मधेपुरा/बिहार : स्वस्थ्य जीवन के लिए पर्यावरण का रहना अनिवार्य है। लेकिन इसके विपरीत उदाकिशुनगंज प्रखंड के नयानगर पंचायत अंतर्गत मध्य विधालय सिंगारपुर परिसर से कई हरे भरें वृक्षों की अंधाधुंध कटाई कर दी गई।
वृक्षों की कटाई किस आदेश के तहत कराई गई। इसका खुलासा नहीं हो पा रहा है। लेकिन जिस तरह से धड़ल्ले से वृक्षों कटाई हुई है। उससे स्कूल परिसर वीरान सा दिखने लगा है। लिहाजा विधालय परिसर हरियाली मिटने पर लोगों में भाड़ी आक्रोश है। स्कूली बच्चों को राहत के लिए छांव नहीं बच गया। वृक्षों की कटाई से कई तरह की परेशानियां सामने आ रही है। वृक्ष के होने से स्कूल गांव के बच्चे और गांव के लोग बड़ी राहत महसूस करते थे।
इस संबंध में स्कूल के प्रधानाध्यापक अमर ठाकुर का कहना है कि अभिभावकों की बैठक के बाद वृक्ष कटाई कराया गया हैं। जबकि ग्रामीणों ने वृक्षों की कटाई को लेकर किसी भी तरह की बैठक की बात से इंकार किया है। लोगों का कहना है कि वृक्षों के होने से बड़े फायदे है। ऐसे में हरे भरे वृक्षों की कटाई सवालों के घेरे में है ।
उल्लेखनीय है कि सरकार धरती पर हरियाली बचाने के लिए कई तरह के योजना चला रखा है। इसके लिए विभिन्न संगठनों सरकारी और गैर सरकारी संस्थाए अभियान चलाकर हरियाली के प्रति लोगों को जागरूक कर रहे हैं । स्कूली बच्चों को अभियान के बारे में जानकारी दी जाती है । स्वच्छता और हरियाली को लेकर लोग चिंतित हैं । यदपि सिंगारपुर गांव के स्कूल के प्रधानाध्रापक को मानो हरियाली से कोई मतलब नहीं है । तभी तो खुद के फायदे के लिए हरियाली को ही मिटा कर रख दिया है । बताया जाता है कि प्रधानाध्रापक ने निजी स्वार्थ में विधालय के वृक्षों को ही काटकर बेच दिया । इससे ग्रामीणों में आक्रोश व्याप्त है ।
इस बाबत उदाकिशुनगंज बीईओ अशोक कुमार झा ने बताया कि किस परिस्थिति में स्कूल परिसर से पेड़ों की कटाई हुई है। जानकारी प्राप्त करने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है। यदि गड़बड़ी की गई है तो जांच के बाद प्रधानाध्यापक पर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।