सात निश्चय योजना बना लूट खसोट प्रमुख योजना मुखिया एवं अधिकारी मस्त वार्ड सदस्य एवं सचिव त्रस्त : अभिजीत कुमार

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ज़ाहिद  अनवर (राजु)
उप संपादक

दरभंगा/बिहार : दरभंगा–मानवाधिकार इमरजेंसी सोशल हेल्पलाइन के प्रदेश अध्यक्ष अभिजीत कुमार ने बिहार सरकार के प्रमुख योजना सात निश्चय के तहत नल जल योजना मैं सरकार के तंत्र द्वारा लूट का तंत्र बताया।

अध्यक्ष अभिजीत कुमार ने बताया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का ड्रीम प्रोजेक्ट नल का जल योजना हर नल में जल पहुंचाने का भाषण बाजी, अखबारों की मेन पेज पर एवं टीवी के हेड लाइन पर सभी ने देखा होगा लेकिन क्या वास्तव में धरातल पर यह हो रहा है, नहीं बिल्कुल नहीं। पंचायत स्तर से मुखिया एवं पंचायत सचिव के द्वारा वार्डों को 5 लाख की राशि वार्ड क्रियान्वयन एवं प्रबंधन समिति खाता में भेजने के बाद मुखिया द्वारा अपने निजी एक खाते में उक्त रकम को ट्रांसफर इस एवज में करवा लिया कि बोर्डिंग और नल लगाने का काम मेरे द्वारा ही किया जाएगा वार्ड सदस्य और वार्ड सचिव की क्या मजाल की मुखिया जी की बात टाल दें।

ऐसा ही देखने को मिला है बेनीपुर प्रखंड के संझूआर पंचायत के वार्ड नंबर 5 में। वार्ड सचिव युवराज झा पंचायत के मुखिया  पंकज कुमार झा पर वार्ड  के जल नल का सारा पैसा अपने निजी खाते में डाल कोई भी कार्य  नहीं करने के संबंध में आवेदन देकर कार्रवाई की मांग की है। आवेदन पत्र में लिखा कि मुखिया पंकज झा ने वार्ड क्रियान्वयन समिति के खाते से जबरदस्ती वार्ड सदस्य एवं मुझसे हस्ताक्षर करवा कर पूरा 5 लाख अपने निजी खाते में डलवा लिया और वार्ड के कार्य का जिम्मा खुद लिया। उक्त राशि दिसंबर 2018 को ट्रांसफर करवाया। आज 9 महीने बीतने के बाद भी वार्ड में कोई भी जल नल का काम नहीं किया गया इसकी शिकायत जिलाधिकारी दरभंगा, अनुमंडल अधिकारी बेनीपुर और प्रखंड विकास अधिकारी से लिखित में की गई लेकिन अभी तक उक्त मुखिया पर कोई कार्रवाई नहीं की गई।

अध्यक्ष श्री कुमार ने बताया कि आखिर बिहार के मुख्यमंत्री का इतना बड़ा योजना सात निश्चय जिसके लिए सारे अधिकारी बड़े-बड़े बैठक करते हैं वह सिर्फ बैठक तक ही सीमित है। श्री कुमार ने आरोप लगया की वास्तव में प्रशासन सिर्फ खानापूर्ति कर रही है उन्हें आम जनता की कोई परवाह नहीं सिर्फ बड़े-बड़े स्लोगन लिखवाने से और बड़े-बड़े पोस्टर छपवाने से बिहार का विकास नहीं होगा। जब तक आम जनता को योजना का लाभ ना हो अगर जिला प्रशासन नल जल योजना को अति आवश्यक समझती है तो ऐसे मुखिया के विरुद्ध आवेदन मिलते ही जांच कर बर्खास्त का अनुशंसा करते हुए प्राथमिकी दर्ज कर ठोस कार्रवाई करनी चाहिए थी। श्री कुमार ने कहा कि उक्त आवेदन की जांच कर उक्त मुखिया के विरुद्ध कार्रवाई कराई जाएगी।


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