दरभंगा/बिहार : दरभंगा जिला के विख्यात धर्मगुरु और शफी मुस्लिम हाई स्कूल के पूर्व शिक्षक व मदरसा इस्लामिया झगरुआ के वर्तमान सचिव हज़रत मौलाना सय्यद अबू अख़्तर क़ासमी साहब के कार्य व जीवन पर एक दिवसीय सेमिनार” मौलाना अबू अख़्तर क़ासमी- हयात व खिदमात” के नाम से अल्लामा इक़बाल लाइब्रेरी में आयोजित हुआ जिसमें शहर के बुद्धजीवी धर्मगुरुओं ने शिरकत कर मौलाना के कार्य व जीवीनी पर विस्तार से चर्चा की।
सेमिनार की अध्यक्षता क़ाज़ी-ए-शरीयत हज़रत मौलाना क़ासिम मुज़फ्फरपुरी ने की जबकि मुख्य अतिथि के तौर पर पूर्व केंद्रीय मंत्री अली अशरफ फातमी शामिल हुए। मंच संचालन डॉ अब्दुल मतीन क़ासमी ने की जबकि सेमिनार के कन्वेनर पत्रकार आरिफ इक़बाल आए हुए सभी अतिथियों का स्वागत किया। अली अशरफ फातमी ने कहा कि मौलाना से हमारे पुराने सम्बन्ध रहे है। इन्होंने पिछले 60 सालों में शिक्षा के क्षेत्र में जो योगदान दिया है वो सराहनीय है। वो मुझ जैसे छात्रों के लिए उनकी शख्सियत एक मार्गदर्शक की है। इस सेमिनार से मौलाना के अकीदतमंदों को काफी कुछ सीखने को मिलेगा।
पटना से आए मौलाना शकील क़ासमी ने कहा कि मौलाना अबू अख़्तर क़ासमी एक ऐसे इंसान है जो बिना किसी भेद भाव से ऊपर उठ कर आपसी भाईचारगी को बढ़ावा देने और देशी हित में काम किया है। इस मौके पर मौलाना अबू अख़्तर क़ासमी को उस्ताद-उल-असात्जा अवार्ड से नवाज़ा गया।
सेमिनार को सम्बोधित करने वालों में इमारते शरीया बिहार के क़ाज़ी मौलाना क़ासिम मुज़फ्फरपुरी, मदरसा शमसुल होदा पटना के पूर्व प्रिंसिपल मौलाना अबुल कलाम क़ासमी शम्सी, मौलाना वसी क़ासमी, मौलाना शहनवाज़ बदर क़ासमी, प्रोफेसर शमीम बारवी, मुफ़्ती आफ़ताब गाज़ी आदि प्रमुख थे।