नालंदा/बिहार : जिले के सिलाव प्रखंड स्थित असीम बाग हैदरगंज कड़ाह में NRC,CAA,NPR जैसे काले कानून के खिलाफ लगातार धरना-प्रदर्शन जारी है। जिले में कुल 13 जगहों पर इस सविधान विरोधी कानून के खिलाफ धरना-प्रदर्शन जारी है। जिसमें अब तक दर्जनों से ज्यादा राजनीतिक, समाजसेवी, छात्र यूनियन और बुद्धिजीवी भाग ले चुके हैं और धरना-प्रदर्शन कैप में पहुंचकर धरना पर बैठे लोगों को भी संबोधित कर चुके हैं।
इस संविधान विरोधी कानून के खिलाफ जिले में तारिक अनवर कांग्रेस के पूर्व सांसद,जेएनयू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार, माले के सीनियर नेत्री शशि यादव,लोक जनशक्ति पार्टी केंद्रीय अध्यक्ष व पूर्व सांसद पप्पू यादव,भाकपा माले के राष्ट्रीय महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य, इमारत शरिया के पूर्वे नाजिम व मिलली काउंसिल के केंद्रीय अध्यक्ष मौलाना अनीस उर रहमान कासमी,आईएएस से त्यागपत्र देने वाले अधिकारी कन्नन गोपीनाथन, जेएनयू के पूर्व सचिव सौरभ प्रदीप, काजी शरीयत मौलाना मंजूर आलम कासमी,रालोसपा के केंद्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा, इमारत शरिया के उप नाजिम के अलावा दर्जनों से ज्यादा नामी गिरामी शख्सियत सविधान और देश विरोधी कानून के खिलाफ जिला पहुंचकर जनता को संबोधित कर चुके हैं।
जिले में नागरिक संशोधन कानून और संविधान विरोधी व देश विरोधी कानून के खिलाफ जिले में धरना प्रदर्शन कमने के बजाए बढ़ता ही जा रहा है। जिले के असीम बाग है दरगंज कड़ाह में धरना-प्रदर्शन में अधिक संख्या में महिला और पुरुष शामिल हो रहे हैं। शुक्रवार को राजगीर मखदूम कुंड मस्जिद के इमाम मौलाना जफर फिरदौसी ने कहा कि केंद्रीय सरकार के द्वारा लाया गया कानून सविधान और देश के विरोधी है।यह कानून देश में रहने वाले हिंदू मुस्लिम सिख ईसाई सभी को बांटने का काम करती है ।देश में आपसी भाईचारगी और मोहब्बत को खत्म करने वाली यह कानून है। उन्होंने धरनार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि पूरे देश में चारों तरफ नागरिक संशोधन कानून और संविधान व देश विरोधी कानून के खिलाफ धरना-प्रदर्शन चल रहा है लेकिन केंद्रीय सरकार पूरी तरह मुंह दर्शक बनी हुई है। उन्होंने कहा कि देश में बढ़ती बेरोजगारी, महंगाई और गिरते अर्थव्यवस्था से देश की जनता का ध्यान हटाने के लिए इस तरह के संविधान विरोधी और देश विरोधी कानून लाए गए हैं।यह कानून देश के सभी धर्म और समाज के विरोधी कानून है देश की एकता और अखंडता व संप्रभुता के खिलाफ है।
उन्होंने कहा कि भीमराव अंबेडकर के द्वारा बनाए गए संविधान किसी भी कीमत पर केंद्रीय सरकार को बदलने नहीं दिया जाएगा। उन्होंने अपने आखरी संबोधन में कहा कि जब तक केंद्रीय सरकार सविधान विरोधी और देश विरोधी कानून वापस नहीं ले लेती है तब तक धरना-प्रदर्शन जारी रहेगा। इस अवसर पर हजारों महिलाएं और पुरुष उपस्थित थे।