चौसा/मधेपुरा/बिहार : कला समेकित शिक्षा अत्यंत ही प्रभावी शैक्षणिक उपागम है । इसका प्रयोग कर किसी भी विषय की समझ आसानी विकसित किया जा सकता है ।
उक्त बातें पांच दिवसीय निष्ठा प्रशिक्षण के दौरान प्रशिक्षक चतुर्भुज कुमार ने कही । वे आज शनिवार को प्रखंड संसाधन केन्द्र चौसा में आयोजित निष्ठा प्रशिक्षण के दूसरे दिन तीसरे माड्यूल की चर्चा कर रहे थे । उन्होंने कहा कि प्रारंभिक स्तर पर अध्यापन के दौरान कला के माध्यम से अमूर्त को मूर्त रूप दिया जा सकता है ।
उक्त बाबत प्रशिक्षक शिवनाथ झा, राजीव रंजन तथा मनोज कुमार ने प्रशिक्षण की विस्तृत चर्चा करते हुए कहा कि इस प्रशिक्षण को दो भागों में बांटा गया है । उन्होंने बताया कि प्रथम भाग के तहत कुल सात माड्यूल निर्धारित है, जिसमें विभिन्न शैक्षणिक विधि और पहलों की जानकारी दी जा रही । जबकि दूसरा भाग विषय आधारित है जिसमें भाषा, गणित, विज्ञान, पर्यावरण तथा सामाजिक विज्ञान विषयों के अध्ययन -अध्यापन को रूचिकर बनाने की विधि बताई जा रही है ।
मौके पर वरीय बीआरपी रामप्रकाश कुमार रेणु, बीआरपी अनिल कुमार, समन्वयक विजय कुमार, पंकज कुमार, प्रधानाध्यापक कृष्ण गोपाल पासवान, इम्तियाज आलम , उमर फारूक, शाहनवाज, पुरूषोत्तम कुमार,निरंजन कुमार, शिक्षक यहिया सिद्दीकी , पंकज कुमार भगत, मंसूर नदाफ, चक्रवर्ती अजय, मदन कुमार,विदेशी मंडल, सुभाष पासवान, सत्यप्रकाश भारती, प्रणव कुमार, शमशाद नदाफ, आफताब, शारिक अनवर, सआदत हसन, साकिब नैयर, बिरबल पासवान, राजीव अग्रवाल, सत्यनारायण, शिक्षिका सोनी शर्मा, सविता कुमारी, मीरा देवी, खुर्शीद जहां, खुर्शीदा उरूज, रीणा कुमारी, खुश्बू नाज, रेणु कुमारी सहित 150 की संख्या में शिक्षक एवं शिक्षिकाएं उपस्थित थे।