मधेपुरा/बिहार : जिले के डिग्रीधारी रंगकर्मियों ने सुपौल जिले के छातापुर विधानसभा के विधायक नीरज कुमार बबलू को बिहार के विद्यालय व महाविद्यालयों में नाट्य शिक्षक की बहाली को लेकर ज्ञापन सौंपा.
विधायक नीरज कुमार बबलू को दिये गये आवेदन में रंगकर्मियों ने कहा कि हम लोगों ने नाट्य एवं रंगमंच की पढ़ाई की है और हम लोगों ने स्नातकोत्तर की डिग्री प्राप्त की है. एनसीएफ 2005 में लोक कला एवं ललित कलाओं के अंतर्गत नाट्य विषय स्वीकृत है तथा एनसीएफ 2009 नई शिक्षा नीति में प्रत्येक शिक्षण संस्थान में नाटक के माध्यम से पढ़ाई पर जोर दिया गया है. इसकी पढ़ाई देश के अन्य राज्यों में हो रही है.
वहीं इबीएसई ने इसकी महत्ता को स्वीकारा है. जब एनसीएफ तथा नई शिक्षा नीति जोर दे रहा है तो इस परिस्थितियों में नाट्य एवं रंगमंच की डिग्री धारक छात्रों को शिक्षण संस्थान में शिक्षक के रूप में नियुक्त करना अनिवार्य प्रतीत हो रहा है. जिस प्रकार ललित कला के अंतर्गत आने वाली हर कला संगीत, नृत्य, चित्रकला एवं मूर्तिकला का प्रशिक्षण संस्थानों में नियमित रूप से जारी है. ऐसे ही ललित कला के अंतर्गत आने वाले कलाएं संगीत एवं रंगमंच के शिक्षण अनिवार्य प्रतीत होता है. नाट्य शिक्षकों को सभी शिक्षण संस्थानों में नियुक्त करने से शिक्षण के पद्धति को बेहतर से बेहतर आयाम दिया जा सकता है.
जिले के डिग्रीधारी रंगकर्मी अमित आनंद, मो शहंशाह, सुनीत साना, अमित अंशु आदि ने विधायक को ज्ञापन देकर मांग किया कि अपने स्तर से सदन में आवाज उठाई जाय, ताकि बिहार के सभी विद्यालय एवं महाविद्यालयों में रंगमंच की पढ़ाई शुरू की जा सके.