सड़क निर्माण की राशि (23.88लाख) गबन के मामले में हुई जांच के बाद भी दोषियों पर नहीं हुई कारवाई, लोगों में आक्रोश

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कौनैन बशीर
वरीय उप संपादक

मधेपुरा/बिहार : जिले के उदाकिशुनगंज प्रखंड क्षेत्र के नयानगर पंचायत में सड़क निर्माण के नाम 23.88 लाख रुपये गबन करने का मामला प्रकाश में आया। आरोप है कि सड़क निर्माण कार्य के लिए तत्कालीन पंचायत सचिव ने राशि का उठाव तो कर लिया लेकिन सड़क निर्माण का कार्य सरजमीं पर नहीं हुआ। इस मामले में सबसे ज्यादा हैरान कारणे वाली बात यह है कि वर्तमान मुखिया की शिकायत पर जिलाधिकारी द्वारा तीन सदस्यीय जांच टीम का गठन कर पूरे मामले की जांच करने का निर्देश दिया गया था, लेकिन इस मामले में दस माह पूर्व हुई जांच में अब तक कोई कारवाई नहीं होने को लेकर जहां एक तरफ स्थानीय जनप्रतिनधि के साथ स्थानीय समाजसेवियों में काफी आक्रोश है तो दूसरी स्थानीय आक्रोशित ग्रामीण विधानसभा चुनाव में वोट बहिष्कार करने के मूड में हैं।

क्या है पूरा मामला : मधेपुरा जिले के उदाकिशुनगंज प्रखंड क्षेत्र के नयानगर पंचायत अंतर्गत नवटोल शर्मा टोला से शाहजादपुर पंचायत की सीमा तक सड़क निर्माण कार्य कराया जाना था। आरोप है कि उक्त सड़क निर्माण कार्य के लिए तात्कालीन पंचायत सचिव द्वारा राशि का उठाव करने लेने के बावजूद भी अब तक सड़क निर्माण नहीं होने से स्थानीय लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। सड़क की समस्या को लेकर स्थानीय लोगों द्वारा वर्तमान मुखिया को अवगत कराया। तत्पश्चात स्थानीय ग्रामीणों की समस्या को देखते हुए स्थानीय वर्तमान मुखिया अब्दुल अहद ने जिलाधिकारी के समक्ष परिवाद दायर किया। परिवाद के आलोक में जिला पदाधिकारी ने तीन सदस्यीय जांच टीम गठित की। जांच टीम में स्थानीय क्षेत्र अभियंत्रण संगठन मधेपुरा के कार्यपालक अभियंता परवेज इक़बाल, डीआरडीए के निदेशक अभिषेक राज, बीडीओ प्रभात केसरी उदाकिशुनगंज को शामिल किया। जांच के दौरान वर्तमान पंचायत सचिव ने योजना से संबंधित मूल अभिलेख उपस्थित नहीं किया। इस संबंध में जांच अधिकारी को वर्तमान पंचायत सचिव द्वारा बताया गया कि उसे इस योजना अभिलेख का प्रभार अब तक नहीं मिला है। वही संबंधित पंचायत सचिव के विरुद्ध विभागीय कार्रवाई का संचालन जिला पंचायत राज पदाधिकारी मधेपुरा के यहां चल रहा है। जांच के दौरान प्रखंड विकास पदाधिकारी प्रभात केसरी द्वारा भी इसकी पुष्टि की गई।

