प्रेस विज्ञप्ति/ छपरा/बिहार : बिहार प्रदेश कांग्रेस कमिटी अल्पसंख्यक विभाग के द्वारा पुरे प्रदेश में “संविधान बचाओ कारवाँ” निकाली जाएगी जिसकी शुरुआत छपरा से की जाएगी । उक्त बातें कहना है अखिल भारतीय कांग्रेस कमिटी के राष्ट्रीय समन्वयक सह प्रदेश कांग्रेस अल्पसंख्यक अध्यक्ष मिन्नत रहमानी का ।
स्थानीय सर्किट हाउस में प्रेस वार्ता को सम्बोधित करते हुए उन्होंने कहा कि आज केंद्र सरकार के द्वारा संविधान की आत्मा को चोट पहुँचाने की कोशिश की जा रही है । जिस संविधान में धर्मनिरपेक्षता की बात कही गई है आज उसी संविधान को बदल रही है केंद्र सरकार जिसको कांग्रेस पार्टी कभी बर्दाश्त नहीं करेगी । उन्होंने कहा कि अभी देश को जहाँ महँगाई एवं बेरोज़गारी से लड़ने की ज़रूरत थी वहीं आज केंद्र सरकार के द्वारा बनाए गए काले क़ानून को लेकर पुरा देश उबल रहा है लेकिन वहीं संविधान को बचाने के लिए कांग्रेस हर तरह की क़ुर्बानी को तैयार है । एनआरसी , एनआरपी और सीएए के द्वारा देश को बाँटने की कोशिश हो रंही है ।
रहमानी ने कहा यह लड़ाई किसी जाति, धर्म या मजहब की लड़ाई नहीं हैं बल्कि बाबा साहब भीमराव अंबेडकर के द्वारा बनाए संविधान को बचाने की लड़ाई । आज़ादी के बाद पिछले सत्तर वर्षों में किसी भी पार्टी या प्रधानमंत्री ने अपने देश की जनता से अपनी अपनी नगरिकता साबित करने को कहा लेकिन मौजूदा सरकार तानाशाही रवैया अपना रही है ।आज पूरी दुनिया भारत को साझी शहादत-साझी विरासत के लिए जानती है लेकिन आज साझी विरासत के ऊपर ख़तरा है ।
रहमानी ने कहा कि नेपाल, भूटान, म्यांमार में जहाँ हिन्दुओं को प्रतारित किया जा रहा है वहीं श्रीलंका में तमिलों के साथ ज़्यादती होती रही है वैसे में सीएए लाने से इन्हें भी कभी नगरिकता नहीं मिल पाएगी इसलिए धर्म के आधार पर क़ानून बनाना सरासर ग़लत है । सरकार इसे वापस ले ।
आज पिछड़ों एवं दलितों के आरक्षण को भी वापस छीनने को उतारु है सरकार जो कि उनका संवैधानिक अधिकार है । इन्हीं सब मुद्दों को ध्यान में रखते हुए बिहार कांग्रेस अल्पसंख्यक विभाग के द्वारा पुरे राज्य में “संविधान बचाओ कारवाँ” की शुरुआत आज छपरा से की जा रही है । इसके तहत हम जनता के बीच जा कर सरकार की विफल एवं दमनकारी नीतियों के ख़िलाफ़ उन्हें अवगत कराएँगे । प्रेस वार्ता में ज़िला अध्यक्ष कामेश्वर प्रसाद सिंह, प्रदेश उपाध्यक्ष अब्दुल क़ादिर खान, अल्पसंख्यक ज़िला अध्यक्ष फ़िरोज़ इक़बाल, नदीम अख़्तर अंसारी, फ़ज़लुर रहमान, फ़ैसल, मो अकबर, नुरूल हक़ आदि मौजूद रहे ।