दरभंगा/बिहार : वामपंथी, जाप और अन्य कई विपक्षी दलों की ओर से सीएबी और एनआरसी के विरुद्ध दरभंगा बन्द बहुत सफल रहा। इस बन्दी के दौरान दरभंगा के दो जगह बेलवागंज और दोनार में बंद समर्थकों एवं स्थानीय लोगों के बीच भिडंत हो गयी। जिसमें कई लोग चोटिल हो गये।
बंद समर्थक सुबह से ही रेलवे लाईन पर पहुंच गये और बिहार सम्पर्क क्रांति और कमला-गंगा इंटरसिटी को रोक दिया। आंदोलनकारी ट्रेन के इंजन पर चढ़कर विरोध दर्ज करा रहे थे। वाम दल के कार्यकर्ता दरभंगा, लहेरियासराय, हायाघाट, हरिनगर, कमतौल स्टेशन पर प्रदर्शन कर रहे थे। शहरी क्षेत्र में वाम दल, जाप के अलावे कुछ स्थानीय लोग भी दुकानों को बंद कराते देखे गये। जगह-जगह सड़क पर अवरोधक लगा दिया गया था। कई जगहों पर टायर जलाकर आगजनी भी की गयी। लहेरियासराय के बेलवागंज में सड़क को बांस-बल्ला से घेरने के क्रम में विरोध हो गया और पक्ष और विपक्ष में मारपीट हो गयी। जिसमें कई लोग चोटिल हो गये हैं।
वहीं दोनार चौक पर भी बंद समर्थकों और स्थानीय लोगों के बीच भिडंत हो गयी। जिसमें कई लोगों का सिर फट गया और कई लोग चोटिल हुए हैं। भिडंत के बाद यहां स्थिति सामान्य हो गयी। बंद का असर सड़क यातायात पर देखा गया। वैसे बंद को लेकर सड़क पर लोग कम दिखे। देहाती क्षेत्रों से लोग शहर में नहीं आये। जिस कारण थौक विक्रेताओं की दुकानों में भीड़ नहीं देखी गयी। एनएच-57 पर चार घंटों तक यातायात बाधित रहा। दरभंगा-बेनीपुर, दरभंगा-बहेड़ी, दरभंगा-केवटी, दरभंगा-बिरौल, दरभंगा-समस्तीपुर सड़क पर आंदोलनकारी रास्ता अवरूद्ध कर दिये थे। जिसके कारण घंटों यातायात बाधित रहा। दरभंगा-बहेड़ी पथ में चन्दनपट्टी, चिल्हा, आनन्दपुर और देकुली में सड़क को बाधित कर दिया गया।
जानकारी के अनुसार लगभग दो हजार लोगों ने गिरफ्तारी दी है। जिसे बाद में छोड़ दिया गया। वहीं वरीय पुलिस अधीक्षक बाबूराम ने कहा है कि बंदी शांतिपूर्ण सम्पन्न हुई। किसी भी तरह की कोई अप्रिय घटना नहीं घटी है। हलांकि कुछ जगहों पर उपद्रवियों के द्वारा जबरन सड़क जाम किया गया। ऐसे लोगों को चिह्नित कर प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया गया है।
विभिन्न जगहों पर बंद कराने में भाकपा के सचिव नारायणजी झा, राम कुमार झा, राजीव कुमार चौधरी, माकपा के ललन चौधरी, जनाधिकार पार्टी के खलिकुजमा, विक्की कासीफ, मिन्नत अंसारी, डॉ. वारिस सोहरवर्दी, नफीस रहमानी, इरशाद खां, सद्दाम खान, विनोद महतो, भाकपा माले के जिला सचिव बैद्यनाथ यादव, आर.के. सहनी, अभिषेक कुमार, देवेन्द्र कुमार, प्रिंस राज, कामेश्वर पासवान, हरिश्चन्द्र भगत आदि कार्यकर्ता शामिल थे। उधर पूर्व घोषित कार्यक्रम के तहत इसी बिल के विरूद्ध मशाल जुलूस क़िलाघाट से कर्पूरी चौक तक निकला गया जिसमे हज़ारों की संख्या लोग शामिल होकर इस बिल के वापस लेने की माँग कर रहे थे।