मधेपुरा/बिहार : आगामी 2 नवंबर से मधेपुरा जामा मस्जिद परिसर में दो दिवसीय “खुसूसी तरबियती इजलास” अमीर -ए- शरीयत, (बिहार, उड़ीसा एवं झारखंड) सह जनरल सेक्रेट्री ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड, हज़रत मौलाना मोहम्मद वली रहमानी की अध्यक्षता में होने जा रहा है। वहीं 3 नवंबर को ही शाम के 6 बजे से मदरसा जामिया फैजे ज़ोहरा, झिटकिया, सिंहेश्वर के परिसर में में आयोजित “इजलास-ए-आम” को हजरत मौलाना वली रहमानी सहित अन्य दानिशवरान संबोधित करेंगे।
उक्त जानकारी आज मदरसा इस्लामियां, मस्जिद चौक में पत्रकारों से वार्ता करते हुए इमारत-ए-शरिया के उप महासचिव मुफ़्ती मोहम्मद शोहराब नदवी ने दी।
कार्यक्रम के हवाले से उन्होंने बताया कि इमारत-ए-शरिया, बिहार, उड़ीसा और झारखंड के जानिब से आयोजित इस इलाजस के माध्यम से इमारत-ए-शरिया के जो नकीब और नुमाइंदे जिला के विभिन्न क्षेत्रों में हैं। उन्हें दो नवंबर इजलास में शरीक होना है जहाँ उन्हें उनकी जिम्मेदारियों का एहसास दिलाने के साथ अपने-अपने क्षेत्र में सामाजिक एकता, सामाजिक इंसाफ और तालीम के प्रति जागरूक करने के साथ-साथ दहेजप्रथा, नशाखोरी जैसे अन्यं कुरीतियों समाज को पाक करने और हर मौके पर सामाजिक ख़िदमत में आगे रहने से संबंधित रहनुमाई की जाएगी।
वहीं दूसरे दिन यानी तीन नबंवर को जिले के दानिशवर, समाजसेवी, ओलमा-ए-कराम को आमंत्रित किया गया है। जिन्हें उनकी जिम्मेदारियों के बारे बताया और समझाया जाएगा। उन्होंने बताया कि इमारत-ए-शरिया जिला स्तर पर इस तरह का कार्यक्रम पूर्व से आयोजित करती आ रही है। वहीं तीन नवंबर को ही शाम 6 बजे से मदरसा जामिया फैजे ज़ोहरा, झिटकिया, सिंहेश्वर के परिसर में जिला स्तरीय “इजलास-ए-आम” का आयोजन होगा ।
जिसमे काफी संख्या में जिले के तमाम मदरसों के जिम्मेदार, ओलमा-ए-कराम के साथ-साथ समाज के सभी वर्ग के बुद्धिजीवी, समाजसेवी और आम आवाम शिरकत करेंगे। इस “इजलास-ए-आम” को अमीर-ए-शरीयत मौलाना वली रहमानी के अलावा जिला और रियासती सतह के ओलमा-ए-कराम भी संबोधित करेंगे। इस दौरान मुफ़्ती शोहराब साहब ने आम व खास लोगों से इजलास-ए-आम में ज्यादा से ज्यादा शिरकत करने की अपील की।
प्रेसवार्ता में मुफ़्ती मोहम्मद शोहराब नदवी, उप महासचिव इमारत-ए-शरिया के अलावा मौलाना नुरुल्लाह नदवी, प्रधानाध्यापक मदरसा इस्लामिया मधेपुरा, हाजी अशफ़ाक आलम, सेक्रेट्री मदरसा इस्लामिया मधेपुरा, हाजी मोहम्मद अलीमुद्दीन, मौलाना मुस्ताक अहमद मौजूद थे।