रियाज खान की रिपोर्ट :
छातापुर/सुपौल/बिहार: छातापुर थानाक्षेत्र के मुख्यालय पंचायत स्थित रजवाड़ा पावर ग्रिड के पास शनिवार की सुबह भूमि विवाद को लेकर हिंसक मारपीट हुई और तीन घरों को आग के हवाले कर दिया गया। मारपीट की घटना में चार लोग गम्भीर रूप से जख्मी हो गए, सभी जख्मियों का उपचार के लिए छातापुर पीएचसी मे भर्ती कराया गया है। जहां सभी जख्मी का इलाज चल रहा है।
इधर घटना की सूचना के तीन घंटे बाद पहूंचे छातापुर थानाध्यक्ष अभिषेक अंजन को आक्रोशित लोगों ने लगभग एक घंटे तक घेर के रखा। पीड़ित पक्षों ने आरोप लगाया है कि पुलिस आरोपी पक्ष के प्रभाव में काम कर रही है। पहले तो पुलिस की मदद से आरोपी पक्ष ने उनलोगों के मुख्य रास्ते को बंद कर दिया, जिसके बाद घटना की सूचना के बावजूद 3 घंटे तक पुलिस स्थल पर नहीं पहूंची। पुलिस यदि समय पर पहुंचती तो आगजनी व मारपीट की घटना वृहद रूप नहीं लेती।
पुलिस के इस रवैये से आक्रोशित होकर लोगों ने जदिया-बलुआ पथ एसएच 91 को जाम कर पुलिस प्रशासन के विरुद्ध नारेबाजी करने लगा। लगभग दो घन्टा तक सड़क जाम रहने के कारण सड़क के दोनों ओर वाहनों की लंबी कतार लग गई। जिसके कारण वाहन चालकों सहित यात्रियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। जिसके बाद पुलिस ने घटना के आरोपियों के विरुद्ध समूचित कार्रवाई का भरोसा दिलाते स्थानीय जनप्रतिनिधियों के सहयोग से सड़क जाम समाप्त करवाकर आवागमन बहाल करवाया।
आगजनी की सुचना के बाद छातापुर और भीमपुर से मिनी दमकल तथा त्रिवेणीगंज से बड़ी दमकल मौके पर पहूंची और आग पर काबु पाने का प्रयास शुरू किया गया, लेकिन तब तक मो रहीम, मो सुलेमान और मो एजाज के आवासीय घर सहित लाखों का सम्पति जलकर राख हो गई । ग्रामीणों ने बताया कि छातापुर थाना से घटना के दो घंटे बाद मिनी दमकल स्थल पर तो पहुंच गया, जिसमें चालक के अलावे कोई दमकल कर्मी नहीं था, जबकि उस मिनी दमकल पर भवेश कुमार झा प्रतिनयुक्त है, लेकिन भवेश झा डियूटी से गयाब था, नतीजतन चालक अकेले रहने के कारण दमकल को चालू करने और पानी छोड़ने में काफी विलम हो गया। हैरत की बात तो यह है कि छातापुर पुलिस के लिए महज एक किलोमीटर की दूरी तय करने में दो घन्टा समय लग गया । पुलिस के इस रवैये से लोगों में काफी नाराजगी देखी जा रही है। वहीं स्थानीय दमकल कर्मी श्री झा के प्रति भी लोगो मे काफी आक्रोश का माहौल देखा गया।
स्थानीय लोगों का कहना है कि अगर छातापुर पुलिस सूचना के तुरंत बाद घटना स्थल पर पहुंच जाते तो न तो हिंसक मारपीट की घटना घटती और न ही तीन घर जलकर खाख होते। लोगो का मानना है कि इस घटना के लिए छातापुर पुलिस प्रशासन जिम्मेदार है। पीड़ित पक्ष के मो. रहमान ने बताया कि मारपीट औऱ आगजनी के दौरान ही छातापुर पुलिस को स्थानीय लोगों द्वारा कई बार सूचना दी गई, लेकिन जबतक मेरा तीनों घर जलकर खाक नहीं हो गया तबतक घटना स्थल पर पुलिस नही पहुंची, उन्होंने यह भी आरोप लगाया है कि पुलिस दूसरे पक्ष से मोटी रकम लेकर तीन माह पूर्व पुलिस के मौजूदगी में उनका मुख्य रास्ता को बंद करवा दिया गया, जिससे उनलोगों को घर से बाहर निकलना मुश्किल हो गया था। उन्होंने बताया कि शनिवार की उनका एक बच्चा टट्टी खोलकर मुख्य सड़क पर जा रहा था उसी बीच दूसरे पक्ष के दर्जन भर लोगो ने हरवे हथियार के साथ मेरे दरवाजे पर पहुंचकर उनलोगों के साथ मारपीट कर जख्मी कर दिया। इस मारपीट की घटना में 50 वर्षीय मो सुलेमान, 55 वर्षीय मो उस्मान, 30 वर्षीय मो क्यामुल, 19 वर्षीय मो अब्बुतल्हा गंभीर रूप से जख्मी हो गया है।
बताया जाता है कि सड़क किनारे की गैरमजरूआ खास की जमीन पर दखल कब्जा को लेकर मो रहमान और मो निजाम के बीच बिवाद चल रहा था, उक्त जमीन पर पूर्व से ही मो रहमान और उसके फरिकैन का घर बना हुआ है, जहां मो निजाम ने जमीन पर दावेदारी जताते तीन माह पूर्व मो रहमान के घर से निकलने वाले मुख्य रास्ते को बंद कर दिया था, जिसके कारण दोनों पक्षों में तनाव काफी बढ़ गया, बताया जाता है कि विवाद का यह मामला जनता दरबार में चल रहा है। जहां निष्पक्ष और उचित निर्णय नहीं आने के कारण विवाद ने उग्र रूप ले लिया। घटना की सूचना पर एसडीपीओ गणपति ठाकुर घटना स्थल पर पहुंचकर घटना का जायजा लेते हुए थानाध्यक्ष सहित सीओ को तत्काल मामले का निबटारा कराने को कहा औऱ थानाध्यक्ष को तुरंत आवेदन के आलोक मेंं त्वरित कारवाई करने का निर्देश दिया ।
इस बाबत एसडीपीओ श्री ठाकुर से पूछने पर उन्होंने बताया कि पीड़ित पक्ष के द्वारा थानाध्यक्ष पर सूचना देने के बाद विलंब से पहुंचने का लगाए गए आरोप की जांच करवाई जाएगी, जांच में दोषी पाए जाने पर थानाध्यक्ष के विरुद्ध विभागीय कार्यवाई की जाएगी ।