हां आसमां अपनी बुलंदी से होशियार
अब सर उठा रहे हैं किसी आस्ताँ से हम
सहरसा/बिहार : वैसे तो कोई भी रिकॉर्ड जब बनता है तो उसके पीछे हिम्मत, हौसला, उमंग और जज्बा का बहुत बड़ा योगदान होता है और जब कोई कंपनी अपने कार्यों से विश्व को नई राह देखा देती है तो उस रिकार्ड में उस कंपनी का एक एक सदस्य गर्व महसूस करता है।
कुछ ऐसा ही कारनामा पटेल इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड ने 2 फरवरी को कर दिखाया है जब उसने गुजरात के वडोदरा शहर को मुंबई और दिल्ली से सीधे जोड़ने वाले एक्सप्रेस-वे निर्माण में चार वर्ल्ड रिकॉर्ड अपने नाम दर्ज कर लिए और इस वर्ल्ड रिकार्ड में अपनी भूमिका निभाने वाले लोगों में कोशी सहरसा के दो लाल भी शामिल हैं।
दरअसल सहरसा जिला के सिमरी बख्तियारपुर अनुमंडल के दो सपूत पटेल इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड में इंजिनियर के रुप में कार्यरत हैं, जिनमें बनमा ईटहरी प्रखंड के कुसमी गांव के मौलाना अंजर आलम के सुपुत्र रागिब अंजुम जो कंपनी में बिलिंग एंड प्लानिंग इंजिनियर के रूप में अपनी जिम्मेदारी निभा रहे हैं तो सलखुआ प्रखंड के फेनसाहा गांव के मो मोति उर रहमान के सुपुत्र जिया उर रहमान साईट इंजिनियर के रुप में अपना योगदान दे रहें हैं और कंपनी के विश्व रिकॉर्ड में कंपनी के सारे कर्मियों के साथ इन दोनों की महत्वपूर्ण भागीदारी रही जिसका इन्हें गर्व है।
दरअसल इस समय गुजरात में वडोदरा से भरूच एक्सप्रेस-वे का काम चल रहा है। इसी दौरान मंगलवार यानी 2 फरवरी को 2 किमी लंबा और 18.75 मीटर चौड़ा हाईवे महज 24 घंटों में ही तैयार कर दिया गया। इसके लिए 1.10 लाख सीमेंट की बोरियां (5.5 हजार टन) और 500 टन बर्फ का भी इस्तेमाल किया गया, जिसमें 3 करोड़ रुपए का खर्च आया है।
इन चार वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में सबसे पहला 12 हजार टन सीमेंट कंक्रीट का उत्पादन करना है, दूसरा इस कंक्रीट को इतनी तेजी से बिछाना, तीसरा एक फुट मोटा और 18.75 मीटर चौड़ा निर्माण है और चौथा रिकॉर्ड रिजिड पेवमेंट क्वॉलिटी को मेनटेन करने का है। यह सारे काम सिर्फ 24 घंटों में ही कर दिए गए और इस तरह इस एक्सप्रेस-वे ने एक साथ चार वर्ल्ड रिकॉर्ड अपने नाम पर दर्ज कर लिए हैं और यह सड़क निर्माण में देश की सबसे बड़ी उपलब्धि है। इस विश्व रिकॉर्ड के बनने पर पटेल इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड में कार्यरत इंजीनियर और कोशी के लाल रागिब अंजुम और जिया उर रहमान के गांव और परिवार में भी खुशियों की लहर दौड़ गई है।
कोशी के इन दोनों सपूतों को भारत का सर गर्व से ऊंचा कराने में अपनी भागीदारी के लिए को बधाई दे रहे हैं।
वजीह अहमद तसौवुर के कलम से ✍️