मधेपुरा/बिहार : जिले के उदाकिशुनगंज प्रखंड क्षेत्र के विभिन्न पंचायतों में प्रधानमंत्री आवास योजना या पूर्व के इंदिरा आवास योजना की जमीनी हकीकत कागजी दावों से बिल्कुल विपरीत है। सवाल इसलिए क्योंकि उदाकिशुनगंज प्रखण्ड के बेघर या कच्चे मकान वालों को आवास योजना का लाभ नहीं मिला है। इतना ही नहीं जिसको मिल रहा है वह भी नजराना की भेंट चढ़ती जा रही है। इस योजना की राशि की हो रही बंदरबांट से जहां लाभुक परेशान हैं, वहीं इसे संबंधित फाइलों के मालिक मालामाल हो रहे हैं। यही नहीं पहले “लाओ-पहले पाओ” के तर्ज पर सूची मे हेराफेरी करने की भी शिकायत मिल रही है। फिलहाल प्रधानमंत्री आवास योजना में चल रहे गड़बड़ी के मामले को लेकर प्रखंड के विभिन्न पंचायत काफी चर्चा में है।
इस मामले में सहजादपुर पंचायत के वार्ड के पीड़ित लाभुक मिठ्ठू मंडल सहित अन्य ने डीएम को आवेदन देकर न्याय की गुहार लगाई है। दिए गए आवेदन में बताया गया कि आवास का लाभ प्राप्त लाभुकों को प्रथम किस्त में दी गई राशि के विरूद्ध कार्य किए कई माह बीत गए हैं, मगर आवास सहायक व कार्यपालक सहायक, जियो टेग व दूसरे किश्त के भुगतान के नाम पर दस हजार नजराना मांग कर रहे हैं। यही नहीं कई ऐसे लाभूक हैं जिनका जियो टेग पहले होने पर भी भुगतान नहीं किया गया है। मगर बाद वाले को राशि भुगतान कर दिया गया है। वही प्रखंड क्षेत्र के अन्य लाभुक से दस दस हजार नजराना लेकर आवास सहायक व कार्यपालक सहायक की मिलीभगत से अवैध रूप से भुगतान करवा दिया गया है। हालांकि आवास सहायक व कार्यपालक सहायक ने नजराना की बात से साफ इंकार करते है। वही ग्रामीण से लेकर कई जनप्रतिनिधि ने भी आवास योजना में धांधली की बात कह रहे हैं।
उदाकिशुनगंज प्रखंड के गांव में गरीबों के नहीं पहुंची आवास योजना : उदाकिशुनगंज प्रखंड क्षेत्र के गांव के लोगों ने बताया कि गांव के गरीबों के बीच में जरूरतमंद को आवास योजना का लाभ नहीं मिलता है। जिन लोगों को आवास योजना का लाभ मिला भी है। उसने रिश्वत देकर योजना का लाभ लिया है। पहले रिश्वत देने के बाद योजना के लिए चयन होता है फिर राशि मिलने के बाद राशि अधिकारियों को देना पड़ता है। और आधे अधूरे राशि में मकान बनाना संभव नहीं है। लिहाजा ज्यादातर अत्यन्त गरीब परिवारों ने इसका लाभ से अब भी वंचित है।
उदाकिशुनगंज प्रखंड में आवास योजना में घोटाला : प्रखंड के विभिन्न पंचायतों में प्रधानमंत्री आवास योजना में इन दिनों लूट मची हुई है। यह योजना अधिकारियों व कर्मियों के साथ जनप्रतिनिधियों के लिए कामधेनू साबित हो रहा है। जिससे लाभुक परेशान हैं। प्रखंड में कार्यरत इंदिरा आवास सहायक व बिचौलिया की मिली भगत से हो रहा है। भवन आपका बने या नहीं उन्हें कोई मतलब नहीं है,केवल उन्हें लाभुक की मिली राशि में हिस्सेदारी से मतलब है। मिलने वाली किस्त में लाभुकों से नजायज तरीके से राशि वसूली की जा रही है। अधिकारी सबकुछ जानकर भी अंजान बने हुए है। सरकारी कर्मियों के माध्यम से योजना में इस तरह से लूट मची हुई है,और अधिकारी अनभिज्ञ हों यह संभव ही नहीं है। सबसे दिलचस्प बात है कि प्रत्येक लाभुक से हजार-दो हजार नहीं बल्कि 20-20 हजार रुपये वसूले जाते है। प्रखंड के सभी पंचायतों में आवास योजना में गड़बड़झाला हो रहा है। नजराना दो, आवास का लाभ लो, बाली कहावत बनी हुई है। जिले से वरीय अधिकारियो के गठित जांच टीम से मामले की छानबीन की जाए तो बड़े मामले का खुलासा होने की संभावना बनी हुई है।
आवास योजना के लाभुक दूसरे किस्त के लिए भी लगा रहे कार्यालय का चक्कर : प्रखंड क्षेत्र के लाभुक आवास के दूसरे किस्त के लिए परेशान हैं। आवास से जुड़े लोग किस्त के भुगतान के एवज में घूस मांग रहे हैं। रुपए नहीं देने पर लभीको की किस्त जारी नहीं हो रही है। वही बताया जाता है कि कई भोले-भाले लाभार्थियों से रुपए लेने के बाद भी राशि नहीं दी जा रही है। इसके चलते प्रखंड में आवास योजना की रफ्तार धीमी चल रही है। कई जगह अब भी भवन अधूरे है। लाभुक समस्याओ लेकर कई बार आवास सहायक से मिलकर दूसरी किस्त की मांग की लेकिन समस्या का समाधान अब तक नहीं हो सका है। लाभुक मिठ्ठू मंडल ने बताया कि पहली किस्त मिलने के बाद हद से ज्यादा मकान का काम कर चुका हूँ। लेकिन समय पर दूसरा किस्त नहीं मिलने के कारण चक्कर लगा रहे है। बताया जाता है कि लाभुक समस्या को लेकर अधिकारियों से शिकायत कर रहे हैं। लेकिन समस्या का समाधान नहीं हो सका है। अधूरे निर्माण के कारण लोगों का बारिश में गृहस्थी का सामान तक खराब हो गया। इसको लेकर सहायता और किस्त को लेकर लाभुक परेशान हैं।
वही दूसरी तरफ मिली जानकारी के अनुसार प्रखंड की लगभग सभी पंचायतों में प्रधानमंत्री आवास योजना में अनियमितता बरती जा रही है। योजना की पूरी राशि का उठाव करने के बाद भी कई लाभुकों द्वारा आवास नही बनाये है। जबकि कुछ लोगों ने आधे- अधूरे आवास बना कर ही सभी किस्तो का पैसे की निकासी कर ली गयी है। बताया जाता है कि प्रखंड क्षेत्र के कुछ लाभुक आवास सहायक की मिलीभगत से पूरी राशि का उठाव करने के बाद भी आवास निर्माण कार्य शुरू नहीं किया है। जो जांच के बाद मामले का खुलासा हो सकता है।
इस संबंध में बीडीओ प्रभात केशरी ने कहा कि पहले जिन लोगों की शिकायत मिली थी उन लोगों का भुगतान हो गया है। ताजा मामले के बारे मे उनको कोई जानकारी नहीं है। शिकायत मिलने पर जांच के बाद दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी।