मधेपुरा : खुद गुड़ रहकर ही शिष्य को चीनी बनाना गुरु की परिभाषा-राठौर

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अमन कुमार
संवाददाता, सदर
मधेपुरा

मधेपुरा/बिहार : शिक्षक दिवस के अवसर पर वाम छात्र संगठन ए आई एस एफ की बीएनएमयू इकाई द्वारा ग्रामीण बच्चों के साथ शिक्षक दिवस और पूर्व राष्ट्रपति डॉ राधाकृष्ण की जयंती मनाई गई।  जयंती समारोह के दौरान सर्वपल्ली राधाकृष्णन की तस्वीर पर पुष्पांजलि अर्पित उन्हें नमन किया गया ।

इस दौरान संगठन के राष्ट्रीय परिषद् सदस्य सह बीएनएमयू प्रभारी हर्ष वर्धन सिंह राठौर ने कहा कि शिक्षक समाज व राष्ट्र के निर्माता होते हैं, जिसका एकमात्र कर्तव्य समाज व राष्ट्र का सृजन और वर्तमान पीढ़ी को सुंदर संस्कार दे उसे सुसभ्य बनाना है। उन्होंने कहा कि शिक्षक की अकाट्य परिभाषा यही है कि वह खुद गुड़ रहकर ही अपने शिष्यों को चीनी बना देता है। वर्तमान परिवेश में जब समाज में जाति – धर्म का जहर समाज में घोला जा रहा है, तब शिक्षकों की भूमिका सर्वाधिक हो जाती है कि वो वर्तमान को दिग्भ्रमित होने से बचाते हुए भविष्य को सुरक्षित बनाए। गुरु द्रोणाचार्य और चाणक्य इसके आइना हैं।

राठौर ने शिक्षा और शिक्षक के स्तर में आ रहे गिरावट पर चिंता व्यक्त करते हुए इसके समाधान का परिपक्व मार्ग तलाशने की जरूरत पर जोड़ दिया। शिक्षक शिव कुमार ने इस अवसर पर कहा भारत में शिक्षकों के साथ हो रही राजनीति राष्ट्र की हर समस्या की जड़ है। किसी भी राष्ट्र को आगे ले जाने के लिए शिक्षा व्यवस्था को हर स्तर पर मजबूत किया जाता है, जिसका हमारे यहां अभाव है। यहां शिक्षकों से शिक्षा से ज्यादा अन्य क्षेत्रों में काम किया जाना और अपने अधिकार के लिए लगातार आंदोलन को विवश होना दुर्भाग्य है। उन्होंने कहा कि सरकार शिक्षक को सिर्फ शिक्षक ही रहने दे तो कई समस्या यूं ही खत्म हो जाएंगे।

इस अवसर पर छात्र धनश्याम, अजय,  रूपेश, विजय, सिम्पल, आशा, लक्ष्मी, ज्योति, पुनीता, मौशम, गौतम, जितेंद्र, सीमा सहित दर्जनों की संख्या में छात्र व छात्राएं मौजूद थे।


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