मधेपुरा/बिहार : शनिवार को सदर प्रखंड के उत्क्रमित मध्य विद्यालय बुधमा भाकपा का जिला संगठन सम्मेलन का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की संयुक्त अध्यक्षता वरीय नेता रमन कुमार एवं मो चांद ने किया। कार्यक्रम की शुरुआत भाकपा के वरीय नेता शैलेंद्र कुमार के द्वारा झंडा तोलन कर किया गया।
मौके पर उपस्थित भाकपा की राष्ट्रीय परिषद सदस्य ओम प्रकाश नारायण ने कहा कि आज भारतीय संविधान, लोकतंत्र, अभिव्यक्ति की आजादी एवं गंगा यमुनी, सतरंगी एवं बहुरंगी संस्कृति खतरे में है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की कॉरपोरेट नीति के कारण देश आर्थिक संकट का सामना कर रहा है। गहराती आर्थिक मंदी, भीषण महंगाई, बढ़ती बेरोजगारी एवं व्याप्त भ्रष्टाचार से आम लोग त्रस्त है. अलाभकारी होते कृषि एवं कर्ज में डूबे किसान देश में प्रतिवर्ष 12 हजार की संख्या में आत्महत्या कर रहे हैं।
20 करोड़ लोग को सर छुपाने के लिए नहीं है आशियाना : ओम प्रकाश नारायण ने कहा कि दुनिया में सबसे अधिक भूखे रहने वालों की संख्या भारत में है। 20 करोड़ लोग खुले आकाश के नीचे सोते हैं। यानी इन्हें सर छुपाने के लिए कोई अपना आशियाना नहीं है। 40 करोड़ नौजवान बेरोजगार हैं। लहसुन, प्याज एवं हरी सब्जियां गरीब एवं मध्य वर्ग के लोगों के थाली से नदारद है। सार्वजनिक क्षेत्र के उपकरण को धड़ल्ले से बेचा जा रहा है। निजीकरण के सहारे विकास का सपना दिखाया जा रहा है। इन समस्याओं से बेखबर मोदी सरकार आरएसएस के एजेंडे को लागू करने में मशगूल है। सभी समस्याओं का समाधान धारा 370 एवं अयोध्या में राम मंदिर बताया जा रहा है।
वहीं भाकपा की राष्ट्रीय परिषद सदस्य प्रमोद प्रभाकर ने कहा कि बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ का नारा देने वाली पार्टी एवं सरकार के बड़े-बड़े नेता बेटियों के साथ बलात्कार कर रहे हैं। सरकार इन बलात्कारियों को संरक्षण दे रही है। देश में लगातार दलितों, अकलियतों, महिलाओं एवं कमजोर वर्गों पर अत्याचार एवं मॉब लिंचिंग हो रहा है।
संपूर्ण देश में आतंक और दहशत का वातावरण : प्रमोद प्रभाकर ने कहा कि संपूर्ण देश में आतंक और दहशत का वातावरण है। शिक्षा, चिकित्सा, भोजन एवं आवास मूलभूत सुविधा जनता को प्रदान करने में सरकार विफल है, परंतु हिंदू मुसलमान का नफरत पैदा करने में सफल है। इन परिस्थिति में देश की अखंडता, एकता और संप्रभुता खतरे में है। दूसरी ओर बिहार में कानून व्यवस्था नाम की कोई चीज नहीं है। अपराध उद्योग का रूप ले लिया है और भ्रष्टाचार शिष्टाचार का रूप ले लिया है। सरकारी अधिकारी और मुलाजिम जनता का सुधि लेने एवं सुनने को तैयार नहीं है। बिना घूस का कोई काम नहीं होता है। भूमिहीनों को बास की जमीन का पर्चा देने, पर्चाधारियों को जमीन पर कब्जा दिलाने, सरकारी नौकरियों में रिक्त स्थान पर बहाली करने, बाढ़- सुखार का स्थाई निदान करने, मजदूरों के पलायन पर रोक लगाने, किसानों से समर्थन मूल्य पर धान खरीदने, विधि व्यवस्था, शिक्षा एवं चिकित्सा को दुरुस्त करने में नीतीश सरकार की कोई रुचि नहीं है। उन्होंने उपस्थित लोगों से आवाहन किया कि इन तमाम विषयों पर विचार करने एवं संघर्ष का रास्ता तय करने के लिए सदर प्रखंड के क्रांतिकारी धरती बुधमा में एकत्रित होकर एक मजबूत कम्युनिस्ट पार्टी की निर्माण करने के लिए संकल्प लें।
मौके पर दीप नारायण यादव, शैलेंद्र कुमार, पवन कुमार, मो जहांगीर, उमेश यादव, शंभू क्रांति, उमाकांत सिंह, अनिल भारती, जगत नारायण शर्मा, सागर चौधरी, रामदेव सिंह, बाबूलाल मंडल, मोती सिंह, विंदेश्वरी यादव सहित अन्य लोग उपस्थित थे।