मधेपुरा/बिहार : मधेपुरा समेत आसपास के अन्य जिलों के लिये लाईफ लाइन कहे जाने वाले मेडिकल कॉलेज की व्यवस्था दिनों दिन खराब होते ही जा रही है।
कॉलेज में कभी जुनियर डाक्टर काम बंद कर देते है, तो कभी कोरोना पॉजिटिव मरीज खराब व्यवस्था को लेकर अपने वार्ड से बाहर निकल भागने लगते है। स्थिति ऐसी है कि कॉलेज के अधीक्षक इन समस्याओं को दुर करने की भी कोशिश नही करते है । इसके लिये जिले के आला अधिकारीयों को ही बार- बार अस्पताल आना पड़ता है।
ताजा मामला अस्पताल में कार्यरत नर्सिंग स्टाफ से जुड़ी है, जो अपनी मांगों को लेकर काम बंद कर देते है। इसे सुलझाने के बजाय उल्टे ही अस्पताल प्रबंधन के द्वारा सभी पर मामला दर्ज कर देने की बात कही जाती है, जिससे सभी कमिर्यों में भय उत्पन्न हो गया है। सभी कर्मीयों के द्वारा बताया गया कि जननायक कर्पूरी ठाकुर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के 138 ए ग्रेड नर्स अपनी मांगों एवं अस्पतालों में हो रहे परेशानी को लेकर इमरजेंसी के आगे बैठ गये एवं काम बंद कर दिया गया है।
यह भी बताया गया कि जबसे इन लोगों की नियुक्ति हुई है, तब से अब तक किसी को ज्वाइनिंग लेटर नही दिया गया है, साथ ही वेतन भी नही दिया गया है। जिस वजह से सभी के उपर भुखमरी की स्थिति उत्पन्न हो गई है। जुनियर चिकित्सकों के द्वारा बार- बार गाली- गलौज किया जाता है। कोरोना वार्ड में कोरोना मरीजों को घटिया खाना देने का गुस्सा भी उनलोगों पर ही उतारा जाता है। सुरक्षा नही रहने के कारण हमलोगों से दुर्व्यवहार किया जाता है। रात में भी पुरुष ए ग्रेड नर्स की कमी के कारण महिला एएनएम की ड्यूटी लगा दिया जाता है, इन सब बातों पर अस्पताल प्रबंधन का ध्यान नही है। उल्टे ही पहले मेट्रोन आशा ने सभी को हटने को कहा, जब उनकी बातों को नी सुना गया तो डा. अंजनी ने सभी पर मामला दर्ज करने की बात कही है ।
इस दौरान मिनाक्षी पाठक, अभिषेक कुमार चौबे, स्वर्णलता कुमारी, नुसरत बानो, अनिल कुमार शर्मा, गोविन्द कुमार, पार्वती कुमारी, मालती कुमारी, राहुल कुमार वर्मा, प्रीतीश चंदा, इन्दु कुमारी, रागिनी कुमारी, आरती कुमारी, किरण कुमारी, अनुष्का राय सहित अन्य मौजूद थे ।