छातापुर/सुपौल/बिहार : बिहार राज्य शिक्षक संघर्ष समन्वय समिति के बैनर तले प्रखण्ड के शिक्षकों द्वारा अनिश्चित कालीन हड़ताल अनवरत रूप से उन्नीसवें दिन भी जारी रहा। विद्यालयों में पठन पाठन ठप होने से नौनिहालों की भविष्य चौपट हो रही है। बच्चों के वार्षिक मूल्यांकन का शिड्यूल भी शिक्षा विभाग द्वारा कर दिया गया है। इसी महीने मूल्यांकन भी होना है।
समन्वय समिति के उप संयोजक महेश कुमार कुसियैत ने अध्यक्षता में जारी धरना को संबोधित करते हुए जिला सोशल मीडिया प्रभारी नरेश कुमार निराला ने कहा कि समान काम का समान वेतन व राज्य कर्मी का दर्जा शिक्षकों का संवैधानिक अधिकार है। सरकार जान बूझ कर शिक्षकों के अधिकारों को हनन कर रही है। उन्होंने कहा की सरकार शिक्षा के प्रति गंभीर नहीं है।उन्नीस दिनों के बाद भी वार्ता नहीं करना उनके अहंकार को दर्शाता है। उप संयोजक महेश कुमार कुसियैत ने कहा कि पिछले दिनों बिहार के सभी जिला मुख्यालयों में हुए आक्रोश मार्च ने दिखा दिया है कि शिक्षक अपने अधिकारों को प्राप्त किये बगैर हड़ताल से वापस नहीं लौटेंगे। उन्होंने कहा कि सरकार बीस प्रतिशत वेतन वृद्धि की बात कह समाज को गुमराह करना चाह रही है।
प्रखण्ड सचिव नरेश कुमार मंडल ने कहा कि शिक्षकों को संवैधानिक अधिकार मिलने तक आंदोलन जारी रहेगा। श्री मंडल ने कहा कि जो शिक्षा मंत्री कल तक सदन को सेवा शर्त के नाम पर गुमराह कर रहे थे वही अब कह रहे हैं कि सेवा शर्त तैयार है। उन्होंने कहा कि यदि तैयार है तो उसे लागू करना चाहिए। कार्यक्रम का संचालन मोहम्मद वलीउर्रहमान ने किया।
मौके पर शिक्षिका नीलू कुमारी, गीता कुमारी, वंदना कुमारी, बीरेंद्र कुमार भास्कर, पवन ठाकुर, कमला कुमारी, स्मित पराग, सुमित प्रकाश, विभा भारती, जयप्रकाश सिंहा, संतोष मल्लिक, अशोक यादव, उमेश पासवान, ललन कुमार भारती, पूजा कुमारी, रंजीता कुमारी, गिरानंद राम, दीपक कुमार उरांव, सुनिल कुमार सिंह सहित सैकड़ों शिक्षक उपस्थित थे।