नालंदा : करोना वायरस के कारण राजगीर और नालंदा विश्वविद्यालय खंडार में पसरा सन्नाटा, विदेशी पर्यटक नदारत

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मुर्शीद आलम
नालंदा ब्यूरो
बिहार

नालंदा/बिहार : जिले के सबसे महत्वपूर्ण पर्यटक स्थल राजगीर और नालंदा विश्वविद्यालय में करोना वायरस की वजह कर पूरी तरह सन्नाटा पसर गया है। जब के प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय में काम करने वाले कार्यरत कर्मी भी करुणा वायरस को लेकर काफी सहमे रहते हैं, कहा जाता है कि यहां काम करने वाले कर्मियों को खासकर टिकट लेने देने के दौरान पैसा लेन देन करने में डरे और सहमे रहते हैं इसलिए कि विदेशी पर्यटक काउंटर पर आते हैं।

विश्व भर में करुणा वायरस को लेकर हाहाकार का असर नालंदा के पर्यटक स्थल पर भी देखने को मिल रहा है। करुणा वायरस की वजह कर पर्यटन उद्योग पूरी तरह प्रभावित हो गया है और तेजी के साथ पर्यटकों में आने में गिरावट देखी जा रही है । हकीकत में करुणा वायरस से पर्यटक उद्योग पूरी तरह प्रभावित होकर रह गया है । जबकि इस मौसम में प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय का खंडहर का भ्रमण करने के लिए श्रीलंका के पर्यटकों की ग्रुप यहां पहुंचती थी, इनके अलावे चीन, जापान, थाईलैंड, वियतनाम, सिंगापुर, कोरिया इत्यादि देशों के हजारों हजार की संख्या में पर्यटक भ्रमण करने के लिए आते थे। राजगीर और प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय का खंडहर पूरी तरह गुलजार रहता था लेकिन करुणा वायरस के कारण आज यह दोनों पर्यटक स्थल में भूत लोट रहा है और सन्नाटा पसरा हुआ है । अगर पर्यटकों के आने की संख्या का तुलना करें तो नवंबर माह में विदेशी पर्यटक 3 हजार 837 पहुंचे तो वहीं दिसंबर में मात्र 2 हजार 676, जनवरी में और तेजी से गिरावट होता हुआ 1 हजार 540 ही विदेशी पर्यटक राजगीर पहुंच पाए जबकि फरवरी में इसका आंकड़ा 1 हजार से भी नीचे चला गया है इसके अलावा फरवरी माह में चीन, जापान, सिंगापुर आदि देशों के पर्यटक का आना तकरीबन पूरी तरह बंद हो चुका है ।

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 इस तरह मार्च में तो प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय खंडहर को देश देखने के लिए विदेशी पर्यटकों को इक्का-दुक्का नजर आ रहे हैं पूरी तरह कोरोना वायरस ने राजगीर और नालंदा के पर्यटक स्थल को भी अपनी चपेट में ले लिया है और पर्यटक पूरी तरह से राजगीर में आना बंद कर दिया।


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