मधेपुरा/बिहार : शनिवार को संपन्न हुए राष्ट्रीय लोक अदालत का शुभारंभ जिला एवं सत्र न्यायाधीश रमेश चंद मालवीय, जिला पदाधिकारी श्याम बिहारी मीणा, पुलिस अधीक्षक योगेंद्र कुमार एवं जिला विधिक प्राधिकार के सचिव कुमार माधवेंद्र ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया.
मौके पर उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए जिला एवं सत्र न्यायाधीश रमेश चंद मालवीय ने कहा कि राष्ट्रीय लोक अदालत के द्वारा मामला आसानी से निपट जाता है और दोनों पक्षों को मुकदमे से राहत मिलती है. इस कारण लोगों को चाहिए कि इस प्रकार के आयोजन का लाभ उठायें. उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय लोक अदालत में कोरोना संक्रमण के नियमों का पालन करते हुए सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखा गया है. जिला एवं सत्र न्यायाधीश रमेश चंद मालवीय ने सभी बेंचों का मुआयना किया तथा संबंधित लोगों को दिशा निर्देश भी दिए.
राष्ट्रीय लोक अदालत की प्रक्रिया से खुश दिखे प्रियेश : घैलाढ़ प्रखंड के ध्रुवपट्टी के रहने वाले इंजीनियर प्रियेश कुमार सिंह भी शनिवार को आयोजित राष्ट्रीय लोक अदालत में अपने मामले को लेकर पहुंचे. प्रियेश दिव्यांग हैं और 80 प्रतिशत शारीरिक रूप से अक्षम हैं. उन्होंने भुवनेश्वर के गांधी संस्थान से कंप्यूटर थे बीटेक किया. शिक्षा ग्रहण करने के लिए प्रियेश ने भारतीय स्टेट बैंक से तीन लाख रुपये का शिक्षा ऋण लिया था. राष्ट्रीय लोक अदालत में उनके मामले का ऋण में छूट के साथ निपटारा हो गया. जिसके बाद वे इस प्रक्रिया से काफी खुश दिखे. वहीं कुमारखंड प्रखंड के रहटा के रहने वाले मंकेश कुमार ने अपनी पत्नी को मायके से घर लाने के लिए परिवार न्यायालय में वाद लाया था और उनकी पत्नी ने आपसी सुलह के आधार पर ससुराल वापसी कि और मुकदमे का निपटारा हो गया.
सुविधा के लिए की गई थी हेल्पडेस्क की व्यवस्था : राष्ट्रीय लोक अदालत में आम लोगों की मदद के लिए हेल्प डेस्क की व्यवस्था की गई थी. जिसमें प्रशिक्षु न्यायिक पदाधिकारी मनीष चंद्र एवं अंकित आनंद तथा पांच पारा लीगल वालंटियर चांदनी कुमारी, सारिका कुमारी, रिंकी कुमारी, गुलवासा परवीन एवं पूनम कुमारी लोगों की समस्या का समाधान कर रहे थे. प्रत्येक बेंच में एक-एक पारा लीगल वालंटियर की व्यवस्था की गई थी. कोई पक्षकार गलती से दूसरे बेंच में चला जाता था तो पीठासीन पदाधिकारी, पारा लीगल वालंटियर की मदद से उसे उचित बेंच में भेजते थे. आम जनों की सुविधा के लिए पीने के साफ पानी की व्यवस्था की गई थी.
मोटर दुर्घटना के 56 में से 11 मामलों का हुआ निपटारा : शनिवार को संपन्न हुए राष्ट्रीय लोक अदालत में 195 सुलहनिय अपराधिक मामले चिन्हित किए गए, जिसमें 108 मामलों का निपटारा हुआ और 13 हजार रुपये की सेटलमेंट राशी आई. चेक बाउंस से संबंधित तीन मामले चिन्हित किए गए और उसमें एक मामले का निपटारा किया गया. जिसमें सेटलमेंट की राशि छह लाख 97 हजार रुपए थी. मोटर दुर्घटना से संबंधित 56 मामले चिन्हित किए गए जिसमें से 11 मामलों का निपटारा हुआ. जिसमें 12 लाख रुपये सेटलमेंट राशि के रूप में आई. विद्युत अधिनियम से संबंधित 188 मामले चिन्हित किए गए. जिसमें 98 मामलों का निपटारा हुआ और इसमें चार लाख 30 हजार रुपए सेटलमेंट की राशि के रूप में आई. वैवाहिक मामलों से संबंधित 12 मामले चिन्हित किए गए और उसमें दो मामलों का निपटारा हुआ.
फॉरेस्ट, 107, 144, म्यूटेशन, बीएसएनएल से संबंधित 8978 मामले : सिविल वाद के चार मामले चिन्हित किए गए, जिसमें से किसी का भी निपटारा नहीं हुआ. इसके अलावा फॉरेस्ट, 107, 144, म्यूटेशन, बीएसएनएल से संबंधित 8978 मामले चिन्हित किए गए और सभी का निपटारा हुआ. इसमें सेटलमेंट राशि के रूप में 66 सौ की राशि आई. इस तरह कुल 9376 मामलों का निष्पादन हुआ और एक करोड़ 21 लाख 24 हजार चार सौ 37 रुपये सेटलमेंट की राशि के रूप में प्राप्त की गई. राष्ट्रीय लोक अदालत में आपराधिक मामलों को सुलह करवाने में सहायक लोक अभियोजन पदाधिकारी मनीष कुमार सिंह काफी सक्रिय दिखे. इसके अलावा कोर्ट मैनेजर दीपांकर, विधिक सेवा के अजीत कुमार, राजकुमार, निशीकांत, भार्गव एवं प्रेम मरांडी सहित पारा लीगल वॉलिंटियर काफी मुस्तैदी से अपनी भूमिका निभा रहे थे.