दरभंगा/बिहार : वैश्विक महामारी कोरोना संकट (COVID-19) के दौर में प्रवासी मजदूरों का अपने-अपने घरों की ओर लौटने का सिलसिला जारी है। लॉक डाउन में प्रवासी मजदूरों पैदल ही हजारों किलोमीटर का सफर तय करने को विवश हैं, इसी कड़ी में हरियाणा के गुरुग्राम से अपने बीमार पिता को साइकिल पर बैठाकर 15 साल की एक लड़की दरभंगा पहुंचती है।
ज्ञात हो कि दरभंगा जिला के सिंहवाड़ा प्रखंड के सिरुल्ली गांव निवासी मोहन पासवान हरियाणा प्रदेश के गुरुग्राम में किराए पर ई-रिक्शा चलाने का काम करते थे लेकिन कुछ महिना पहले उनका एक्सीडेंट हो गया था। इसी बीच कोरोना संकट के बीच लॉक डॉन की घोषणा हो गई। ऐसे में ज्योति के पिता का काम ठप हो गया ऊपर से ई रिक्शा के मालिक के द्वारा पैसा को लेकर लगातार दबाव बनाया जा रहा था। ज्योति के पिता के पास ना पेट भरने को पैसा थे ना ही रिक्शा के मालिक को देने के लिए। ऐसे में बहादुर बेटी ज्योति ने फैसला किया कि यहां भूखे मरने से अच्छा है कि वह किसी तरह अपने गांव पहुंच जाए। लॉक डाउन में यातायात नहीं होने के कारण ज्योति ने लंबी दूरी का सफर साइकिल से ही पूरा किया।
ज्योति के जज्बे को सलाम करते हुए उप-विकाश आयुक्त आयुक्त कारी प्रसाद महत्व के आह्वान पर जिला ग्रामीण आवास सेवा संघ के जिला अध्यक्ष बच्चा बाबू लाल देव के नेतृत्व में आवास सहायकों का एक टीम गठित किया गया जिसमें संघ के जिला सचिव मनोज पासवान, जिला संयोजक ब्रजमोहन कुमार चौपाल, जिला उपाध्यक्ष राकेश कुमार प्रसाद, जिला मीडिया प्रभारी अभिनव मुस्कान, जिला महासचिव हरिवंश चौधरी, जिला संरक्षक राहुल पासवान भावेश चौधरी ने निर्णय लिया कि ज्योति के फैसले और जज्बे को सलाम करते हुए आर्थिक मदद पहुंचाया जाए। इसी कड़ी में दरभंगा जिला के सभी आवास सहायकों के मदद से ज्योति के परिवार को आर्थिक मदद हेतु 38000 की राशि एकत्रित किया गया। जिसमें ज्योति को 11000 हजार नगद एवं शेष राशि उनके बैंक खाते के माध्यम से भेजा जाएगा।
ज्ञात हो कि पूर्व में भी जिला ग्रामीण आवास सेवा संघ के द्वारा वैश्विक महामारी कोरोना के लिए जिलाधिकारी दरभंगा के माध्यम से मुख्यमंत्री राहत कोष में ₹33000 आर्थिक मदद किया गया है। साथ ही दरभंगा जिला के विभिन्न क्षेत्रों में गरीब एवं असहाय के बीच सुखा राशन वितरित किया गया।