मुजफ्फरपुर/बिहार : जल संरक्षण आज राष्ट्रीय प्राथमिकता का विषय है। प्रशासनिक स्तर के साथ-साथ सामूहिक स्तर, व्यक्तिगत स्तर एवं वैश्विक स्तर पर जल का संरक्षण समय की परम आवश्यकता है। ऐसी स्थिति में सरकारी प्रयासों के अलावा भी हम सभी को जल की एक-एक बूंद को बचाना होगा।
उक्त बात जिलाधिकारी आलोक रंजन घोष ने जल शक्ति अभियान के तहत आयोजित बैठक में कही। उन्होंने कहा कि जल को सुरक्षित रखने के लिए सही प्रबंधन के अनुसार कार्य करना होगा। भू-गर्भ जल का दोहन, पारंपरिक जल स्रोतों का तेजी से विलुप्त होना, वर्षा की अनियमितता, शहरीकरण इत्यादि कारणों से उत्पन्न गंभीर जल संकट के मद्देनजर केंद्र सरकार का महत्वाकांक्षी अभियान जल शक्ति अभियान को लेकर समाहरणालय स्थित सभाकक्ष में बैठक हुई।
बैठक में ग्रामीण विकास, पीएचईडी, जीविका, भवन निर्माण, वन विभाग, लघु सिंचाई, कृषि इत्यादि विभागों के पदाधिकारियों को कई आवश्यक निर्देश दिए गए। बैठक में बताया गया कि वर्षा जल को रोकने एवं बहने से बचाने के लिए पुराने तालाबो की उड़ाही के साथ- साथ बड़े पैमाने पर नए तालाबो का निर्माण होगा इसके लिए साथ ही साथ सभी सार्वजनिक कुँओ जिनकी संख्या लगभग 840 है की उड़ाही कराई जाएगी। इस हेतु पीएचईडी और कृषि विभाग को निर्देश दिए गए। सभी स्कूल, आंगनवाड़ी केंद्र, सरकारी भवनों में जल संरक्षण के लिए रेन वाटर हार्वेस्टर बनाने के लिये आवश्यक कदम उठाने का निर्देश भी दिया गया।
जल संरक्षण की स्किमो में तालाब का निर्माण, आहार ,पोखर, नहर, पाइप लाइन की योजनाएं ली जाएंगी। इस अभियान के तहत भू-गर्भ जल संरक्षण, भू-गर्भ जल धारण क्षमता में वृद्धि से संबंधित संरचनाओं का निर्माण, छत का वर्षा जल संचयन की संरचना का निर्माण, चापाकल एवं बोरवेल से निकलने वाले व्यर्थ पानी के संचयन हेतु सोक/रिचार्ज पीट का निर्माण, पारंपरिक जल स्रोतों का जीणोद्धार, तालाबो की उड़ाही, नए तालाबो का निर्माण, खेत पोखर से संबंधित निर्माण कार्य, रिचार्ज पीट, सोक पीट का निर्माण, सूक्ष्म एवम लघु सिंचाई से संबंधित कार्य, सभी चापाकल एवं सार्वजनिक कुँओं के लिए सोक पिट का निर्माण करना, सरकारी भवनों के लिए छत के वर्षा जल की संचयन की संरचना का निर्माण करना इत्यादि कार्य किये जायेंगे।
इस अभियान को मूर्त रूप देने के लिए सभी प्रखंडों में मुसहरी और सकरा सहित व्यापक रूप से वृक्षारोपण कार्यक्रम भी चलाये जाएंगे। इस हेतु सभी विभाग के अंतर्गत कर्मियों का उन्मुखीकरण भी किया जाएगा। साथ ही व्यापक स्तर पर जागरूकता कार्यक्रम भी किये जायेंगे। जल शक्ति अभियान में जनप्रतिनिधियों का सहयोग भी लिया जाएगा। सभी समारोहों और कार्यक्रमो में उनकी भी उपस्थिति होंगी।
बैठक में डीडीसी उज्ज्वल कुमार, एडीएम आपदा- अतुल कुमार बर्मा, जिला पंचायती राज पदाधिकारी मो फैयाज अख्तर, डीआरडीए निदेशक ज्योति कुमार, जिला जनसम्पर्क पदाधिकारी कमल सिंह, जिला कृषि पदाधिकारी के के बर्मा के साथ सभी जिलास्तरीय पदाधिकारी, सभी बीडीओ और सभी पीओ उपस्थित थे।