मधेपुरा : जेएनयू छात्र छात्राओं पर बर्बरतापूर्ण पुलिस लाठीचार्ज के खिलाफ AISF एवं  NSUI  का विरोध प्रदर्शन, पीएम और गृह मंत्री का फूंका पुतला

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अमित कुमार अंशु
उप संपादक

मधेपुरा/बिहार : देश की राजधानी दिल्ली की सड़कों पर अपने हक के लिए संघर्ष कर रहे जेएनयू के छात्र छात्राओं पर बर्बरतापूर्ण पुलिस लाठीचार्ज के खिलाफ बुधवार को भूपेंद्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय के मुख्य द्वार पर एआईएसएफ एवं एनएसयूआई के छात्र नेताओं ने विरोध प्रदर्शन करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं गृह मंत्री अमित शाह का पुतला दहन किया।

 मौके पर उपस्थित छात्रों को संबोधित करते हुए एआईएसएफ के पूर्व राज्य सचिव प्रमोद प्रभाकर ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार एक साजिश के तहत जेएनयू को बंद करना चाहती है, ताकि कोई गरीब एवं मध्य वर्ग के छात्र उच्च शिक्षा प्राप्त नहीं कर सके।  उन्होंने कहा कि पहले तो जेएनयू को बदनाम किया गया, फिर बेतहाशा शुल्क वृद्घि की गई और अब दमनात्मक कार्रवाई की जा रही है।  उन्होंने कहा कि जेएनयू देश का गौरव है, जहां से सबसे ज्यादा आईएएस, आईपीएस, डॉक्टर, इंजीनियर, इतिहासकार, साहित्यकार, पत्रकार एवं समाजसेवी पैदा लेते हैं।  प्रमोद प्रभाकर ने कहा कि सरकार इस भूल में नहीं रहे कि जेएनयू के छात्रों की आवाज लाठी और गोली के बल पर दबा देंगे. यह आवाज बुलंद हो रहा है. पूरे देश के छात्र जेएनयू के साथ खड़ा है। सरकार जेएनयू पर दमनात्मक कार्यवाई बंद करें, अन्यथा गंभीर परिणाम होंगे।

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एनएसयूआई जिलाध्यक्ष निशांत यादव ने कहा कि सांसदों और विधायकों के भोजन में सब्सिडी, परंतु छात्रों की शिक्षा में सब्सिडी नहीं, यह कैसी सरकार है।  उन्होंने कहा कि मोदी सरकार छात्र विरोधी एवं शिक्षा विरोधी सरकार है. इसके इशारे पर जेएनयू के छात्र छात्राओं पर बेरहमी से लाठी चार्ज करा कर लहूलुहान किया गया. देश का छात्र इसका जवाब अवश्य देगा।  वही एआईएसएफ जिलाध्यक्ष मो वसीम उद्दीन उर्फ नन्हें ने कहा कि केंद्र की सरकार हिटलर के रास्ते आगे बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि सबका शिक्षा पाने का अधिकार है।  छात्रों पर दमन नहीं रुकी तो देशभर में छात्र आंदोलन तेज होगा।

 मौके पर छात्र नेता नीरज कुमार, हिमांशु राज, पिंटू कुमार, शंभू क्रांति, शुभम कुमार स्टालिन, सौरभ कुमार, राजेश यादव, मो इरशाद, मो शमशेर, सुल्तान, समीर सिंह, जियाउल हक, ब्रजेश कुमार, दिलखुश, मनीष कुमार, सूरज कुमार, पिंटू यादव सहित अन्य लोग उपस्थित थे. सभी छात्र नेताओं ने कहा कि छात्रों पर दमन नहीं सहेंगे. सरकार होश में आए और छात्रों के दमन पर रोक लगाएं।


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