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इधर विभागीय कार्रवाई संबंधित अभिलेख की प्रति उपलब्ध कराई गई। अनुलग्न पृष्ठ संख्या एक से 37 से अवलोकन से स्पष्टता जाहिर किया गया कि तत्कालीन पंचायत सचिव अंजनी कुमार की मनसा गलत रही। योजना क्रियान्वित हो जाने के बाद भी प्रभार नहीं सौंपा गया। जिसे वित्तीय अनियमितता का परिचायक बताया गया। योजना संबंधी मूल अभिलेख उपलब्ध नहीं होने से विस्तृत जांच नहीं की जा सकी। वहीं जांच के दौरान ग्रामीणों द्वारा बताया गया कि इस योजना के एक भाग पर सड़क का कीचड़ में रहने के कारण उन लोगों के द्वारा रोष व्यक्त करते हुए विगत माह पूर्व सड़क पर धान रोपनी का कार्य किया गया था। मामले को लेकर इस संबंध में इसकी शिकायत मंत्री नरेंद्र नारायण यादव और जिला पदाधिकारी से भी किया गया। इस संबंध में उपस्थित पंचायत सचिव द्वारा बताया गया कि विधि व्यवस्था प्रभावित ना हो इसलिए प्रखंड विकास पदाधिकारी द्वारा इस योजना में वाहन तथा राहगीर के चलने योग्य बनाने हेतु निर्देश दिया गया। इसके आलोक में पंचायत द्वारा सड़क को राहगीरों व वाहन के चलने योग्य का टुकड़ा एवं रोलर के माध्यम से बनाया गया। इसकी पुष्टि उपस्थित ग्रामीणों द्वारा की गई। इस योजना के क्रियान्वयन से किए गए कार्य का कोई साक्ष्य नहीं मिला। इससे पहले जिला पदाधिकारी मधेपुरा ने निदेशक डीआरडीए मधेपुरा सह वरीय पदाधिकारी प्रखंड उदाकिशुनगंज, कार्यपालक अभियंता कार्य मंडल मधेपुरा, प्रखंड विकास पदाधिकारी उदाकिशुनगंज को पुनः पत्र लिखा। जिसमें डीएम ने कहा कि मुखिया ग्राम पंचायत नयानगर प्रखंड उदाकिशुनगंज जिला मधेपुरा से प्राप्त परिवाद पत्र के संबंध में पहले के पत्र का स्मरण करें।

उक्त पत्र के द्वारा ग्राम पंचायत नयानगर प्रखंड उदाकिशुनगंज में 13 वीं वित्त आयोग से तत्कालीन पंचायत सचिव के द्वारा योजना संख्या 21 वित्तीय वर्ष 2012 –  13  एवं योजना संख्या 11 वर्ष 2014- 15 में राशि निकासी की गई। कार्य स्थल पर कार्य प्रारंभ नहीं करने से संबंधित मुखिया ग्राम पंचायत नयानगर का प्राप्त परिवाद पत्र भेजते हुए उक्त योजना का संयुक्त रुप से जांच करते हुए स्पष्ट जांच प्रतिवेदन मंतव्य सहित एक सप्ताह के अंदर उपलब्ध कराने हेतु निर्देशित किया गया था। परंतु अब तक जांच प्रतिवेदन उपलब्ध नहीं कराया गया। प्रखंड विकास पदाधिकारी उदाकिशुनगंज के पत्रांक 1271 दिनांक 28.07. 2020 के द्वारा जांच प्रतिवेदन उपलब्ध कराया गया है।

 इस प्रकार उच्च अधिकारी के आदेश के बावजूद भी संयुक्त जांच प्रतिवेदन इतनी लंबी अवधि तक उपलब्ध नहीं कराया जाना सरासर  अनुशासनहीनता एवं मनमानेपन का घोतक है। पुनः निर्देश दिया गया कि पत्र के साथ संलग्न परिवाद पत्र में वर्णित बिंदुओं का जांच कर संयुक्त जांच प्रतिवेदन स्पष्ट मंत्वय के साथ एक सप्ताह के अंदर उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें। उसके बाद तीन सदस्यीय जांच टीम ने रिपोर्ट जिलाधिकारी को समर्पित कर दिया। लेकिन अबतक किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं होंने पर लोगों ने नराजगी जताई है।

लोगों ने राशि गबन करनें वालों पर कार्रवाई की मांग की है। वार्ड संख्या सात के वार्ड सदस्य राजेन्द्र शर्मा, वार्ड आठ के वार्ड सदस्य पंकज शर्मा, पंच अखिलेश शर्मा, पैक्स अध्यक्ष पिंकी देवी, समाजसेवी अरुण शर्मा, राम खेलावन,  सहित अन्य लोगों ने कहा कि जल्द ही सड़क के नाम पर उठाए गए राशि एवं दोषी लोगो पर अभिलंब कार्रवाई हो। इन लोगों का कहना है कि जांच प्रक्रिया डेढ़ माह पहले अपना लिया गया। लेकिन कार्रवाई नहीं की जा रही है।

इस बाबत प्रखण्ड विकास पदाधिकारी ने कहा कि बिहार पंचायती राज्य विभाग द्वारा तत्कालीन पंचायत सचिव के विरुद्ध मामला चल रहा है, जल्द ही मामले का खुलासा कर दोषी पाए जाने वाले के विरुद्ध कारवाई की जाएगी।  


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