सद्भावना और आपसी भाईचारा ही समाज व राष्ट्र को तरक्की के रास्ते पर ले जा सकता है- उलेमा-ए-कराम

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फ़ोटो : जलसे को खिताब करते मुस्लिम आलमे दीन
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छातापुर/सुपौल/बिहार : छातापुर प्रखंड के रामपुर पंचायत के इन्द्रपुर गांव स्थित मदरसा मैमुनिया परिसर में गुरुवार से आयोजित दो रोजा सीरतुन्नबी व इस्लाहे मुआशरा जलसा शुक्रवार को दुआ के साथ समापन हुआ। जलसा में मौलाना अब्दुल मतीन रहमानी के द्वारा देश की सलामती एवं अमन आमान की दुआएं मांगी गई । जलसा की शुरुआत कुरआन शरीफ की तिलावत व नाते मुस्तफा से किया गया ।

उलेमा-ए-कराम ने जलसे को खिताब करते हुए आखरी नबी हजरत मुहम्मद सल्लालाहो अलैहे वसल्लम की जीवनी पर प्रकाश डालते हुए कहा कि वे सिर्फ मुसलमानों के ही रहनुमा नहीं बल्कि पूरी इंसानियत के रहनुमा हैं। उनके बताए रास्ते पर चलकर इंसान खुदा के करीब हो जाता है और समाज में फैली हर बुराई से बच जाता है। कहा कि हमें अपने प्यारे नबी से दुनिया की हर चीज से बढ़कर प्यार करना चाहिए। उलमा ने लोगों से पैगंबर मोहम्मद साहब के बताए रास्ते पर चलने की अपील की। लोगों को समाज में एखलाक के साथ अमन चैन व शांति की बूनियाद पर जिंदगी जीने को कहा, साथ ही समाजिक कुरीतियों से दूर रहकर बच्चों को तालिम देने की सलाह भी दी गई।

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फ़ोटो : जलसा में उपस्थित लोग

वक्ताओं ने कहा की मोहब्बत व मोहम्मद एक दूसरे के पूरक हैं। जिसमें मोहब्बत नहीं वो मोहम्मद का नहीं हो सकता। कहा कि दोजख की आग से बचने के लिए और जन्नत पाने के लिए हजरत मुहम्मद मुस्तुफा सo के बताए मार्ग पर चले, कुरआन की तिलाबत करें, पांचों वक्त के नमाज पढ़े, झूठ, चुगली, बेईमानी से बचे। उलमा-ए-कराम ने तालीम और दिन पर रौशनी डालते हुए आमजनो फिजूल खर्ची करने के बजाय अपने-अपने बच्चों को अच्छी तालीम देने में खर्च करने की बात कही।

कहा कि मुसलमान नमाज नहीं पढे तो इससे बुरी बात और क्या हो सकती है। जबकी पांचों वक्त का नमाज मुसलमानों पर फर्ज है। जो हर बुरे काम करने से रोकता है। इसलिए उन्होने सभी मुसलमानो से पांचो वक्त की नमाज पढने की अपील करते हुए कहा कि शादी विवाह में दहेज जैसे घिनौने चलन से दूर रहें, दहेज लेना और देना इस्लाम मे हराम है। कहा कि अल्लाह का हुक्म है कि हमसभी इंसानों को एक दूसरे से मोहब्बत करना चाहिए, सदभावना और आपसी भाईचारे के साथ रहने से ही समाज व राष्ट्र को तरक्की के रास्ते पर ले जाया जा सकता है।

जलसा का संचालन हजरत मौलाना तनवीर जकी ने की। वहीं जलसे में छः जोड़ी लड़का लड़की का निकाह भी हुआ। जलसा को मौलाना अब्दुल मतीन रहमानी, पूर्णिया के चतुर्वेदी खालिद सैफुल्लाह, मधुबनी के मौलाना मुफ़्ती असलम चतुर्वेदी, मौलाना अब्दुल रऊफ रहमानी, मौलाना मोहशीन, नेपाल के मो उस्मान नदवी, कारी मो अजमल, मौलाना मो निजामुद्दीन कासमी, मुफ़्ती मारूफ राही सहित आदि वक्ताओं ने संबोधित किया ।

शायर दिल खैरावादी, शमशेर जहांना गंजवी आजमगढ़, फैसल रसीदी लखनऊ ने एक से बढ़कर एक शायरी और गजल गाकर लोगों को खूब झुमाया ।

जलसा के सफल आयोजन में स्थानीय मुखिया प्रतिनिधि सह पूर्व मुखिया मो हासिम, खादिम ए मजलिस खलीकुल्लाह अंसारी, मो सद्दाम हुसैन, मो जियाउल हक, मो साबिर, मो नियाज, हाफिज मो अतीक, मो इब्राहिम, मो मामून, मो आरिफ, मो याकूब, मो शमीम, हाफिज महफूज, मो अफरोज, मो फ़र्करुद्दीन, मो इसरार सहित आदि ग्रामीणों का पुरजोर सहयोग रहा।

रियाज खान
संवाददाता
छातापूर/सुपौल

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