किशनगंज /बिहार : एक खिलखिलाते परिवार के वारिस , एक सुहागन के सुहाग तथा मासूम बच्चों के पिता को पाजी प्रकृति द्वारा बेरहमी से छीन लेना गहरा जख्म दे जाता है । इस गहरे जख्म की टीस इतनी शदीद होती है कि उसके दर्द से कई जिन्दगियां शिद्दत से तड़पती हुई चित्कारती है –
“कर के ज़ख़्मी तू मुझे सौंप गया ग़ैरों को
कौन रक्खेगा मिरे ज़ख़्म पे मरहम तुझ बिन!”
कदाचित् एक टूटे – बिखरे परिवार का यह सवाल मौजूं है। इस कलियुग में कौन किसी की खबर रखता है ? कौन है जो किसी गैर के लिए अपनी खुशियां कुर्बान करता है? लेकिन नहीं जरा रूकिए – ठहरिए, उक्त सवाल का जवाब भी है और वो “कौन” भी हैं। फरिश्ते सिर्फ आसमान पे ही नहीं रहते बल्कि इंसान की शक्ल में धरती पर भी मौजूद होते हैं। ऐसे ही एक फरिश्ता हैं सुमन कुमार सिंह । श्री सिंह बिहार के किशनगंज जिला अंतर्गत बहादुरगंज के थानाध्यक्ष हैं। वैश्विक संकट की इस घड़ी में श्री सिंह बीमार पत्नी को एम्स दिल्ली और अपने इकलौते मासूम पुत्र को पटना में छोड़कर बहादुरगंज की जनता की खिदमत कर रहे हैं। उनकी खासियत यह है कि वे सूचना के हर श्रोत पर पैनी नज़र रखते हैं और कहीं कोई तकलीफ में नज़र आता है तो वैसे लोगों की तन-मन- धन से मदद करते हैं।
बीते बुधवार को भी वे अपने कार्यालय में बैठकर फेसबुक देख रहे थे। इसी दौरान उनकी नज़र बहादुरगंज थाना क्षेत्र के झिलझिली गाँव के मोहम्मद आरज़ू के एक भावुक पोस्ट पर पड़ी। आरज़ू ने लिखा था “13 मई को उनके बड़े भतीजा शयान कमर का जन्मदिन है। परिवार के लोग चाहकर भी शयान का जन्मदिन नहीं मना सकते , क्योंकि शयान के पिता शम्स कमर चंद महीने पहले ही सबको छोड़कर जा चुके हैं। वे जमुई जिला के झाझा प्रखंड में शिक्षक थे। विगत 31 दिसम्बर 2019 को कटिहार के कुरसेला में एक सड़क दुर्घटना में उनकी मौत हो चुकी है। उनके यूं चले जाने से उनकी पत्नी , दो छोटे बच्चे सहित पूरा परिवार सदमें में है । जख्म हरा है। लिहाजा चाहकर भी शयान का जन्मदिन नहीं मनाया जा सकत।”
इस खबर को पढ़कर श्री सिंह तड़प उठे। उन्होंने अपने मातहत आधा दर्जन महिला – पुरुष पदाधिकारियों बुला कर विमर्श किया और सभी बाज़ार निकल गए। उन्होंने जन्म पार्टी के लिए ढेर सारा जरूरी सामान खरीदा और झिलझिली पहुंच कर आरज़ू के दरवाजे पर दस्तक दी। दरवाज़ा खोलते ही आरज़ू के सामने बहादुरगंज थानाध्यक्ष सुमन कुमार सिंह सहित थाना परिवार नमूदार हुए। उन्होंने शयान का जन्मदिन सेलिब्रेट करने की इच्छा जताई। परिवार के लोग कुछ समझ पाते उसके पहले ही साथ गई महिला पुलिस पदाधिकारियों ने कमरा सजाना शुरू कर दिया। तैयारी मुकम्मल होते ही बर्थ-डे ब्याय शयान कमर से केक कटवाकर कर बहादुरगंज पुलिस ने उन्हें लंबी उम्र की दुआएं दी ।
बहादुरगंज पुलिस की इस पहल से दिवंगत शिक्षक शम्स कमर का परिवार भावुक हो उठा। परिवार के सदस्यों ने बताया कि वे अपने थानाध्यक्ष के इस प्यार व सम्मान को पाकर कुछ पल के लिए तमाम दुख भूल गए । परिवार ने महसूस किया –
“बाद मुद्दत के ऐ यार तेरी ख़ुशबू आई
बाद मुद्दत के मेरी मुर्दा रूह ताज़ा हुई।”
उक्त बाबत थानाध्यक्ष श्री सिंह ने बताया कि बिहार के डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय सर तथा किशनगंज एसपी कुमार आशीष सर हमेशा जनता को आगे रखकर सेवा करने की सीख देते हैं। उनकी सीख पर ही यथासंभव जनता की सेवा कर पा रहा हूं। उन्होंने यह भी बताया कि मैं समयाभाव के कारण आजतक अपने इकलौते पुत्र सिद्धार्थ सिंह के जन्म दिन पार्टी में शामिल नहीं हुआ हूं। लेकिन आज शयान कमर का जन्म दिन मनाकर ऐसा महसूस हुआ कि अपने सिद्धार्थ का ही जन्म दिन मना रहा हूं।
बहरहाल बहादुरगंज थानाध्यक्ष सुमन कुमार सिंह की उक्त भावुक पहल की सर्वत्र चर्चा है। लोग उन्हें फरिश्ता बुलाने लगे हैं। वैश्विक संकट के इस भयावह दौर में वे जिस तरह इंसानियत की खिदमत कर रहे हैं वह बिहार पुलिस के लिए फख्र की बात है। उनके क्रियाकलाप से बिहार के डीजीपी भी काफी प्रभावित हैं। उन्होंने खुद श्री सिंह को फोन कर शाबाशी दिया है।