दरभंगा/बिहार : जिलाधिकारी डॉ. त्यागराजन एस एम द्वारा लगातार काम मे लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों पर सख्त दिख रहे है। जिला के सभी अंचलाधिकारियों को उनके अंचल में निष्पादित दाखिल खारिज वादों का दैनिक प्रतिवेदन भेजने का निर्देश दिया गया है।
उन्होंने कहा कि सभी अंचलों में दाखिल-खारिज के काफी ज्यादा आवेदन लंबित है। जिसमें बहेड़ी अंचल में 6000, जाले में 3900, सिंहवाड़ा में 3292 शामिल है। उन्होंने कहा कि दाखिल-खारिज आवेदनों का निष्पादन तेजी से करने का निर्देश पूर्व में भी दिया गया था लेकिन किसी भी अंचल में अब तक अपेक्षित प्रगति नहीं दिख रहा है।
बताया कि विगत दिनों राजस्व विभाग के कार्य प्रगति की प्रमंडल स्तरीय समीक्षा बैठक में प्रधान सचिव, राजस्व विभाग विवेक कुमार सिंह द्वारा भी दाखिल-खारिज, आॅनलाईन लगान वसूली आदि में जिला की खराब उपलब्धि पर अत्यंत अप्रसन्नता व्यक्त किया गया था। प्रधान सचिव द्वारा ही 31 अक्टूबर तक सभी अंचलों में 60-70 प्रतिशत दाखिल-खारिज करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इस लक्ष्य को प्राप्त नहीं करने वाले अंचलाधिकारियों के विरूद्ध कड़ी कार्रवाई हेतु विभाग को अनुशंसा भेज दी जायेगी।
उन्होंने ये बातें समाहरणालय सभाकक्ष में आयोजित समीक्षा बैठक में कही है। उन्होंने कहा कि रैयतों की सुविधा हेतु आॅनलाईन लगान प्रणाली विकसित की गई है लेकिन दरभंगा जिला में आॅनलाइन लगान की प्रगति अत्यंत निराशाजनक है। उन्होंने अंचलाधिकारी को आॅनलाइन लगान जमा करने हेतु रैयतों को जागरूक करने को कहा है। उन्होंने कहा कि आॅनलाइन लगान अत्यंत आसान प्रक्रिया है। इस प्रक्रिया के बारे में रैयतों को प्रोत्साहित करने की जरूरत है। राज्य के बाकी जिलो में आॅनलाइन लगान जमा करने का कार्य तेजी से हो रहा है।
जिलाधिकारी ने अपर समाहर्ता को आॅनलाइन लगान की वसूली में सबसे खराब उपलब्धि वाले अंचलों के अंचलाधिकारियों से स्पष्टीकरण पूछने का निर्देश दिया है। राजस्व कार्यों की समीक्षा में कुशेश्वरस्थान, हनुमाननगर, घनश्यामपुर एवं जाले अंचलों की प्रगति सबसे खराब पाई गई। इसके चलते इन अंचलों के अंचलाधिकारियों का वेतन भुगतान पर रोक लगा दिया गया है। वहीं अंचलाधिकारी, कुशेश्वरस्थान के द्वारा किसी भी कार्यों में अभिरूचि नहीं लेने भ्रामक प्रतिवेदन भेजने के चलते जिलाधिकारी द्वारा सख्त नाराजगी व्यक्त किया गया है। इस पर डी.सी.एल.आर., बिरौल को अंचलाधिकारी, कुशेश्वरस्थान के विरूद्ध प्रपत्र-क में आरोप पत्र गठित कर अनुशासनिक कार्रवाई हेतु प्रस्ताव भेजने को कहा गया है। साथ ही सभी अंचलाधिकारी को बाढ़ प्रभावित छूटे हुए प्रभावित परिवारों की बारीकी से जाँच कर पात्र लाभुकों को जी.आर. की राशि का भुगतान शीघ्र करने का भी निर्देश दिया गया है।