मधेपुरा : शिक्षक का मुख्य कार्य है, विद्यार्थी का चरित्र-निर्माण-कुलपति

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अमित कुमार अंशु
उप संपादक

मधेपुरा/बिहार :  शिक्षण रोजी-रोजगार का जरिया नहीं है, बल्कि यह एक धर्म है। हमें इस धर्म के निर्वहण हेतु हमेशा तत्पर रहना चाहिए।

 यह बात बीएनएमयू कुलपति प्रो डा अवध किशोर राय ने कही। वे मंगलवार को विश्वविद्यालय से स्थाई संबंधन प्राप्त मधेपुरा काॅलेज मधेपुरा में बीएड सत्र 2019-21 के सत्रारंभ कार्यक्रम का उद्घाटन कर रहे थे। कुलपति ने कहा कि सभी स्तर के शिक्षकों का मान बराबर । जिसने आपको एक अक्षर भी ज्ञान दिया है, उसके ॠण से उॠण नहीं हुआ जा सकता है। कुलपति ने कहा कि भारतीय परंपरा में शिक्षक को आचार्य कहते हैं। आचार्य का अर्थ है, आचरण के द्वारा शिक्षा देने वाला। वास्तविक शिक्षक वही है, जो अपने आचरण से शिक्षा देता है। शिक्षक का मुख्य कार्य है, विद्यार्थी का चरित्र-निर्माण।

शिक्षक होना अपने आपमें एक गौरब की बात : कुलपति ने कहा कि शिक्षक होना अपने आपमें एक गौरब की बात है। शिक्षकों को पूरे जीवन ज्ञानार्जन के प्रति समर्पित रहना चाहिए और अपने चरित्र के माध्यम से समाज में एक आदर्श उदाहरण प्रस्तुत करना चाहिए। कुलपति ने कहा कि शिक्षक राष्ट्र-निर्माता है। इनके ऊपर समाज एवं राष्ट्र के निर्माण की महती जिम्मेदारी है। अच्छे शिक्षक के माध्यम से ही अच्छे नागरिक का निर्माण होता है और अच्छे नागरिक से ही अच्छा समाज एवं राष्ट्र बनता है।

नहीं आयेंगे छात्र, फिर भी प्रध्यापक वर्ग में दें पूरा समय : कुलपति ने कहा कि कुलाधिपति सह राजपाल के द्वारा किए गए शिक्षा के क्षेत्र में कार्य सराहनीय है। राजपाल ने बिहार के सभी कुलपतियों को शिक्षा के क्षेत्र में सुधार लाने का निर्देश दिया है। राज्यपाल के निर्देश के आलोक में सभी महाविद्यालय को पत्र भेजा जा चुका है। उन्होंने राज्यपाल के निर्देश के तहत विश्वविद्यालय में स्नातक प्रथम खंड का नामांकन ऑनलाइन लिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि 20 जुलाई तकनामांकन की प्रक्रिया पूर्ण तरह से समाप्त कर दी जाएगी। इससे पूर्व ही प्रथम सूची तथा द्वितीय सूची में नामांकित बच्चों का दो जुलाई से ही वर्ग संचालन शुरू कर दिया जाएगा।

उन्होंने कहा कि सभी प्रधानाचार्य को यह निर्देश दिया गया है कि वह स्नातक प्रथम खंड सत्र 19 – 20 का रूटीन तैयार कर महाविद्यालय के वेबसाइट पर अपलोड करें तथा विश्वविद्यालय के भी वेबसाइट पर अपलोड कर दिया जाए। जिसके बाद शिक्षक रूटीन के अनुसार अपने वर्ग में जाएंगे. अगर छात्र-छात्राएं वर्ग नहीं भी पहुंचते हैं तो शिक्षक वर्ग का पूरा समय वर्ग में ही देंगे।

