नालंदा/बिहार : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गृह जिले में नोवेल करुणा वायरस के खिलाफ रविवार 22 मार्च को जनता कर्फ्यू का नालंदा में व्यापक असर देखा गया और शत-प्रतिशत सफल रहा। जनता कर्फ्यू के चलते लोगों ने खुद को घरों में कैद कर लिया, चारों ओर सन्नाटा पसरा हुआ रहा, लोग नोबेल करुणा वायरस से बचाव के लिए कर पूरी तरह जागरूक दिख रहे हैं।
जिले के गांव की गलियों से लेकर शहर की सड़कों तक जनता कर्फ्यू के चलते पूरी तरह सन्नाटा पसरा रहा, क्या आम क्या खास सभी लोग अपने घरों में पूरी तरह से कैद रहे। जिले के लोगों ने अपने स्वेच्छा से इस कर्फ्यू को लागू किया चाहे सत्ता पक्ष हो या विपक्ष या आम जनता सभी ने एक स्वर में जनता कर्फ्यू का समर्थन करते हुए शत प्रतिशत इसे सफल बनाया। जनता कर्फ्यू के चलते नालंदा के प्रमुख चौक-चौराहों से लेकर तंग गलियों में भी लोग अपने घरों में कैद रहे और जनता कर्फ्यू का पूर्णता: असर सदर अस्पताल, राष्ट्रीय राजमार्ग 20, अन्य मार्ग, पेट्रोल पंप, रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड इत्यादि भीड़भाड़ वाले सभी जगहों पर पूरी तरह सन्नाटा छाया रहा। जिले में शहर से लेकर गांव तक कहीं भी एक भी किसी चीज की दुकान खुली नहीं दिखाई दिया।
बिहार शरीफ और हिलसा रेलवे स्टेशन पर भी पूरी तरह सन्नाटा छाया रहा। बिहार शरीफ रेलवे स्टेशन पर कार्यरत कर्मी ने बताया कि स्टेशन पर पूरी तरह सन्नाटा पसरा हुआ है सिर्फ मालगाड़ी का परिचालन चालू है इसके अलावा सभी ट्रेनें बंद है। उन्होंने बताया कि जो भी यात्री दिखाई दे रहे हैं उन्हें करुणा वायरस के बचाव के बारे में जागरूक किया जा रहा है। “द रिपब्लिकन टाइम्स” के संवाददाता ने जब लोगों से जनता कर्फ्यू के बारे में पूछा तो जनता ने बताया कि इस तरह की बंदी अपनी जिंदगी में कभी भी नहीं देखी थी। हकीकत में इस बीमारी से बचाव जागरूकता ही है। जनता कर्फ्यू के दौरान सड़कों पर सिर्फ पुलिस, एंबुलेंस और मीडिया कर्मी ही दिखाई पड़े।