मधेपुरा/बिहार : गाय को देश का एक समुदाय मां का दर्जा देता है। साथ ही उनकी पूजा की जाती है। गाय हमारी संवेदनाओं से जुड़ने के साथ-साथ हमें पौष्टिक आहार भी देती है। ऐसे गाय के साथ दुर्व्यवहार करना एवं किसी इंसान की लापरवाही के कारण गाय की मौत होना सिर्फ पाप ही नहीं है बल्कि कानूनन अपराध भी है। ऐसे लोगों को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए।
उक्त बातें सीपीआईएमएल के नेता शंभू शरण भारतीय ने शनिवार को गौशाला परिसर के नजदीक अपने आवास पर प्रेस वार्ता के दौरान कही। उन्होंने कहा कि गायों की रक्षा करने वाला एवं गाय को पालने वाला गौशाला परिसर कब्रिस्तान में तब्दील हो चुका है। यहां के प्रबंधक एवं सचिव की अनदेखी के कारण गाय की मौत हो रही है।
खाना एवं दवाई नहीं मिलने के कारण हो रही है गाय की मौत :
शंभू शरण भारतीय ने कहा कि लगभग एक महीने में लगभग 12 गाय की मौत हो चुकी है। जिसकी खबर गौशाला परिसर के बाहर आने तक नहीं दिया गया। आखिर क्या कारण है कि गाय के मरने की सूचना बाहर नहीं दी जा रही है। उन्होंने कहा कि गाय कैसे मरी और क्यों मरी यह जांच का विषय है, लेकिन जहां गायक को पाला जाता है एवं गाय को रखा जा रहा है, उसी स्थान पर गाय के मरने के बाद, गाय को दफना देना कुकृत्य के साथ-साथ कानून अपराध भी है।
उन्होंने कहा कि गौशाला परिसर कुव्यवस्था का शिकार हो चुका है। जिसके कारण गाय की मौत हो रही है. गौशाला परिसर लूट का अड्डा बन चुका है। समय पर खाना नहीं मिलने, पौष्टिक आहार नहीं मिलने एवं दवाई नहीं मिलने के कारण गाय की मौत हो रही है। गौशाला को पूरी तरह से घेर दिया गया है, ताकि लोग गौशाला में होने वाले कुकृत्य के बारे में ना जान सके। उन्होंने कहा कि अगर गाय बीमार होती है या फिर मरती है तो इसकी सूचना संबंधित अधिकारियों को क्यों नहीं दी जाती है।
सचिव ने गोपालक विमल कुमार यादव के साथ किया मारपीट:
शंभू शरण भारतीय ने कहा कि गौशाला के सचिव पृथ्वीराज यदुवंशी गौशाला में कार्य कर रहे कर्मी से अपने घर का काम करवाते हैं। जब कर्मी कार्य करने से मना करते हैं तो उनके साथ मारपीट करते हैं। सचिव पृथ्वीराज यदुवंशी ने गोपालक विमल कुमार यादव के साथ भी मारपीट किया। जब विमल ने इसका विरोध किया तो सचिव के द्वारा नौ महीनें से उनका मानदेय भी रोक दिया गया।
शंभू शरण भारतीय ने कहा कि कहा कि सचिव जिस जमीन पर आवास बनाए हुए हैं, वह जमीन भी किसी से जबरदस्ती छीना हुआ जमीन है। उन्होंने कहा कि वर्ष 1995 में बिहार भूदान यज्ञ कमेटी के द्वारा विशेश्वर राम को आठ कट्ठा पांच धूर जमीन दिया गया था। जिसके बाद जब विशेश्वर राम अपनी जमीन पर आवास बनाने गए तो पृथ्वीराज यदुवंशी के द्वारा जबरन उन्हें उनकी जमीन पर से भगा दिया गया। साथ में उनके साथ मारपीट की गई. उन्होंने कहा कि ऐसे लोग जिस पर कई मामले चल रहे हो, वैसे लोगों को सचिव के पद पर रहने का कोई औचित्य नहीं है। साथ ही ऐसे लोगों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।