मधेपुरा/बिहार : बढ़ते अपराध एवं व्याप्त भ्रष्टाचार के खिलाफ, बाढ़ और सुखाड़ पीड़ितों को मुआवजा, जर्जर एनएच 106 एवं 107 का निर्माण, भूमिहीनों को वासगीत पर्चा तथा पर्चा धारियों को जमीन पर कब्जा आदि मांगों को लेकर बुधवार को समाहरणालय के आगे भाकपा नेताओं ने विशाल प्रतिरोध मार्च किया। प्रदर्शनकारी डंडा – झंडा एवं परंपरागत हथियार से लैस थे। कला भवन के मैदान से निकलकर भाकपा का प्रतिरोध मार्च शहर के विभिन्न सड़कों से गुजरते हुए समाहरणालय पहुंचा। जिसके बाद समाहरणालय के आगे भाकपा नेताओं ने जमकर प्रदर्शन किया।
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प्रदर्शन के दौरान उन्होंने केंद्र सरकार, बिहार सरकार तथा जिला प्रशासन के विरोध में जमकर नारे लगाए। इस दौरान समाहरणालय के मुख्य द्वार पर तैनात पुलिस बल से नोक-झोंक एवं धक्का-मुक्की भी हुई। नेताओं के द्वारा आक्रोशित प्रदर्शनकारियों को किसी तरह नियंत्रित किया गया। प्रदर्शनकारी कुछ कर गुजरने को आतुर थे। प्रदर्शन के बाद भाकपा के प्रतिनिधिमंडल ने 11 सूत्री मांगों का स्मार पत्र जिला पदाधिकारी नवदीप शुक्ला को सौंपा।
अपराध ने उद्योग का एवं भ्रष्टाचार ने शिष्टाचार का रूप ले लिया: प्रतिरोध मार्च का नेतृत्व कर रहे भाकपा के राष्ट्रीय परिषद सदस्य प्रमोद प्रभाकर ने समाहरणालय के मुख्य द्वार पर आंदोलनकारियों एवं उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए कहा कि जिले के अंदर लगातार हो रहे हत्या, लूट, बलात्कार एवं अपहरण से आम लोग त्रस्त हैं। विकास योजनाओं एवं गरीबी उन्मूलन योजनाओं में भ्रष्टाचार व्याप्त है।
उन्होंने कहा कि यहां अपराध ने उद्योग का एवं भ्रष्टाचार ने शिष्टाचार का रूप ले लिया है। किसान बाढ़ और सुखाड़ से परेशान है। मजदूरों का पलायन बदस्तूर जारी है। शिक्षा का व्यवसायीकरण एवं रोजगार की घटते अवसर से छात्रों एवं नौजवानों का भविष्य अंधकारमय है। लेकिन केंद्र एवं राज्य की सरकार इन समस्याओं के प्रति लापरवाह है। भाकपा नेता प्रमोद प्रभाकर ने कहा कि लगातार संघर्षों के बाद भी एनएच 106 का निर्माण नहीं हो रहा है। एनएच 107 में भी मधेपुरा सहरसा के बीच निर्माण कार्य बंद है। सत्तारूढ़ दल के प्रतिनिधि काम कराने के बदले अनाप-शनाप बयानबाजी कर रहे हैं। भूमिहीनों को वास गीत की जमीन देने के बदले उजाड़ा जा रहा है। सरकारी योजनाओं में लूट मची है। सदर अस्पताल को कुव्यवस्था का प्रतीक बना हुआ है। उन्होंने मधेपुरा जिला को अपराध मुक्त बनाने, भ्रष्टाचार पर रोक लगाने, जर्जर एनएच का निर्माण करने, भूमिहीनों को वास गीत का पर्चा देने की मांग जिला प्रशासन से की और कहा कि मांगे पूरी नहीं हुई तो आंदोलन और उग्र होगा।
