मधेपुरा/बिहार : एक बार फिर बीएनएमयू में नाट्यशास्त्र व संगीत की पढ़ाई की मांग जोर पकड़ने लगी है। इस मामले को लेकर आज जिले के रंगकर्मियों ने बीएनएमयू कुलपति प्रो डा ज्ञानंज्य द्विवेदी से मुलाकात कर एक मांगपत्र सौंपा।
सौंपे मांगपत्र में रंगकर्मियों ने कहा कि कोसी, मिथिला, अंग जनपद का यह हिस्सा कला संस्कृति, साहित्य व संगीत के क्षेत्र में अग्रणी रहा है, लेकिन बीएनएमयू के स्थापना के 28 वर्ष बाद भी स्नातक व स्नातकोत्तर स्तर पर संगीत व नाट्यशास्त्र की पढ़ाई की समुचित व्यवस्था शुरू नहीं हो पाई है। जबकि इसको लेकर कई वर्षों से लगातार स्थानीय स्तर पर मांग की जाती रही है। वर्ष 2017 में उसको लेकर व्यापक स्तर पर मुहिम छेड़ी गई थी एवं तत्कालीन कुलपति प्रो डा अवध किशोर राय ने अगले सत्र से पढ़ाई शुरू करवाने की बात भी कही थी, उसके बाद कई बार यह मुद्दा एकेडमिक काउंसिल, सीनेट, सिंडीकेट में भी उठा, लेकिन जमीनी स्तर पर काम शुरू नहीं हो पाया।
कुलपति के साथ चली आधे घंटे के मुलाकात में रंगकर्मियों ने यह भी कहा कि बीएनएमयू के पैतृक विश्वविद्यालय एलएनएमयू दरभंगा में इन विषयों की पढ़ाई पूर्व से होती आ रही है। अपना दर्द बयां करते हुए रंगकर्मियों ने कहा कि यहां पढ़ाई नहीं होने के कारण यहां के इच्छुक छात्रों को दूसरे विश्वविद्यालयों में भटकना पड़ता है। कुलपति से उनलोगों ने यह भी मांग किया कि बीएनएमयू में पढ़ाई शुरू होने से जहां स्थानीय छात्रों को भटकना नहीं पड़ेगा, वहीं स्थानीय कलाकारों को रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे एवं कला संस्कृति के संरक्षण को बल मिलेगा।
रंगकर्मियों के शिष्टमंडल से वार्ता करते हुये कुलपति प्रो डा ज्ञानंज्य द्विवेदी ने भी इसे उपयोगी बताते हुये आवेदन आगे की कार्रवाई के लिये अग्रेषित करने की बात कही। उन्होंने कहा की ऐसा होने से कला संस्कृति के क्षेत्र में भी अनेकानेक विकल्प प्राप्त होंगे। उन्होंने आश्वस्त किया कि इसको लेकर जल्द ही अच्छी खबर सुनने को मिलेगी।
कुलपति से मिलने वाले शिष्टमंडल में रंगकर्मी मो शहंशाह, अमित कुमार अंशु, सुनीत कुमार, अमित आंनद, दिलखुश, हर्ष वर्धन सिंह राठौर, मनीष कुमार, अक्षय कुमार सोनू शामिल थे ।