमिलनाडु पुलिस द्वारा 14 फरवरी को मुख्यमंत्री आवास के सामने शांतिपूर्ण तरीके से विरोध प्रदर्शन कर रहे छात्रों पर लाठीचार्ज किया गया. उन्हें पहले एक मैरिज हॉल कल्याण मंडप में ले जाया गया और वहां लंबे समय तक रखा गया. रात 11 बजे उन्हें एसडीएम के सामने पेश किया गया. जहां मामले की बहस शुरू हुई. सुनवाई 12:30 बजे तक चली, जिसके बाद उन्हें 14 दिनों के न्यायिक रिमांड पर भेजने का आदेश दिया गया. अभाविप के कार्यकर्ता रात भर दंडाधिकारी की मौजूदगी में रहे. रात 12 बजे के बाद भी चली बहस के बाद कोर्ट ने 36 कार्यकर्ताओं में से तीन को नाबालिग होने के कारण रिहा कर दिया और बाकी 33 कार्यकर्ता, जिनमें राष्ट्रीय महामंत्री निधि त्रिपाठी, राष्ट्रीय मंत्री मुथु रामलिंगम एवं अन्य को 14 दिनों के लिए न्यायिक हिरासत पर भेजा गया. उनपर आईपीसी की धारा 353 लोक सेवक पर हमला, जो गैर जमानती अपराध है, का झूठा आरोप लगाया गया है. विरोध पूरी तरह से शांतिपूर्ण था और किसी भी छात्र द्वारा एक खरोंच तक नहीं किया गया था. जैसा कि सबूत के रूप में उपलब्ध वीडियो में स्पष्ट है.

Sark International School

अभाविप के प्रदेश सह मंत्री अभिषेक यादव ने कहा कि डीएमके के नेतृत्व वाली तमिलनाडु सरकार ने अदालत में अपना चेहरा बचाने की बहुत कोशिश की. जब उनके अधिवक्ता अपनी दलीलों को स्थापित करने में विफल रहे, तो वे आधी रात को राज्य के लोक अभियोजक को अदालत में लाये. तब भी जब तमिलनाडु डीएमके सरकार का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील कानूनी दलीलों से अपनी बातों को साबित करने में विफल रहे. डीएमके के कार्यकर्ता चेन्नई में उप-मंडल मजिस्ट्रेट कोर्ट में कानूनी प्रक्रिया को प्रभावित करने के लिए देर रात अदालत के सामने जमा हुये. प्रांत शोध सहकार्य प्रमुख रंजन यादव एवं जिला संयोजक आमोद आनंद ने कहा कि डीएमके सरकार लोकतंत्र की आवाज दबाने की कोशिश कर रही है. सरकार के प्रतिशोध के कारण सभी कार्यकर्ताओं को अवैध रूप से हिरासत में लिया गया है और गलत तरीके से आरोपित किया गया है.

मौके पर जिला एसएफडी प्रमुख नीतीश यादव, जिला एसएफडी प्रमुख मनीष कुमार, पूर्व नगर मंत्री विश्वजीत पीयूष, विश्वविद्यालय अध्यक्ष संजीव कुमार, विश्वविद्यालय उपाध्यक्ष गणेश कुमार, पूर्व नगर सह मंत्री अंकित आनंद, विकास कुमार, काशी कुमार, प्रिंस कुमार, सिंटू कुमार, मिथिलेश कुमार, आदित्य कुमार उपस्थित रहे.

बिनीत कुमार बबलू
संवाददाता, मधेपुरा

Spread the news
Sark International School