मधेपुरा/बिहार : शुक्रवार को सीएएए एवं एनआरसी के खिलाफ जिले के नागरिक मंच द्वारा विशाल जुलूस निकाला गया। इस विशाल जुलूस में हजारों की संख्या में जिले के लोग एकत्रित होकर एनआरसी एवं सीएए तथा केंद्र सरकार एवं राज्य सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
यह विशाल जुलूस जिला मुख्यालय के कॉलेज चौक से शुरू होकर पुरानी बाजार, मस्जिद चौक, थाना चौक, सुभाष चौक, मुख्य बाजार, पूर्णिया गोला चौक, कर्पूरी चौक होते हुए पूर्वी बाईपास होकर समाहरणालय के मुख्य द्वार पर पहुंचकर जमकर प्रदर्शन किया। जिसके बाद प्रदर्शनकारियों के प्रतिनिधि मंडल ने जिला पदाधिकारी को मांग पत्र सौंपा।
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जुलूस के दौरान प्रदर्शनकारियों ने कहा कि एनआरसी का मामला हिंदु और मुसलमान का नहीं, यह संविधान के उल्लंधन का मामला है। धर्म के आधार पर किसी के साथ भेदभाव नहीं किया जा सकता है। यह संविधान के मूल आत्मा के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार धर्म के आधार पर देश को तोड़ना चाहती है। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि देश के लोगों को केंद्र सरकार एनआरसी से बाहर कर, विदेशियों को सीएए के जरिये धार्मिक के तहत नागरिकता देना चाहती है। घर में आपके बच्चे भूख से मर रहे हैं और केंद्र सरकार को बाहर वाले वाले को तसम्य परोसना अच्छा लगेगा। संविधान की धज्जियां उड़ाने वाला ‘नागरिकता संशोधन बिल’ काला कानुन है, जिसका विरोध हमलोग सदैव करते रहेंगें। एनआरसी बिल देश एवं बाबा साहब के सिद्धांतों के विरुद्ध है। आज केंद्र सरकार देश के मुद्दों जैसे रोजगार, शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क इन सभी जनसमस्याओं से भटकाकर देश के युवाओं में हिन्दू-मुस्लिम का जहर घोल रही है।
आंदोलनकारियों ने कहा कि यह कानून समाज में भाईचारें को खत्म करेगी. उन्होंने कहा कि सरकार कानून को वापस नहीं लेगी तो उग्र आंदोलन की जायेगी। वहीँ विशाल जुलूस को लेकर पुलिस प्रशासन द्वारा चप्पे -चप्पे पर जवानों की तैनाती की गयी थी. खासकर शहर के कर्पुरी चौक, कॉलेज चौक, पूर्णिया गोला, मस्जिद चौक, जयपाल पट्टी, बस स्टैंड के इलाके में पुलिस पेट्रोलिंग होती रही। सदर एसडीपीओ वसी अहमद समेत अन्य पुलिस के वरीय अधिकारी भी लगातार कंट्रोल रूम से जानकारी लेते रहे। इस दौरान प्रतिरोध मार्च को संबोधित करते हुए भाकपा राष्ट्रीय परिषद् सदस्य प्रमोद प्रभाकर ने भी एनआरसी और सीएए को काला कानून करार देते हुए इसे संविधान के विरोध बताया, उन्होंने ने कहा कि केंद्र सरकार तज तक इस काला कानून को वापस नहीं ले लेती तक तक हम लोग गाँव-गाँव जाकर प्रतिरोध मार्च निकाल कर विरोध करते रहेंगे।
इस दौरान नागरिक मंच से मो रफी अहमद, मो मंजूर आलम, मो० सद्दाम उर्फ़ दुलारे, मो० साहेब, मो० अहद, शाहनवाज हुसैन, मो इफ्तेखार विजेंद्र यादव, मो जवाहर, मो मकसूद आलम, नसीम खान, सुमित हजारों की संख्या में लोग उपस्थित थे।