पटना/बिहार : पटना एम्स में मुंगेर निवासी एक मरीज, जो किडनी का इलाज कराने आया था । वह दो दिन पहले ही एम्स में भर्ती हुआ था, एम्स के चिकित्सकों ने उसे संदिग्ध कोरोना मरीज मान कर आइसोलेशन वार्ड में रख कर इलाज कर रहे थे, जिसकी मौत इलाज के दौरान हो गयी । इसकी पुष्टि एम्स के चिकित्सा अधीक्षक डा सीएम सिंह ने की है ।
मरीज की मौत के घंटों बाद जब उसकी रिपोर्ट पटना के आरएमआरआई से एम्स पहुंची, तब पता चला कि किडनी रोग ग्रस्त मरीज की मौत कोरोना से ही हुई है । पटना एम्स के निदेशक डॉ प्रभात कुमार सिंह ने कहा कि मुंगेर निवासी एक मरीज किडनी रोग का इलाज कराना आया था, जिसे आइसोलेशन वार्ड में रखा गया था । शनिवार सुबह ही उसकी मौत इलाज के दौरान हो गयी, लेकिन उसकी रिपोर्ट आरएमआर आई से शनिवार की देर शाम मिली । उन्होंने कहा कि मुंगेर के मरीज की मौत कोरोना से ही हुई है ।
जानकारी के अनुसार पटना के राजेंद्र मेमोरियल रिसर्च इंस्टीच्यूट (RMRI) में दो मरीजों की जांच रिपोर्ट पॉजिटिव मिली है । इसमें एक की मौत भी हो गई है । स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार ने बताया कि जिस मरीज की मौत हुई है, वह पटना के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में किडनी का इलाज करा रहा था । वह मुंगेर जिला का रहनेवाला था । प्रधान सचिव ने मृतक के कोरोना पॉजिटिव होने की भी पुष्टि की ।
इस मामले में स्वास्थ्य मंत्री, स्वास्थ्य सचिव व आरएमआरआइ के निदेशक के बयान अलग-अलग हैं । पटना के आरएमआरआइ के निदेशक डॉ. प्रदीप दास ने बताया कि देर रात जांच में दो कोरोना पॉजिटव मामले मिले हैं, उन्होंने बताया कि देर रात तक 114 नमूनों की जांच हुई थी, जिनमें शाम तक 100 सैंपल की जांच पूरी हो चुकी थी, उनमें कोरोना वायरस का संक्रमण नहीं मिला । लेकिन देर रात के शेष 14 सैंपल की जांच के दौरान दो लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव मिली । उन्होंने बताया कि इसकी जानकारी दिल्ली में भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) और राज्य के स्वास्थ्य मंत्री व प्रधान सचिव को दी गयी है ।