किसानों एवं मजदूरों की अनदेखी बर्दाश्त नहीं : भाकपा जिला मंत्री विद्याधर मुखिया ने कहा कि जिले में कम बारिश होने के कारण 80 प्रतिशत फसल बीमार ग्रस्त है। उन्होंने मधेपुरा जिला को सुखाड़ क्षेत्र घोषित करने की मांग की। जिला मंत्री ने आलमनगर एवं चौसा प्रखंड के दस पंचायत के बाढ पीड़ितों को शीघ्र मुआवजा देने की मांग की। उन्होंने कहा कि किसानों एवं मजदूरों की अनदेखी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। भाकपा नेता प्रो सचिंद्र महतो ने कहा कि बिहार सरकार द्वारा घोषित भूमिहीनों को पांच डिसमिल वास की जमीन देने एवं पर्चा धारियों को जमीन पर दखल अभियान का हवा निकल गया। सरकार ने गरीबों को धोखा देने का काम की है। भूमिहीन जानवर की जिंदगी जीने को विवश हैं। भ्रष्ट नौकरशाह सुधि लेने को तैयार नहीं है। उन्होंने मजदूरों से आंदोलन तेज करने का आवाहन किया। भाकपा के वरीय नेता सह किसान सभा के सचिव रमन कुमार ने कहा कि आज आजादी के 72 साल बाद भी कृषि संकट में है। कर्ज में दबे किसान प्रतिवर्ष 12 हजार की संख्या में आत्महत्या कर रहे हैं। उन्होंने कृषि ऋण माफ करने, खेती के लिए मुफ्त बिजली मुहैया करने की मांग सरकार से की।
कमीशन खोरी एवं लूट के लिए सरकार एवं जिला प्रशासन जिम्मेवार : भाकपा नेता सह पूर्व मुखिया रामदेव सिंह, उमेश यादव, वीरेंद्र नारायण सिंह, शैलेंद्र कुमार, एआईएसएफ जिलाध्यक्ष मो वसीम उद्दीन उर्फ नन्हे, मो जहांगीर, शंभू क्रांति, जगत नारायण शर्मा, विरेंद्र मेहता, अनिल भारती, दिलीप पटेल, सागर चौधरी, अंबिका मंडल, अमरेंद्र सिंह, प्रमोद कुमार सिंह, प्रो ललन मंडल, नवीन कुमार, कृत्यानंद रजक, मनोज राम, मो सुलेमान, सौरभ कुमार सहित अन्य नेताओं ने गली-नली, नल-जल, मनरेगा, प्रधानमंत्री आवास सहित अन्य योजनाओं में व्याप्त कमीशन खोरी एवं लूट के लिए सरकार एवं जिला प्रशासन के वरीय पदाधिकारी को जिम्मेवार माना।
उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार पर रोक नहीं लगाई गई तो इसके गंभीर परिणाम होंगे। नेताओं ने कहा कि सदर अस्पताल कुव्यवस्था का प्रतीक बना हुआ है। नगर परिषद तो नरक परिषद में तब्दील हो चुका है। नए मोटर व्हीकल एक्ट के नाम पर आम लोगों का शोषण हो रहा है। इस जन विरोधी कानून को वापस लेना होगा। नेताओं ने 60 वर्ष से अधिक उम्र वाले किसानों मजदूरों को 10 हजार रुपया मासिक पेंशन देने की मांग की।
मौके पर मोहन सिंह, चंदर पासवान, सचिदा शर्मा, अनिल पासवान, अरुण दास, सिकंदर राम, अजीत शर्मा, पंकज शर्मा, बुद्धदेव साह, रामसुंदर यादव, बिरंचि ऋषिदेव, दशरथ यादव, माधो राम, रामसेवक यादव, राजीव कुमार, छत्री राम, बाबूलाल मंडल, चंद्रशेखर पोद्दार, अशोक यादव, उपेंद्र चौधरी, बूटीश स्वर्णकार सहित अन्य लोग उपस्थित थे।