आज बात बिहार की राजनीति के चमकते सितारे की जो महज 28 साल की आयु में बिहार में मुख्यमंत्री पद का प्रबल दावेदार बन गया है। सामाजिक न्याय के बड़े चेहरे बिहार के मुख्यमंत्री रहे लालू प्रसाद यादव और राबड़ी देवी के पुत्र तेजस्वी यादव बिहार की राजनीति के संभावनाओं से भरे हुए चेहरे है, जिनमें बिहार का विपक्ष मुख्यमंत्री का अक्स देख रहा है।
राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के छोटे बेटे तेजस्वी यादव महज 26 साल की उम्र में बिहार के उप मुख्यमंत्री बन गए थे। हालांकि, राजनीति में एंट्री से पहले वह क्रिकेटर थे। वह फर्स्ट क्लास, लिस्ट ए और टी20 मैच खेल चुके थे। उन्होंने विजय हजारे ट्रॉफी में भी झारखंड का प्रतिनिधित्व किया। वह इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) का भी हिस्सा रह चुके हैं। वह 2008, 2009, 2011 और 2012 के सीजन में दिल्ली कैपिटल्स (तत्कालीन दिल्ली डेयरडेविल्स) का हिस्सा रहे थे। हालांकि, उन्हें एक भी मैच में खेलने का मौका नहीं मिला। लालू यादव बेटे को आईपीएल में खेलने को नहीं मिलने का जिक्र सदन तक में कर चुके हैं। दरअसल, 2012 में आईपीएल घोटाले में विशेष रूप से शशि थरूर की पुणे वॉरियर्स की टीम में हिस्सेदारी को लेकर संसद में हंगामा हुआ था। तब इस मुद्दे पर बोलते हुए लालू प्रसाद ने कहा था, “मेरा बेटा तेजस्वी दिल्ली की टीम का हिस्सा है, लेकिन उसने अब तक खिलाड़ियों को मैदान पर पानी की बोतलें ही पहुंचाईं हैं, वे उसे खेलने का मौका नहीं देते हैं।“
वह एक पिता की आवाज थी, जो अपने बेटे के लड़खड़ाते करियर को लेकर नाराज थे। हालांकि, आईपीएल करियर के तीन साल बाद ही उन्होंने तेजस्वी यादव को बिहार का उप मुख्यमंत्री बनवा दिया। अब तेजस्वी यादव बिहार की राजनीति के केंद्र में हैं। कहना गलत नहीं होगा कि वह क्रिकेट के मैदान में भले ही बहुत सफल नहीं हो पाए हों, लेकिन एक सफल राजनेता जरूर बन गए हैं। तेजस्वी यादव ने 2015 में बिहार विधानसभा चुनाव से राजनीति में कदम रखा था। उन्हें लोगों के बीच पहचान बनाने में ज्यादा समय नहीं लगा। उन्होंने विधानसभा चुनाव जीता और लालू यादव के उत्तराधिकारी के रूप में देखे जाने लगे। लालू यादव के चारा घोटाला में जेल जाने के बाद उन्होंने राजद की कमान संभाली। राजद ने तेजस्वी यादव को लालू यादव के विकल्प के रूप में स्वीकार भी किया। तेजस्वी भी 80 विधायकों वाली पार्टी राजद का नेतृत्व करने में सफल साबित हुए।
आज की तारीख में नीतीश कुमार के बाद तेजस्वी बिहार के सबसे पॉपुलर नेता के रूप में देखे जाते हैं। वह इस समय बिहार की राजनीति में सुपर एक्टिव मोड में हैं। अब वह विपक्ष में हैं और किसी भी मुद्दे को उठाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं।