मधेपुरा/बिहार : वसंत पूजनोत्सव की तैयारी में छात्र, युवा व विभिन्न शिक्षण संस्थान जुट गए है. जैसे-जैसे सरस्वती पूजा की तिथि नजदीक आ रही है. मूर्तिकार भी प्रतिमा को अंतिम रूप देने में लगे है. शहर के सुभाष चौक, बस स्टैंड, कॉलेज चौक, बाय पास रोड, बंगाली दुर्गा स्थान सहित ग्रामीण इलाकों में कई जगह प्रतिमा का निर्माण हो रहा है. मूर्तिकारों में स्थानीय के साथ बंगाल व झारखंड से आये मूर्तिकार भी आकर्षक प्रतिमा को अंतिम रूप दे रहें है.
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16 फरवरी को मनाई जायेगी सरस्वती पूजा : माघ मास ,शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को सरस्वती पूजा मनाई जाती है. इस वर्ष 16 फरवरी मंगलवार को मां वीणा वादिनी की पूजा अर्चना होगी. इस दिन विधि-विधान व वैदिक मंत्रोच्चार के साथ लोग सरस्वती की पूजा करते है. विशेष कर छात्र व बच्चों के लिए वसंत पंचमी बहुत महत्व का पर्व होता है.
दो हजार से दस हजार तक की प्रतिमा की हो रही बुकिंग : शिक्षण संस्थान, क्लब, संघ और निजी तौर पर वसंत पूजनोत्सव मनाने वाले लोगों में खूबसूरत व आकर्षक प्रतिमा की पहले बुकिंग करने को होड़ लगी है. मूर्ति निर्माण स्थल पर पहले आओं-पहले पाओं वाली बात लागू हो रही है.
छात्र एवं युवाओं में है उत्साह : सरस्वती पूजा को लेकर छात्र एवं युवाओं में हर्ष व उत्साह का माहौल व्याप्त है. एक पखवाड़े पूर्व से ही छात्र, युवा, बच्चे पूजनोत्सव की तैयारी में जुट जाते है. सभी अपने-अपने स्तर से मदद व सहयोग कर, पूजा को सफल बनाने का प्रयास करते है. पंडाल, लाइटिंग व आकर्षक प्रतिमा के मामले में क्लब, शिक्षण संस्थानों में एक दूसरे से बेहतर करने की प्रतिस्पर्धा भी रहती है.
धूप नहीं निकलने से मूर्तिकारों को परेशानी : मां सरस्वती की मूर्ति बनाने वाले कलाकारों के लिए धूप नहीं निकलना, परेशानी का सबब बन गया है. मां सरस्वती की प्रतिमा बनाने वाले कलाकार रोजाना भगवान की ओर देखकर यही सोच रहे हैं कि आज धूप उगेगा कि नहीं. धूप नहीं उगने के कारण मूर्तिकार काफी निराश हैं. मूर्तिकारों में कहा कि हम लोग का रोजी रोटी का एक ही सहारा मूर्ति निर्माण कार्य है, लेकिन जहां एक तरफ कोरोना के कारण लोग सरस्वती मां की प्रतिमा नहीं ले रहे हैं, वहीं दूसरी ओर धूप नहीं निकलने के कारण रोजी-रोटी पर भी खतरा उत्पन्न हो रहा है.
सरस्वती पूजा पर पड़ा कोरोना का असर : इस वर्ष कोरोना को लेकर लगे लॉकडाउन का भी असर सरस्वती पूजा में देखने को मिल रहा है. मूर्तिकार नंदन कुमार व चंदन कुमार ने बताया कि प्रत्येक वर्ष अपनी टीम के साथ सरस्वती पूजा में मूर्ति बनाने का कार्य करते है और पूर्व से ही आर्डर ले लेते हैं, लेकिन इस वर्ष कहीं से कोई मूर्ति का आर्डर देने नहीं आया है. हर वर्ष भव्य मूर्ति का निर्माण कार्य कर, ससमय आर्डर दिए लोगों के हाथ में मूर्ति को सौंपते है, लेकिन इस बार कोरोना संक्रमण के वजह से बहुत से लोग सरस्वती पूजा नहीं मना रहे हैं. फिर भी प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष भी दोनों कलाकार मां सरस्वती की प्रतिमा बिकने की आस में प्रतिमा का निर्माण कर रहे हैं.