एशिया का नोबेल पुरस्कार कहे जाने वाले प्रतिष्ठित “रेमन मैग्सेसे अवार्ड -2019 ” की घोषणा की जा चूकी। रेमन मैग्सेसे फाउंडेशन ने साल 2019 के लिए यह अवार्ड भारत के पत्रकार रवीश कुमार सहित पांच लोगों को दिया है। यह पुरस्कार प्रशासनिक सेवा, सार्वजनिक सेवा, सामुदायिक नेतृत्व, पत्रकारिता, साहित्य एवं सृजनात्मक कलाएं, शांति एवं सद्भावना और उभरते हुए नेतृत्व की श्रेणी में दिया जाता है।
अवार्ड से सम्मानित होने वालों में बिहार के लाल और एनडीटीवी इंडिया के मैनेजिंग एडिटर व वरिष्ठ पत्रकार रविश कुमार भी हैं। कहते हैं कि अमूमन सामाजिक कार्यों के लिए दिया जाने वाला यह प्रतिष्ठित पुरस्कार रविश कुमार की सामाजिक पत्रकारिता को रेखांकित करता है। यूँ तो अपने पत्रकारिता जीवन में इन्होंने कई पुरस्कार हासिल किए हैं परंतु यह पुरस्कार अपना अलग ही महत्व रखती है। पत्रकारिता के क्षेत्र में रविश कुमार का लंबा अनुभव है। रविश कुमार सहित रेमन मैग्सेसे अवार्ड-2019 का सम्मान पाने वाले सभी पुरस्कृत हस्तियों को ढेरों बधाई।
रविश कुमार ने निर्भिक निष्पक्ष और तथ्यों पर आधारित पत्रकारिता की एक मिसाल कायम की है। पत्रकारिता के दौरान उन्होंने सत्ता की चाटूकारिता से ईतर जनहित में सरकार के समक्ष लागातार सवाल खड़े करते रहे हैं। आज जबकि मुख्यधारा की इलेक्ट्रॉनिक मीडिया अपने डिबेट में अनावश्यक और निर्थक मुद्दे पर बहस कराती रहती है वहीं रविश जी ने प्राईम टाईम के तहत शिक्षा स्वास्थ्य बेरोजगारी जैसे जनसरोकार के अहम मुद्दे पर निरंतर आवाज बुलंद किया है साथ ही साथ मीडिया को लोकतंत्र के चौथे स्तंभ के रूप में जीवंत बनाए रखा है। हालाँकि सरकार की गलत नीतियों पर सवाल खड़े करने और जनता को हकीकत से रूबरू कराने के कारण सोशल मीडिया पर उन्हें गालियों से भी नवाजा गया बावजूद इसके इन्होंने हिम्मत नहीं हारी और निडर होकर अपने पत्रकारिता धर्म का पालन दृढतापूर्वक निष्ठा और लगन के साथ जारी रखा। निश्चय ही देश के हजारों लाखों लोगों ने रविश जी के रिपोर्टिंग को सराहा भी है। आज इस प्रतिष्ठित पुरस्कार के लिए चयनित होने पर सचमुच हमलोगों का सीना गर्व से चौड़ा हुआ है।एक बिहारी होने के नाते तो हमें और भी गर्व महसूस हो रहा है। उनकी इस उपलब्धि पर ढेरों बधाई और उज्जवल भविष्य की शुभकामनाएं पेश करता हूँ।