उदाकिशुनगंज/मधेपुरा/बिहार : कोरोना वायरस के बीच सोशल डिस्टेंस को मद्देनजर रखते हुए उदाकिशुनगंज अनुमंडल अंतर्गत भागीपुर में पति की लंबी उम्र और संतान के कुशल भविष्य के लिए सुहागिनों ने की वट सावित्री की पूजा की ।
तीन दिवसीय वट सावित्री व्रत ज्येष्ठ कृष्ण पक्ष की मासिक शिवरात्रि से शुरू होकर सोमवती अमावस्या तक रहेगा। गणेशपुर में पंडित बिनोद झा ने इस बार वट सावित्री पूजन के महत्व के बारे में बताते हुए कहा कि सावित्री ने अपने पति के जीवन के लिए बरगद के पेड़ के नीचे तपस्या की थी, इसलिए इसे वट सावित्री व्रत कहा जाने लगा। इस दिन वटवृक्ष को जल से सींचकर उसमें हल्दी लगा कच्चा सूत लपेटते हुए उसकी परिक्रमा की जाती है। साथ ही वस्तुएं भी अर्पित की जाती हैं।
इस बार यह व्रत घर पर ही हम महिलायें साथ कर रही हैं। कथा सुनने के लिये पंडित जी आये हैं। इधर में महिलाओं ने हनुमान मंदिर के पास अवस्थित बरगद के पेड़ की परिक्रमा कर पूजन कर रही हैं।