छात्र-छात्राएं वर्ग में उपस्थित नहीं होने की विवि की थी प्रथा : कुलपति ने कहा कि बीएनएमयू में यह प्रथा चली आ रही है कि छात्र-छात्राएं वर्ग में उपस्थित नहीं होते हैं लेकिन अब छात्र-छात्राएं वर्ग में उपस्थित भी होते हैं। लेकिन छात्रों की संख्या और बढ़ानी है।  उन्होंने कहा कि उपस्थिति की संख्या बढ़ाने के लिए विश्वविद्यालय की ओर से कई कार्य किए जा रहे हैं, जिसमें महाविद्यालय के स्नातक प्रथम खंड के सभी छात्र-छात्राओं का हर महीने एक वर्ग परीक्षा ली जाएगी। इस तरह एक वर्ष में छह वर्ग परीक्षा ली जाएगी. जिसके बाद जो छात्र-छात्राएं सभी परीक्षा मिलाकर के अधिक अंक प्राप्त करते हैं, उन्हें विश्वविद्यालय की ओर से पुरस्कृत भी किया जाएगा। इसके पीछे विश्वविद्यालय का एक ही लक्ष्य है कि छात्र-छात्राएं वर्ग में उपस्थित हो।

शिक्षक समय पर कक्षा नहीं आते हैं, तो विवि को देंं सूचना : कुलपति ने सभी छात्र-अध्यापकों को बहुत-बहुत बधाई एवं शुभकामनाएंं दीं और कहा कि वे नियमित रूप से कक्षा में आएं। यदि कोई शिक्षक निर्धारित समय पर कक्षा में नहीं आते हैं, तो विश्वविद्यालय को सूचना दें। कुलपति ने कहा कि शिक्षा के बिना समाज एवं राष्ट्र का विकास संभव नहीं है, इसलिए हमारा मुख्य उद्देश्य शिक्षा को जनजन तक पहुंंचाना है। इसके लिए हम दिनरात अथक प्रयास कर रहे हैं।

विवि प्रशासन के प्रयास से शिक्षा विभाग की शुरूआत : कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए प्रति कुलपति प्रो डा फारूक अली ने कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन के अथक प्रयासों से यहांं शिक्षा विभाग की शुरूआत हुई है। हम यहांं के शिक्षकों एवं छात्र – छात्राओं को सभी सुविधाएं देने हेतु प्रतिबद्ध हैं। हमारी अपेक्षा है कि यह विभाग नंबर वन विभाग बने। डीएसडबल्यू डा शिवमुनि यादव ने सभी छात्र – छात्राओं से अपील की कि वे नियमित रूप से कक्षा में आएं और छात्रावास, पुस्तकालय, केंटीन आदि सभी सुविधाओं का लाभ उठाएं।

कुलपति डा एके राय को एक मिले और कार्यकाल : यूभीके काॅलेज कड़ामा के प्रधानाचार्य डा माधवेन्द्र झा ने प्रधानाचार्य महासंघ की ओर से अपील की कि कुलपति प्रो डा अवध किशोर राय को एक कार्यकाल और मिले। कार्यक्रम की शुरुआत कुलपति ने दीप प्रज्जवलित कर की. सभी अतिथियों का अंगवस्त्रम् एवं पुष्पगुच्छ एवं पाग से स्वागत किया गया। रौशन कुमार, आरती कुमारी एवं स्वाती कुमारी ने सरस्वती वंदना एवं स्वागत गीत प्रस्तुत किया।

इस अवसर पर सिंडीकेट सदस्य डा जवाहर पासवान, महाविद्यालय शासी निकाय के सदस्य डा उदय कृष्ण, उप प्रधानाचार्य डा भगवान कुमार मिश्र, पीआरओ डा सुधांशु शेखर, बीएड विभागाध्यक्ष डा बीएन सिंह, कुलपति के निजी सहायक शंभु नारायण यादव, मनोज भटनागर, विजेन्द्र मेहता, ब्रजेश मंडल, डा कुमार विद्यानंद सिंह, डा आरती झा, मुकेश कुमार, संजीव कुमार, शशि शेखर कुमार आजाद, प्रेम कुमार, रिंकी कुमारी, कुमार चन्देश्वरी यादव, सच्चिदानंद, शोभा कुमारी, तरूण  कुमार, मिथिलेश कुमार, अमल किशोर, विभाष कुमार यादव, सौरभ कुमार, वंशी आदि उपस्थित थे।


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