मुरलीगंज/मधेपुरा/बिहार : सरकार शिक्षा के क्षेत्र में विभिन्न तरीके अपनाकर शिक्षा का स्तर सुधारने में लगी हुई हैं। तो वही दूसरी ओर मुरलीगंज क्षेत्र के जोरगामा स्थित सरकारी स्कूलों में शिक्षा का स्तर दिन – प्रतिदिन गिरता जा रहा हैं। बच्चे गुणवत्तापूर्ण शिक्षा से वंचित हो रहे हैं। समस्या के समाधान में विभाग उदासीन रवैया अपनाये हुए हैं।
जोरगामा संथाली टोला स्थित बनदेव सुमित्रा नवसृजित प्राथमिक विधालय एवं उत्कमित मध्यविधालय देवनरही में छात्र – छात्राओं की गुणवत्तापूर्ण शिक्षा भगवान भरोसे हैं। इन स्कूलों में नामांकित बच्चों की संख्या तो काफी है लेकिन उपस्थिति काफी नग्न थी। इतना ही नही बच्चों को मिलने वाला मध्यानभोजन का स्तर काफी घटिया था। दूसरी तरफ विधालय के शौचालयों में ताला लगा हुआ रहता हैं। जिस कारण बच्चें को शौच हेतु घर या खेत में जाना पड़ता हैं। विधालय प्रबंधक की मनमानी की वजह से लगभग सभी विधालयों की स्थिति यही बनी हुई हैं।
देखें वीडियो, क्या कहा एचएम ने :
बता दे कि जोरगामा वार्ड दो संथाली टोला स्थित नवसृजित प्राथमिक विधालय में कुल नामांकित छात्र 140 हैं। जिसमें कुल 38 छात्र – छात्रा ही उपस्थित थे। वही दूसरी ओर जोरगामा के ही उत्कमित मध्यविधालय देवनरही विधालय में कुल 349 नामांकित छात्र – छात्राओं में मात्र 181 बच्चे की उपस्थिती दिखाई गयी हैं। जबकि कक्षा में मात्र एक सौ छात्र – छात्रा ही उपस्थित थे। साथ ही स्कूल के शौचालय में तालाबंद था। बच्चों को शौचालय के लिए अपने घर जाना पड़ता हैं।
इस बाबत विधालय के एचएम राजेश कुमार ने बताया कि एमडीएम प्रभारी अजय कुमार प्रत्येक माह एक हजार रूपये रिर्पोट जमा करने वक्त लेते हैं। इसीकारण छात्रों की उपस्थिति बढ़ाकर दर्ज करनी पड़ती हैं।
इस दौरान ग्रामीण रोशन कुमार, भुवनेश्वरी यादव, रूपेश कुमार, गणेश यादव, संतोष त्रृषिदेव, नरेश यादव, विधानंद यादव, चंद्रकिशोर यादव, डा. विरेन्द यादव, दिनेश पासवान ने बताया कि स्कूल ससमय नही खुलता हैं। शौचालय में तालाबंद रहने के कारण बच्चों को घर आना पड़ता हैं। स्कूल में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा नही मिल पाता हैं।