मधेपुरा/बिहार : मंगलवार की रात्रि लगभग नौ बजे जमीनी विवाद एवं दो बच्चों की आपसी लड़ाई को लेकर दो परिवार के बीच विवाद हुआ। बच्चे का विवाद बढ़ कर भयंकर मारपीट पर जा पहुंचा, जिसमें सदर प्रखंड के तुलसीबाड़ी पंचायत के बेलहाघाट वार्ड नंबर एक निवासी 55 वर्षीय रामलखन मुखिया उर्फ खट्टर मुखिया की मौत हो गई तथा उनके चचेरे भाई उपेंद्र मुखिया बुरी तरह से जख्मी हो गये। जख्मी उपेंद्र मुखिया का सदर अस्पताल में इलाज करने के बाद गंभीर स्थिति को देखते हुए उसे हायर सेंटर रेफर कर दिया गया।
राम लखन मुखिया के मृत्यु की सूचना मिलते ही उनके परिजन एवं अन्य लोग पूरी तरह आक्रोशित हो गए और मौके पर पहुंचे दूसरे पक्ष के चार लोगों के साथ जमकर मारपीट करने लगे, जिसकी सूचना मृतक के परिजनों द्वारा सदर थाने को दी गई, सूचना मिलते ही सदर थाने की पुलिस सदर अस्पताल पहुंची लेकिन, जब तक पुलिस बल द्वारा आरोपियों को थाना ले जाया जाता तब तक परिजनों द्वारा आरोपियों के साथ मारपीट चलता रहा।
पुलिस बल के जल्दबाजी के कारण हो सकती थी दूसरी घटना : पुलिस बल भी इतनी जल्दबाजी में थी कि उन्हें यह भी पता नहीं चला सदर अस्पताल में कितने लोगों के साथ मारपीट की जा रही है। उन्होंने जल्दबाजी में दो लोगों को अपने वाहन में बैठाकर थाने के लिए निकल पड़े, जिसके बाद आरोपी में दो और लोग बचे हुए लोगों को परिजनों ने सदर अस्पताल के साथ सड़कों पर जमकर मारपीट करने लगे एवं थाने ले जाने लगे। सड़कों पर आरोपियों के साथ मारपीट होता देख सड़क पर पैदल गुजर रहे एक पुलिस अधिकारी द्वारा लोगों को रोका गया एवं दोनों आरोपी को अपने साथ जल्दी से पैदल ही थाने लेकर पहुंच गए, जिसके बाद चारों आरोपी को हाजत में बंद किया गया। राम लखन उर्फ खट्टर मुखिया के मृत्यु के बाद एवं चारों आरोपी के गिरफ्तारी से पहले तक सदर अस्पताल परिसर में जमकर हंगामा होता रहा। यह हंगामा सदर अस्पताल के परिसर से निकलकर सड़कों पर पहुंच चुका था, साथ ही यह हंगामा सदर थाने तक जा पहुंचा।
इस बीच सदर अस्पताल में भर्ती अन्य मरीज एवं उनके परिजन पूरी तरह डरे एवं सहमे हुए थे। लोगों का कहना था की एक तो जमीनी विवाद को लेकर पहले ही एक व्यक्ति की मौत हो चुकी थी, वहीं दूसरी तरफ पुलिस प्रशासन के जल्दबाजी के कारण एक और घटना हो सकती थी।
मारपीट में मृतक के चचेरे भाई भी हुए गंभीर रूप से जख्मी : घटना की जानकारी देते हुए मृतक राम लखन मुखिया उर्फ खट्टर मुखिया के पुत्र ओम शंकर मुखिया ने बताया कि मंगलवार की रात्रि लगभग नौ बजे घर के समीप बेलहाघाट भगवती स्थान पर पूजा चल रहा था। पूजा के क्रम में उनके घर के बच्चे एवं गणेश मुखिया के घर के बच्चों ने आपस में झगड़ा कर रहे थे, जिसके बाद उन लोगों ने दोनों बच्चे को हटाकर, अपने बच्चे को घर लेकर चले आये, थोड़ी देर बाद गणेश मुखिया एवं उनके अन्य परिजन रघु मुखिया, संतोष मुखिया, अशोक मुखिया, चंदन मुखिया, सूरज मुखिया, नीरज कुमार समेत अन्य 17 लोग डंडा, फरसा एवं अन्य तेज धारदार हथियार लेकर उनके घर पर आ पहुंचे एवं उन लोगों के साथ मारपीट करने लगे। ओम शंकर मुखिया ने बताया कि इस मारपीट में उनके चाचा उपेंद्र मुखिया बुरी तरह जख्मी हो गए, जिसके बाद उन लोगों के द्वारा किसी तरह बीच-बचाव कर गणेश मुखिया एवं उनके परिजनों को वहां से हटाया गया और उपेंद्र मुखिया के इलाज के लिए सदर अस्पताल लाया गया. उन्होंने बताया कि उनके एवं गणेश मुखिया के परिवार से पूर्व से जमीनी विवाद चल रहा था। बच्चे के विवाद में उन लोगों ने पूर्व के जमीनी विवाद को अंजाम दिया गया है।
मृतक की पत्नी ने 17 लोगों को बनाया नामजद अभियुक्त : ओम शंकर मुखिया ने बताया कि वे लोग अपने चाचा उपेंद्र मुखिया का इलाज सदर अस्पताल में करा रहे थे। इस बीच गणेश मुखिया एवं उनके पुत्र समेत अन्य परिजन पुनः उनके घर पर आ धमके. उस समय उनके पिता रामलखन मुखिया भैंस को चारा पानी दे रहे थे। उनके पिता को अकेला देख सभी लोग उनके साथ मारपीट करने लगे। इस मारपीट में उनके पिता के सर पर गहरी चोट लगने से वह मूर्छित होकर गिर पड़े जिसे देख सभी लोग वहां से भाग गए, इसके बाद राम लखन मुखिया को परिजनों द्वारा सदर अस्पताल लाया गया। सदर अस्पताल में चिकित्सकों ने जांच के बाद उन्हें मृत घोषित कर दिया। राम लखन मुखिया के मौत होने की सूचना मिलते ही उनके परिजनों ने सदर अस्पताल परिसर में हंगामा शुरू कर दिया इसी बीच गणेश मुखिया, रघु मुखिया, अशोक मुखिया एवं नीरज मुखिया सदर अस्पताल पहुंचे। चारों आरोपी को सदर अस्पताल में देख मृतक के परिजनों का आक्रोश बढ़ गया और चारों लोगों के साथ मारपीट करने लगे। जिसकी सूचना सदर थाने को दी गई. सदर थाने के पुलिस बल द्वारा दो लोगों को पुलिस वाहन से ले जाया गया तथा दो लोगों को परिजनों द्वारा मारपीट करते हुए थाना पहुंचाया गया, जिसके बाद सदर थानाध्यक्ष सुरेश प्रसाद सिंह सदर अस्पताल पहुंचकर पीड़ित परिवार से मिलकर मामले की जानकारी ली तथा मौके पर मृतक की पत्नी सीता देवी के द्वारा आवेदन दिया गया। मृतक की पत्नी सीता देवी ने गणेश मुखिया रघु मुखिया अशोक मुखिया नीरज मुखिया समेत 17 लोगों को नामजद अभियुक्त बनाते हुए आवेदन दिया है।