बिहार : जन अधिकार पार्टी (लो०)के युवा परिषद के प्रदेश प्रवक्ता रजनीश कुमार तिवारी ने राज्य में लगातार हो रही हत्या,लूट और बलात्कार की घटना पर चिंता प्रकट किया है । उन्होंने ने कहा की राज्य में औसतन दो दर्जन हत्याये हो रहें बलात्कार की घटना हर रोज घटित हो रहा जिससे बिहार सर्मशार हो रहा अपराधियों को कानून का कोई भय नही रहा राज्य में अपराध हत्या लूट बलात्कार एकदम आम बात हो गया है सरकार इस और बिल्कुल ध्यान नही दे रही और नाही विपक्ष विपक्ष बिल्कुल मौन है जो राज्य की जनता के लिए ठीक नही ।
उन्होंने ने कहा पटना से सटे बिहटा, बिक्रम, नौबतपुर, पाली इलाका में रंगदारी मामला को ले रोजाना हत्या हो रही लेकिन प्रशासन हाथ पर हाथ धरी बैठी हुई है। रजनीश ने कहा कि आज का हालात यह है राज्य में भ्रष्टाचार चरम है। विचौलियों का बोलबाला है। किसी भी कार्यकलय में बिना पैसा का कोई कार्य नहीं हो रहा है। आम आवाम गरीब दलित – पिछड़ो का कोई सुनने वाला नहीं है।
सरकार बस जाति और पार्टी के नाम पर वोट लेकर सत्ता सुख में डूबे हुए हैं। जरा जमीन पर उतर के देखें कि गरीब आदमी कैसे जिंदगी जी रहे हैं। यह किसी से छुपी नहीं है कि सम्पूर्ण स्वच्छता अभियान के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में शौचालय विहीन लोग जिनको अपना शौचालय नहीं था सरकार द्वारा कहा गया है कि आप शौचालय बनायें और आपके खाते में पन्द्रह दिन के अंदर पैसा भेज दिया जायेगा। गरीब लोगों के द्वारा किसी तरह कर्ज लेकर शौचालय निर्माण करा लिया गया लेकिन आज तक उनको पैसा नहीं मिला। वैसे लोगों को पैसा मिल गया जो समर्थवान थे और पूर्व से उनके यहाँ शौचालय निर्मित था वे लोग प्रखंड कार्यालय के कर्मी को हजार दो हजार घुस दिया और उनके खाता में पैसा भेज दिया गया। गरीब व्यक्ति प्रखंड कार्यालय का चक्कर लगाते- लगाते थक गए क्योंकि उनके पास घुस देने के लिए दो हजार नहीं हो पा रहा है। इसी तरह की कई समस्याएं गाँव के आम आदमी की है।
रजनीश कुमार ने कहा कि प्रदेश के किसान की हालत बद से बत्तर होती जा रही है। कभी किसान सुखार की मार झेल रहे हैं तो कभी बाढ़ की मार झेल रहे हैं। किसान को कोई देखने वाला नहीं है सरकार सिर्फ घोषणा पर घोषणा कर रही है लेकिन आम गरीब किसान को कोई लाभ नहीं मिल रहा है। प्रदेश में अपराध चरम पर है। शराबबंदी के नाम पर सरकार अपना पीठ थपथपा रही है लेकिन शराबबंदी बिहार पूरी तरह फ्लॉप है। विकास नाम का कोई चीज नहीं दिख रहा है। सूबे के दर्जनों जिला बाढ़ की विभीषिका झेल रही है। मदद के नाम पर सिर्फ और सिर्फ खानापूर्ति की जा रही है। ।