मनीगाछी/दरभंगा/बिहार : कोरोना वायरस संक्रमण फैलाव की रोकथाम के लिए सरकार द्वारा लगाये गये पांचवा चरण का देश में लाॅकडाउन लागु है, काफी संख्या में प्रवासी मजदूर घर आ गये है और अभी भी फंसे हुये है। कई अन्य शहरो में फंसे प्रवासी मजदूर किसी तरह अपने घर लौट रहे है। जिसके कारण देश में कई प्रवासी मजदूर की मौत भी हो चुकी है और मौत का सिलसिला जारी है।
ताजा मामला मनीगाछी प्रखण्ड के बाजितपुर पंचायत वार्ड नौ (09)निवासी बद्री सदाय के 45 वर्षीय पुत्र राज कुमार सदाय किसी तरह अपने घर पहुँचना चाहते थे लेकिन उन्हे क्या पता था कि वो नही, बल्कि उनका शव घर पहुंचेगा। मृतक के फूफा संतोष कुमार सदाय ने बताया कि राज कुमार सदाय नेपाल में कलश भट्ठा पर मेहनत मजदूरी कर अपने और अपने परिवार का भरण-पोषण किया करता था। जब वहाँ पर कोई गुजारा करने का रास्ता नही बचा तो वह अपने फूफा और वहाँ काम करने वाले कुछ साथियो के साथ एक (01)जून को नेपाल से बस पकड़कर घर के लिये रवाना हुआ था । बस ड्राइवर सभी प्रवासी मजदूर को जटही बॉर्डर तक छोड़ दिया, सवारी गाड़ी नही मिलने के कारण सभी लोग वहाँ से भूखे प्यासे घर के लिये पैदल ही निकल पड़े।
मृतक के फूफा ने बताया कि किसी तरह पैदल चलते-चलते सभी लोग मधुबनी तक पहुंचे, वहाँ से बस पकड़कर जब घर की ओर आ रहा थे तभी रास्ते में अचानक पेट में जोरदार दर्द उठ गया, मैंने उन्हे पानी पिलाया और उसके पेट को सहलाया लेकिन कोई असर नही हुआ। उन्होंने बताया कि बस जबतक जगदीशपुर पहुँचती तबतक उसकी मौत हो चुकी थी। बस ड्राइवर उसके शव को वहाँ उतार कर चला गया। वहाँ से घर के लोगों की इसकी सूचना दी गई, जिसके बाद स्थानीय लोगों की मदद से मोटरसाइकिल पर लाद कर किसी तरह घर लाया। इसके बाद लोगों ने इसकी सूचना स्थानीय मुखिया दी, लेकिन कोई सुधी लेने नही लाया। जब कोई नही आया तो शव को अंतिम संस्कार कर दिया गया।
इस घटना से मृतक की 35 वर्षीय पत्नी विनिता देवी, बड़ा लड़का 15 वर्षीय विजय कुमार सदाय, मझला लड़का 08 वर्षीय विरजू कुमार सदाय और सबसे छोटा लड़का राजेश कुमार सदाय का रो-रोकर बुरा हाल हो गया है। घटना से गाँव में शौक का माहौल है। अंचलाधिकारी रवीन्द्र कुमार चौपाल ने बताया कि नॉर्मल मृत्यु था।