“मुश्किलों में हौसलों को आजमाना सिख लो
यार मेरे दर्द को भी गुनगुनाना सिख लो
डूबने से डर गया जो पार क्या जा पायेगा
तुम समंदर के किनारे घर बनाना सिख लो“
किशनगंज/बिहार : किशनगंज के डीएम और एसपी ने अपने सफल प्रयासों के बदौलत जिस्मफरोशी के धंधे में शमिल 22 महिलाओं की जिंदगी में एक नई रौशनी फिलाने का काम किया है, समाज की मुख्यधाराओं से भटके लोगों पुनर्वास की सारी जिम्मेदारियां जिला प्रशासन ने अपने कंधों पर रख, 22 महिलाओं को बदनाम गली से निकालकर जीवन यापन के लिए चेक और स्वरोजगार देकर, जीवन की मुख्यधारा में शामिल होने का न्योता दिया है।
मौका था कोचाधामन के पूर्व विधायक मास्टर मुजाहिद आलम की कोशिशों को अम्लीजामा पहनाने का। जिसकी इबारतें पहले हीं लिखी जा चुकी थी। लेकिन कोरोना लॉकडाऊन की खास वजहों से इसे सरजमीं पर उतारा नहीं जा सका था। जबकि मौका मुनासिब देखकर 06 जनवरी ’21 को इनकी रहवरी और हौंसलों ने 22 महिलाओं को जिस्मफरोशी के धंधों से बाहर निकालने में कामयाबी हांसिल की। जिसे मुकाम तक पहुंचाने में जिले के डीएम आदित्य प्रकाश और एसपी कुमार आशीष ने अपनी पुरजोर कोशिशों को अंजाम देकर पूरे बिहार में एक नई रौशनी का ईजाद कर दिखाया ।
जीविका के 11+11 के दो ग्रूपों को पहले 1.50 लाख का चेक और सिलाई मसीने दी गईं। जहाँ इस जिस्मफरोशी के धंधों के दलदल से निकली बेबस लाचारों ने इससे तौवा कर लिया।
गौरतलव है कि जिंदगी को रंग देने में जुटी “जीविका” की दूर्गा, महिला सशक्तीकरण की तेज तर्रार ऑफिसर शशि ने अपनी पूरी ताकतें झोंक दी। जहाँ महिनों की मेहनतों ने अपना रंग दिखाया और 06 जनवरी को वही हुआ जिसको लेकर मेहनतें की गईं थी। जिसमें भारतीय समृद्धि विकास कल्याण संगठन के डायरेक्टर डॉ अभिशेष कुमार शर्मा एंड टीम, डी पी एम राजेश कुमार जीविका की कोशिशों को पूरे बिहार ने यहाँ अपनी नजरों से देखा । जहाँ पर डी एम किशनगंज आदित्य प्रकाश ने तीन किस्तों में 1.20 हजार नगदी देने का खुलासा किया तो किशनगंज के हरदिल अज़ीज एस पी कुमार आशीष ने इनके हौसले बढ़ाते, समाज में फैली ऐसी गंदगियों को जड़ से उखाड़ने के लिए जुटी भीड़ से भी इसकी ताईद करा ली। समाज के हर तबकों में एक नया जोश एक नई ताकते बनती देखी गई।
इस मौके पर ईलाके के तमाम अवाम के कारकूनों के साथ सी. डिप्टी कलेक्टर श्वेतांक लाल, एस डी पी ओ जावेद अनवर, बी डी ओ सिकंदर, सुशील झा, सत्येंद्र और दिगर ऑफिसरान मौजूद रहे ।
जहाँ की 22 ऐसी मजलूमों को जिंदगियों के नये रास्ते मिले और ये वैसी सड़कों पर चल पड़ने की अहद कर ली है । अब लोगों की निगाहें टिकी हैं इन नई जीविका दीदियों पर जो अपनी नई डगर पर कदमों कै आगे बढ़ा चुकी है । जहाँ से अब ये और कुछ जिंदगियों को सजाने संवारने के कामों को अंजाम तक पहुंचाऐंगी ।