दरभंगा/बिहार : मानवाधिकार इमरजेंसी सोशल हेल्पलाइन के प्रदेश अध्यक्ष अभिजीत कुमार ने पुलिस महानिदेशक, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग एवं गृह विभाग को मंडल कारा अधीक्षक एवं अन्य के विरुद्ध पत्र लिख संवैधानिक कार्रवाई की मांग की है।
प्रदेश अध्यक्ष ने बताया कि सोशल मीडिया के माध्यम से एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है जिसमें मंडल कारा अधीक्षक शिवहर के आदेश से जेल मे प्रतिनियुक्त पुलिसकर्मी को नग्न कर तलाशी ली जा रही है जो वीडियो में साफ दिख रहा है। जब पुलिसकर्मी के मान सम्मान का घोर उल्लंघन वरीय अधिकारी के आदेश से हो रहा है तो आम नागरिक कितना सुरक्षित है यह सोच से परे हैं। जेल के अंदर का यह वीडियो अधिकारी से शोषित पुलिसकर्मी ने ही बनाकर सोशल मीडिया में अपलोड किया क्योंकि पीड़ित सिपाहियों को भी यह मालूम है कि उच्च अधिकारी को शिकायत कर के भी कुछ होने वाला नहीं है। जांच के नाम पर मामले की लीपापोती हो जाएगी इस कारण से इस वीडियो को सोशल मीडिया पर अपलोड किया गया ताकि लोगों को पता चले कि किस तरह से अधिकारी लोग छोटे कर्मचारी के साथ व्यवहार करते हैं।
इस मामले में जेल आईजी ने संज्ञान लेकर जांच का आदेश दिया है। जेल अधीक्षक द्वारा जो कृत्य किया गया है वह मानवाधिकार का घोर उल्लंघन है। साक्ष्य उपलब्ध होने के बावजूद कार्रवाई ना कर जांच कराना दुर्भाग्यपूर्ण है। अध्यक्ष श्री कुमार ने कहा कि अक्सर देखा जाता है अगर सिपाही हवलदार से कोई गलती हो जाती है तो अधिकारी देर ना करते हुए कर्मी को निलंबित करते हुए विभागीय कार्रवाई करने की अनुशंसा करते हैं। लेकिन जैसे ही किसी अधिकारी पर साक्ष्य के साथ आरोप लगता है तो वरिय अधिकारी आरोपी अधिकारी का बचाव करते हुए जांच का नाम देकर टाल देते हैं। जब विभाग के कर्मी के साथ ऊंच-नीच का भेदभाव होता है तो फिर पीड़ित सिपाही को न्याय कहां से मिलेगा और जब अधिकारी विभाग के लोग को न्याय नहीं दिला पाते तो शोषित वंचित आम नागरिक को न्याय कहां से मिल पाएगा?