⇒ यह स्माइल टार्च बिहार में कटे होंठ (क्लेफ्ट) के साथ जन्मे बच्चों और मुस्कराने के उनके अधिकार की और ध्यान आकर्षित करेगी पटना/बिहार : स्माइल ट्रेन इंडिया देष की सबसे बड़ी क्लेफ्ट संस्था और इसके सहयोगी अस्पताल राबिया बसरी हाॅस्पिटल्स, कुर्जी होली फैमिली हाॅस्पिटल और प्रषांत मेमोरियल चेरिटेबल हाॅस्पिटल ने पटना, बिहार में स्माइल टार्च का स्वागत किया। स्माइल टार्च, क्लेफ्ट, लिप पैलेट और इसके उपचार के बारे में नए सिरे से जागरूकता पैदा करने के लिए एक अनूठी, राष्ट्रीय पहल है। स्माइल टार्च 8 फरवरी, 2019 को वाराणसी में राष्ट्रीय क्लेफ्ट दिवस पर लांच की गई थी, और यह पूरे भारत में यात्रा कर रही है ताकि कटे होंठ और तालु के साथ पैदा हुए बच्चों के सामने आने वाली चुनौतियों के बारे में समुदायों को संवेदनशील बनाया जा सके।
इस पहल के बारे में बात करते हुए, स्माईल ट्रेन इंडिया की प्रोग्राम मैनेजर इषानी बिस्वास ने बताया कि “क्लेफ़्ट उपचार में सबसे बड़ी चुनौतियां सामथ्र्य और पहुंच हैं। स्माइल टॉर्च समाज को यह याद दिलाने के लिए कार्य करती है कि क्लेफ्ट वाले बच्चों को मुस्कुराने और हमारे समर्थन की आवश्यकता है। केवल एक साथ मिलकर ही हम समाज की मुख्यधारा में इन बच्चों का पूर्ण एकीकरण सुनिश्चित कर सकते हैं।”
स्माईल ट्रेन इंडिया की इस पहल का हिस्सा होने के नाते स्माईल ट्रेन इंडिया और सहयोगी अस्पतालों ने कार्यक्रमों की एक श्रंखला आयोजित की है ताकि जन्म से क्लेफ्ट से ग्रसित बच्चों के संबंध में जागरुकता फैलाई जा सके। इसमें शामिल हैं – क्लेफ्ट वाॅकाॅथाॅन, और एक स्ट्रीट थियेटर जो इन बच्चों को हो रही समस्याओं के प्रति लोगों को संवेदनषील बनाने के प्रति जागरुकता फैलाने का काम करता है। राबिया बसरी हाॅस्पिटल में एक पेषेंट स्क्रीनिंग कैंप भी आयोजित किया गया। एक अंदाजा है कि भारत में हर साल करीब 35000 बच्चे क्लेफ्ट की समस्या के साथ पैदा होते हैं।
क्लेफ्ट के बारे में बात करते हुए डाॅ. मोहम्मद जमषेद खान, प्रोजेक्ट डायरेक्टर, स्माईल ट्रेन इंडिया प्रोग्राम, राबिया बसरी हाॅस्पिटल ने कहा कि, “कटे होंठ और तालू वाले बच्चों का अक्सर उपहास किया जाता है, लेकिन अधिक महत्वपूर्ण बात यह है कि उन्हें खाने, सांस लेने और बोलने में कठिनाई हो सकती है। ज्यादातर बच्चे स्कूल नहीं जा पाते या नौकरी नहीं कर पाते। शुरुआती कदम से बच्चों को स्वस्थ जीवन जीने, अच्छी षिक्षा, ट्रेड एवं समाज में जिम्मेदार बनने में मदद मिल सकती है। क्लेफ्ट सर्जरी आसान और त्वरित नतीजे देने वाली होती है। इलाज के बाद बच्चे स्कूल जा सकते हैं और उन्हें स्कूल जाने का, दोस्त बनाने का और रोजगार पाने का मौका मिल सकता है।”
मो. आफताब आलम, अध्यक्ष नगर परिषद, फुलवारी शरीफ, पटना, डॉ. विवेक कुमार, मेडिकल कमांडेंट, सशस्त्र सीमा बल, डॉ. आरएन द्विवेदी, राज्य कार्यक्रम अधिकारी, राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्षेत्र, बिहार और डॉ. सहजानंद प्रसाद सिंह, पूर्व अध्यक्ष, आईएमए, बिहार ने इस कार्यक्रम में शिरकत की और बच्चों के लिए अपना समर्थन जताया। क्लेफ्ट के साथ पैदा हुए बच्चों ने भी अपने अनुभव साझा किए।
स्माइल ट्रेन ने अपने साथी अस्पताल राबिया बसरी हाॅस्पिटल्स और कुर्जी होली फैमिली हाॅस्पिटल पटना में 19,000 से अधिक क्लेफ्ट सर्जरी की है और मुजफ्फरपुर में प्रषांत मेमोरियल चेरिटेबल अस्पताल के साथ मिलकर 4000 से ज्यादा सर्जरी की है। सिर्फ 19 वर्षों में स्माइल ट्रेन इंडिया ने बिहार में 24000 से अधिक मुफ्त क्लेफ्ट सर्जरी और भारत में 5.5 लाख क्लेफ्ट सर्जरियों में योगदान किया है।