मधेपुरा/बिहार : लगातार छह दिनों से हो रही मूसलाधार बारिश के बाद मंगलवार की हल्की धूप के साथ लोगों को राहत मिलने के साथ उनमे बाढ़ की स्थिति से छुटकारा मिलने की उम्मीद जग गई। वहीं जिला प्रशासन एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा बाढ़ वाले इलाके के लोगों आपदा एवं विभिन्न बीमारियों से सुरक्षित करने के लिए लगातार अभियान चलाया जा रहा है। एक तरफ स्वास्थ्य विभाग द्वारा आपदा वाले इलाकों में मेडिकल टीम का गठन कर लोगों को स्वास्थ्य सेवा दी जा रही है तो वहीं दूसरी ओर जिला प्रशासन द्वारा बारिश के पानी से उत्पन्न हुई बाढ़ की स्थिति पर काबु पाने की कोशिश की जा रही है।
जिला प्रशासन तथा नगर परिषद द्वारा सभी ओर पानी निकासी का कार्य करवाया जा रहा है। जिसके लिए शहर के सभी नालों की सफाई की जा रही है। खासकर जिले के निचले इलाकों पर जिला प्रशासन मुस्तैदी से नजर बनाए हुए हैं। जिस इलाके में पानी ज्यादा है, वहां जिले के स्वास्थ्य टीम से लेकर सभी संबंधित विभागों को भेजा जा रहा है। जलजमाव को लेकर जिला प्रशासन तथा नगर परिषद मुस्तैद : जलजमाव को लेकर लोगों को परेशानी ना हो इसके लिए जिला प्रशासन तथा नगर परिषद पूरी तरह मुस्तैद है। मंगलवार को सदर एसडीएम वृंदा लाल तथा नगर परिषद कार्यपालक पदाधिकारी प्रवीण कुमार द्वारा स्वयं नालों की सफाई करवाते दिखे। सदर प्रखंड के साहूगढ़ पंचायत के नदी में भारी जल जमा होने के कारण आसपास के गांव में पानी फैल गया है। साथ ही नदी में पानी इतना बढ़ गया है कि पानी पुल के ऊपर से बह रहा है। सदर बीडीओ आर्य गौतम द्वारा सदर प्रखंड के विभिन्न जलजमाव वाले इलाको का भ्रमण कर लोगों को जलजमाव से निजात दिलाने का कार्य किया गया।
इस बाबत बीडीओ आर्य गौतम ने बताया कि बुधमा, धुरगांव, महेशुआ, सकरपुरा, तुलसीबाड़ी सहित कई अन्य इलाकों में पानी का जलजमाव अधिक होने के कारण बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई है। इन इलाकों का निरीक्षण कर नोर्मल फ्लो का कार्य किया जा रहा है, यानी कई जगहों पर पानी निकासी की सुविधा होने के बावजूद अतिक्रमण की वजह से पानी निकासी नहीं हो पा रही है। उन्हीं जगहों पर नहर, नाले व नदी को सदृढ़ बनाकर पानी निकासी की सुविधा की जा रही है। पानी निकासी के बाद इन इलाकों में जलजमाव की समस्या खत्म हो सकती है। आठ परिवारों को निकाला गया बाहर : लगातार भारी बारिश के बाद शहर के नदियों का जलस्तर बढ़ने के कारण नदी के नजदीकी इलाकों में काफी जलजमाव होने के कारण बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई। नगर परिषद क्षेत्र अंतर्गत वार्ड नंबर 14 स्थित गोमती नदी के पुल से दक्षिण भारी वर्षा से जलस्तर में वृद्धि होने से मोहल्ले में रह रहे अधिकतर लोग अपने घरों में कैद थे, इसके बाद सीओ विरेंद्र झा के नेतृत्व में एसडीआरएफ टीम द्वारा लोगों को बोट के सहारे घरों से बाहर निकाला गया। उन्हें कर्मचारी धीरेंद्र सिंह एवं स्थानीय पूर्व वार्ड पार्षद सह सामाजिक कार्यकर्ता ध्यान यादव स्वयं मोटर बोट के सहारे पानी में फंसे लोगों को घर से बाहर निकाला गया। लोगों ने पूर्व वार्ड पार्षद एवं जिला प्रशासन के प्रति आभार व्यक्त किया।
मालूम हो कि लगातार छह दिनों से भारी जलजमाव से प्रभावित लोग घर में कैद थे। जिला प्रशासन के अथक प्रयास से मोटर वोट भेजकर लोगों को घर से बाहर निकालने का प्रयास किया गया। इस अभियान में एसडीआरएफ टीम द्वारा कुल आठ परिवारों को पानी से बाहर निकाला गया. इसके बाद सभी अपने रिश्तेदारों के यहां शरण लेने चले गए। 6 मेडिकल टीम का किया गया गठन : सदर अस्पताल द्वारा चौसा एवं आलमनगर के बाढ़ प्रभावित इलाकों में लोगों की मदद के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा छह मेडिकल टीम का गठन किया गया। इनमें एक मोबाइल मेडिकल टीम भी शामिल है।
इस बात की जानकारी देते हुए प्रभारी एसीएमओ डा आरपी रमन ने बताया कि सीएस के निर्देशानुसार इन छह टीमों का कार्य पर लगा दिया गया है। सभी टीमों को संबंधित चिकित्सा प्रभारी द्वारा कॉर्डिनेट किया जा रहा है। वहीं चिकित्सा प्रभारी द्वारा मुख्यालय को कॉर्डिनेट किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि मेडिकल टीम के पास सभी दवा उपलब्ध करवा दी गई है।